Geography of India
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कृषि के प्रकार Types of Agriculture
  • December 1, 2017

भारतीय कृषि को मुख्य रूप से तीन भागों में विभाजित किया गया है: स्थानांतरण कृषि कृषि की इस पद्धति के तहत किसान अपने परिवार की खाद्य आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए कृषि करता है। यदि अपने परिवार की आवश्यकताओं की पूर्ति के बाद खाद्यान्न बच जाता है, तो उसका उपयोग अन्य वस्तुओं के लेन-देन में […]

कागज उद्योग
  • November 25, 2017

कागज उद्योग देश की प्रथम असफल कागज मिल 1832 में सेरामपुर (बंगाल) में स्थापित की गयी। बाद में, 1870 में बालीगंज (कोलकाता के निकट) में पुनः एक मिल की स्थापना की गयी। किंतु कागज उद्योग का नियोजित विकास स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद ही संभव हो सका। कागज उद्योग हेतु बांस, गूदा, छीजन, सलाई व सबाई […]

भारतीय मानसून की प्रकृति
  • October 20, 2017

भारतीय मानसून की प्रकृति दक्षिण एशियाई क्षेत्र में वर्षा के कारणों का व्यवस्थित अध्ययन मानसून के कारणों को समझने में सहायता करता है इसके कुछ विशेष पक्ष इस प्रकार हैं- मानसून का आरंभ तथा उसका स्थल की ओर बढ़ना वर्षा लाने वाले तंत्र (उदाहरणत: उष्णकटिबंधीय चक्रवात) तथा मानसूनी वर्षा की आवृति एवं वितरण के बीच […]

भारत की जलवायु को प्रभावित करने वाले कारक
  • October 7, 2017

प्रस्तावना भारत की जलवायु उष्ण मानसूनी है जो दक्षिणी एवं दक्षिणी पूर्वी एशिया में पाई जाती है. मानसून से अभिप्राय ऐसी जलवायु से है जिसमें ऋतु के अनुसार पवनों की दिशा में उत्क्रमण हो जाता है. भारत की जलवायु को प्रभावित करने वाले कारक भारत की जलवायु को नियंत्रित करने वाले अनेक कारक हैं जिन्हें […]

उत्तरी भारत का मैदान
  • September 27, 2017

उत्तरी भारत का मैदान प्रस्तावना उत्तरी भारत का मैदान हिमालय के दक्षिण कोई 2400 किलोमीटर में पूर्व से पश्चिम तक फैला हुआ है. इसकी चौड़ाई 240 से 500 किलोमीटर है. इसका क्षेत्रफल 7 लाख वर्ग किलोमीटर है. सबसे कम चौड़ाई पूर्वी भाग में मिलती है. यह मैदान समतल है, और यहाँ कोई पर्वत नहीं है. […]

भारत :संरचना एवं भू आकृति प्रदेश
  • September 25, 2017

भारत :संरचना एवं भू आकृति प्रदेश प्रस्तावना भारतीय उपमहाद्वीप की वर्तमान भूवैज्ञानिक संरचना व इसके क्रियाशील भू-आकृतिक प्रक्रम मुख्यतः अंतर्जनित व बहिर्जनिक बलों व प्लेट के क्षैतिज संचरण की अंतः क्रिया के परिणाम स्वरुप अस्तित्व में आए हैं. भूवैज्ञानिक संरचना व शैल समूह की भिन्नता के आधार पर भारत को तीन भूवैज्ञानिक खंडों में विभाजित […]

भारत में चीनी उद्योग: Sugar industry in india
  • August 16, 2017

Click on the Link to Download Sugar industry in india PDF चीनी उद्योग चीनी उद्योग भारत का दूसरा सबसे पहा कृषि-आधारित उद्योग है। इसके लिए मूलभूत कच्चा माल गन्ना है, जिसकी कुछ गुणात्मक विशेषताएं निम्नलिखित हैं- यह अपना वजन खोने वाला कच्चा माल है। इसे तंबे समय तक भंडारित नहीं किया जा सकता, क्योंकि उस […]

भारत में सूती वस्त्र उद्योग
  • August 10, 2017

Click on the Link to Download भारत में सूती वस्त्र उद्योग PDF सूती वस्त्र उद्योग सूती वस्त्र का प्रथम आधुनिक कारखाना 1818 में फोर्ट ग्लास्टर, कोलकाता में लगाया गया था। भारतीय पूंजी से प्रथम सफल कारखाना कवास जी डाबर द्वारा 1854 में मुंबई में लगाया गया।सूती वस्त्र उद्योग एक शुद्ध कच्चा माल आधारित उद्योग है।अतः […]

भारत की प्रमुख जनजातियाँ (Major tribes of India)
  • July 30, 2017

Click on the Link to Download भारत की प्रमुख जनजातियाँ PDF प्रस्तावना भारत का संविधान अनुसूचित जनजातियों को परिभाषित नहीं करता है, इसलिए अनुच्छेद 366(25) अनुसूचित जनजातियों का संदर्भ उन समुदायों के रूप में करता है जिन्हें संविधान के अनुच्छेद 342 के अनुसार अनुसूचित किया गया है। संविधान के अनुच्छेद 342 के अनुसार, अनुसूचित जनजातियाँ […]

भारत में सिंचाई के साधन
  • May 16, 2017

प्रस्तावना कृषि विकास पर्यावरणीय, राजनीतिक, संस्थात्मक एवं आधार संरचनात्मक कारकों द्वारा प्रभावित होता है। आधार संरचनात्मक कारकों के अंतर्गत सिंचाई, विद्युत आपूर्ति, रासायनिक या जैविक उर्वरक, उन्नत बीज इत्यादि को शामिल किया जाता है। ये कारक समष्टि एवं व्यष्टि, दोनों स्तरों पर एक विशिष्ट भूमिका का निर्वाह करते हैं। सिंचाई कृत्रिम साधनों द्वारा खेतों को […]


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