समसामयिकी नवम्बर : CURRENT AFFAIRS NOVEMBER : 8-15

  • admin
  • November 15, 2016

हर्बल दवाओं के लिए 9वें अंतर्राष्ट्रीय नियामक सहयोग बैठक

  • आयुष मंत्रालय हर्बल दवाओं के लिए अंतर्राष्ट्रीय नियामक सहयोग (आईआरसीएच) की 9 वीं वार्षिक बैठक का 8 से 10 नवंबर, 2016 तक नई दिल्ली में आयोजन किया गया ।
  • 2007 से आईआरसीएच नेटवर्क का एक सक्रिय सदस्य होने के कारण आयुष मंत्रालय का अभी तक आयोजित आईआरसीएच बैठकों में प्रतिनिधित्व किया गया है और इसे 9वीं वार्षिक आईआरसीएच बैठक का आयोजन करने का सम्मान प्राप्त हुआ है।
  • स्थापना
    हर्बल दवाओं के लिए अंतर्राष्ट्रीय नियामक सहयोग (आईआरसीएच) की स्थापना 2006 में हुई थी। जो हर्बल दवाओं के नियमन के लिए जिम्मेदार विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) द्वारा सृजित नियामक प्राधिकारियों का एक वैश्विक नेटवर्क है। इसका उद्देश्य हर्बल दवाइयों के उन्नत विनियम द्वारा जनस्वास्थ्य की सुरक्षा और उसे बढ़ावा देना है।
    उद्देश्य

  • आईआरसीएच बैठक का उद्देश्य क्षेत्रीय पहल, जानकारी साझा करने और संवाद को बढ़ावा देने के माध्यम से हर्बल दवाइयों के उपयोग को वैश्विक रूप से बढ़ावा देना है।
  • इसके अलावा अनुभवों, जानकारी और विनियमों, गुणवत्ता, सुरक्षा और हर्बल दवाओं की प्रभाविता से संबंधित ज्ञान और जानकारी को साझा करने के लिए राष्ट्रीय नियामक प्राधाकारियों के मध्य सहयोग को मजबूत करने के साथ-साथ मौजूदा जरूरत और मानकों के बारे में विचार-विमर्श करना है।
  • इस बैठक में हर्बल दवाइयों की गुणवत्ता और सुरक्षा के बारे में डब्ल्यूएचओ से संबंधित गतिविधियों की सिफारिश करना दवा नियामक प्राधिकरणों और अन्य संकायों द्वारा मुद्दों को अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन में अग्रेषित करना तथा हर्बल दवाइयों की गुणवत्त और सुरक्षा के संबंध में विचार-विमर्श करना भी शामिल है।
  • भारत और ब्रिटेन ने बौद्धिक संपदा अधिकारों पर समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए
    भारत और ब्रिटेन ने बौद्धिक संपदा अधिकारो के क्षेत्र में दिवपक्षीय सहयोग गतिविधियों स्थापित करने के लिए समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए। यह समझौता ज्ञापन औद्योगिक नीति और संवर्धन विभाग(डीआईपीपी) और ब्रिटेन बौद्धिक संपदा कार्यालय(यूकेआईपीओ) के मध्य हुआ है।समझौता ज्ञापन से दोनो देशों के बीच नवाचार,सृजनात्मकता और आर्थिक वृद्धि को प्रोत्साहन मिलेगा।
    समझौता ज्ञापन के द्वारा विस्तृत और स्थिति के अनुसार ढ़ालने योग्य ढांचा स्थापित किया जाएगा जिससे दोनों देश सर्वश्रेष्ठ कार्यप्रणाली सांझा कर सकेंगे। इसके साथ ही दोनो देश बौद्धिक संपदा अधिकारों के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रमो और तकनीकी आदान-प्रदान के क्षेत्र में मिलजुल कार्य कर सकेंगे।
    समझौता ज्ञापन के अनुसार निम्नलिखित क्षेत्रों को प्राथमिकता प्रदान की जाएगी :
    1.दोनो देशों के नागरिकों,व्यापारियों और शैक्षणिक संस्थानों के बीच बौद्धिक संपदा जागरूकता बढ़ाने के लिए सर्वश्रेष्ठ कार्यप्रणाली,अनुभवो और ज्ञान का आदान-प्रदान करना
    2.प्रशिक्षण कार्यक्रमों मे सहयोग,विशेषज्ञों का आदान-प्रदान,तकनीकी सहयोग और विस्तृत गतिविधियां करना
    3.बौद्धिक संपदा पर ज्ञान, अनुभवों और सर्वश्रेष्ठ कार्यप्रणाली का औद्योगिक क्षेत्र, विश्वविद्यालयों,अनुसंधान और विकास संगठनों और लघु और मध्यम उद्यमियो के साथ कार्यक्रमों में भागीदारी द्वारा आदान-प्रदान और प्रसार
    4.एकस्व अधिकार पत्र,व्यवसायिक चिन्ह,औद्योगिक प्रारूप और भौगोलिक संकेतको के निपटान के आवेदनो की प्रकिया के साथ-साथ बौद्धिक संपदा अधिकारो के प्रयोग,प्रवर्तन और संरक्षण पर सूचना और सर्वश्रेष्ठ कार्यप्रणाली का आदान-प्रदान
    5.बौद्धिक संपदा में सूचना प्रणाली,नवीन प्रलेखन, स्वचालन के विकास में सहयोग औऱ नवीनीकरण परियोजनाओं के कार्यान्वयन और बौद्धिक संपदा के प्रबंधन की प्रकिया में आपसी सहयोग
    6.परपंरागत ज्ञान के संरक्षण को समझने पर सहयोग, परपंरागत ज्ञान संबंधी आंकडों सर्वश्रेष्ठ कार्यप्रणाली का आदान-प्रदान

    कन्या भ्रूण हत्या की घटनाएं रोकने के उपाय
    सुप्रीम कोर्ट ने देश में कन्या भ्रूण हत्या पर अंकुश लगाने के लिए निर्देश जारी किया है। इन निर्देशों के द्वारा यह सुनिश्चित करना है कि गर्भ धारण करने से पहले और बाद में लिंग चयन रोकने और प्रसवपूर्व निदान तकनीक को नियमित करने के लिए सरकार के द्वारा बनाए गए कानून को गंभीरता से लागू किया जा सके |न्यायालय ने देश में बिगड़ती हुई लिंगानुपात पर चिंता व्यक्त की है और कहा है कि महिलाओं के खिलाफ भेदभाव “संवैधानिक रूप से अनुचित है |
    दिशा निर्देश
    सरकार ने देश में कन्या भ्रूण हत्या रोकने के लिए बहुआयामी रणनीति अपनाई है। इसमें जागरुकता पैदा करने और विधायी उपाय करने के साथ-साथ महिलाओं को सामाजिक-आर्थिक रूप से अधिकार संपन्न बनाने के कार्यक्रम शामिल हैं। इनमें से कुछ उपाय नीचे दिए गए है जिन्हें सख्ती से पालन करने की ज़रूरत है—

  • सभी राज्य सरकार अधिनियम को मजबूती से कार्यान्वित करें और गैर-कानूनी तरीके से लिंग का पता लगाने के तरीके रोकने के लिए कदम उठाएं।
  • राज्यों के मुख्यमंत्री लिंग अनुपात की प्रवृति को उलट दें और शिक्षा और अधिकारिता पर जोर देकर बालिकाओं की अनदेखी की प्रवृत्ति पर रोक लगाएं।
  • राज्यों और संघ राज्य क्षेत्र कानून को गंभीरता से लागू करने पर अधिकतम ध्यान दें।
  • पीएनडीटी कानून के अंतर्गत केंद्रीय निगरानी बोर्ड का गठन किया गया और इसकी नियमित बैठकें कराई जा रही हैं।
  • वेबसाइटों पर लिंग चयन के विज्ञापन रोकने के लिए यह मामला संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के समक्ष उठाया गया।
  • राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत कानून के कार्यान्वयन के लिए सरकार सूचना, शिक्षा और संचार अभियान के लिए राज्यों और संघ राज्य क्षेत्रों को वित्तीय सहायता दे ।
  • राज्यों को सलाह दी गई है कि इसके कारणों का पता लगाने के लिए कम लिंग अनुपात वाले जिलों/ब्लाकों/गांवों पर विशेष ध्यान दें, उपयुक्त व्यवहार परिवर्तन संपर्क अभियान तैयार करे और पीसी और पीएनडीटी कानून के प्रावधानों को प्रभावकारी तरीके से लागू करे।
  • धार्मिक नेता और महिलाएं लिंग अनुपात और लड़कियों के साथ भेदभाव के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान में शामिल हो ।
  • भारत सरकार और अनेक राज्य सरकारों ने समाज में लड़कियों और महिलाओं की स्थिति सुधारने के लिए विशेष योजनाएं लागू की जाए |
  • प्रधानमंत्री युवा योजना

  • कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्रालय के दूसरे स्थापना दिवस के अवसर पर कौशल विकास और उद्यमशीलता राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री राजीव प्रताप रूडी ने आज उद्यमशीलता शिक्षा और प्रशिक्षण के बारे में मंत्रालय की एक प्रमुख योजना प्रधानमंत्री युवा योजना का शुभारंभ किया।
  • पांच साल (2016-17 से 2020-21 तक) की अवधि में 499.94 करोड़ की परियोजना लागत से यह योजना 3050 संस्थानों के माध्यम से 7 लाख से अधिक प्रशिक्षुओं को उद्यमशीलता शिक्षा और प्रशिक्षण उपलब्ध कराएगी।
  • यह सूचना और संरक्षक नेटवर्क, क्रेडिट, इनक्यूबेटर और एक्सीलेटर तक आसान पहुँच और युवाओं के लिए एक मार्ग का का सृजन करने में सहायता प्रदान करेगी।
  • प्रधानमंत्री युवा योजना के अधीन उच्च शिक्षा के 2200 संस्थान (कॉलेज, विश्वविद्यालय और प्रमुख संस्थान), 300 स्कूल, 500 आईटीआई और 50 उद्यमिता विकास केंद्र मैसिव ओपन ऑनलाइन कोर्सेज (एमओओसी) के माध्यम से शामिल हैं।
  • ‘कहीं भी-कभी भी’ चिकित्सा सुविधा

  • श्रम और रोजगार राज्य मंत्री (स्वातंत्र प्रभार) श्री बंडारू दत्तावत्रेय ने कल यहां दिल्लीा के ईएसआईसी लाभार्थियों के लिए ‘कहीं भी-कभी भी’ चिकित्सा सुविधा का शुभारंभ और ईएसआई डिस्पेंतसरी की ‘छह बिस्तीरों वाली डे-केयर यूनिट’ का उद्घाटन किया।
  • ईएसआई निगम ने देश भर की विभिन्न ईएसआई डिस्पेंसरियों में छह बिस्तरों वाले डे-केयर केन्द्र खोलने का फैसला किया है। ये केन्द्र चिकित्सा सुविधा के साथ अपने आप में एक पूर्ण इकाई होंगे।
  • चिकित्साा सुविधा में सुधार के लिए सार्वजनिक-निजी भागीदारी के आधार पर दंत चिकित्साि, फिजियोथैरेपी, योग, एक्सा-रे इकाई जैसी सुविधाएं और लाभ नहीं उठा पाने वाले मातृ-शिशु की पहचान, बीमित व्यक्ति को उसके घर तक दवाई पहुंचाने के लिए कोरियर सेवा भी उपलब्ध कराई जाएगी।
  • दिल्ली के ईएसआईसी लाभार्थियों के लिए ‘कहीं भी-कभी भी’ के रूप में ईएसआईसी ने एक कदम उठाया है। ‘कहीं भी’ का मतलब कोई डिस्पेंसरी/अस्पकताल और ‘कभी भी’ का मतलब किसी भी समय है। अब बीमित व्यक्ति और उसके परिजन किसी भी समय दिल्ली’ की सभी डिस्पेंसरियों में इलाज करवा सकते हैं।
  • भारत तपेदिक बीमारी उन्मूलन के लिए अनुसंधान कार्य में अग्रणी

    तपेदिक(टीबी) भारत की एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या है। इस बीमार से प्रत्येक तीन मिनट में दो भारतीय और रोजाना 1,000 लोगों की जान चली जाती है। विश्व में भारत पर तपेदिक का बोझ सबसे अधिक है। विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा अक्टूबर 2016 में जारी वैश्विक तपेदिक रिपोर्ट में टीबी बीमारी की घटनाओं का आकलन किया गया यानी 2015 में टीबी के 2.8 मिलियन नए मामले सामने आए और तपेदिक से मरने वाले मरीजों की संख्या एचआईवी पॉजिटिव लोगों की मृत्यु को छोड़कर 2015 में 478,000 तथा 2014 में 483,000 रही।

    आईसीएमआर की अग्रणी पहल भारत टीबी अनुसंधान और विकास निगम(आईटीआरडीसी) का उद्देश्य टीबी के लिए नए साधन(औषधि, निदान और टीके) विकसित करने के लिए प्रमुख राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय हितधारकों को एक साथ लाना है। निगम का विजन नए साधनों (औषधि, निदान और टीके) के विकास में निवेश करके भारत से तपेदिक का उन्मूलन करने के साथ –साथ विश्व को समाधान प्रदान करना है।

    जापान व भारत का परमाणु करार

  • भारत-जापान के बीच टोक्यो में ऐतिहासिक परमाणु करार पर हस्ताक्षर हो गया। पीएम नरेंद्र मोदी और जापान के पीएम शिंजो एबी के बीच लम्बी द्विपक्षीय वार्ता के बीच नौ द्विपक्षीय सहयोग संधियों पर हस्ताक्षर किये गये। इस नागरिक परमाणु सौदे के तहत जापान ने भारत के लिए परमाणु तकनीक और परमाणु रिएक्टर के निर्यात के दरवाजे खोल दिए हैं।
  • नए समझौते के मुताबिक अब जापान की कंपनियां न सिर्फ भारत में परमाणु ऊर्जा संयंत्र लगा सकेंगी बल्कि परमाणु ऊर्जा बनाने के लिए जरूरी तकनीकी भी भारत अब जापान से ले सकेगा। भारत ने अभी तक नाभिकीय अप्रसार संधि (एनपीटी) पर हस्ताक्षर नहीं किया है।
  • वैसे भारत अभी तक अमेरिका, रूस, दक्षिण कोरिया, मंगोलिया, फ्रांस, नामीबिया, अर्जेटीना, कनाडा, कजाखिस्तान, आस्ट्रेलिया के साथ परमाणु करार कर चुका है।
  • इन संधियों के बूते ही भारत अगले दो दशक में 60 हजार मेगावाट बिजली परमाणु ऊर्जा से बनाने की योजना बना चुका है। भारत ने कहा इस समझौते से जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों से निबटने में मदद मिलेगी। जापान पूरी दुनिया से परमाणु हथियारों का खात्मा चाहता है। यह समझौता इसी उद्देश्य से किया है।
  • जापान ने बताया कि मुंबई-अहमदाबाद के बीच हाईस्पीड ट्रेन के कारीडोर का निर्माण 2018 से शुरू होगा और सेवा 2023 से शुरू हो सकेगी। उन्होंने उम्मीद जताई की जापान निर्मित रैपिड ट्रेन नेटवर्क से देश के आर्थिक विकास को गति मिलेगी।
  • आतंक के खिलाफ भारत-जापान : दोनों देशों ने सीमा पार आतंकी गतिविधियों को रोकने और आतंकियों के सुरक्षित ठिकानों को खत्म करने पर भी सहमति जताई। दोनों देशों के नेताओं ने कड़े शब्दों में आतंकवाद की निंदा करते हुए कहा कि आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई जाएगी।

    पहला बैंकिंग रोबोट ‘लक्ष्मी’
    देश को पहला बैंकिंग रोबोट मिल गया है। इसका नाम ‘लक्ष्मी’ रखा गया है। यह रोबोट कस्टमर्स के 125 तरह के सवालों के जवाब दे सकता है। इसे चेन्नई के कुंबाकोनम के सिटी यूनियन बैंक में गुरुवार को लॉन्च किया गया। रोबोट बनाने में 6 महीने से ज्यादा का वक्त लगा है। कुछ दिन बाद एचडीएफसी बैंक भी ऐसा ही रोबोट लेकर आ सकता है, जिसकी लैब में टेस्टिंग चल रही है।
    लक्ष्मी ग्राहक को अकाउंट बैंलेंस, होम लोन पर ब्याज दर, अकाउंट की जानकारी जैसे कई सवालों के जवाब देगी। इसे कोर बैंकिंग सॉल्युशन से जोड़ा गया है।

    कौशल क्षेत्र में संयुक्त अनुसंधान के लिए सहयोग करने हेतु एनएसडीए ने ब्रिटिश काउंसिल के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए

  • राष्ट्रीय कौशल विकास एजेंसी और ब्रिटिश काउंसिल ने आज कौशल विकास के क्षेत्र में संयुक्त अनुसंधान की परियोजनाओं को शुरू करने और सहयोग करने के लिए एनएसडीए के कार्यालय में एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए। ब्रिटिश काउंसिल के डायरेक्टर-इंडिया एलन गेम्मेल और एनएसडीए की डीजी डॉ सुनीता छिब्बा ने समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए।
  • यह सहयोग कौशल विकास के क्षेत्र में समग्र अनुसंधान तंत्र को मजबूत बनाने तथा विभिन्न राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय संगठनों के साथ अनुसंधान सहयोग को प्रोत्साहित करने के लिए किया गया है।
  • इस साझेदारी के तहत, ब्रिटिश काउंसिल और राष्ट्रीय कौशल विकास एजेंसी (एनएसडीए) के तहत एक अनुसंधान प्रभाग- राष्ट्रीय कौशल अनुसंधान प्रभाग (एनएसआरडी) एक दूसरे के साथ मिलकर घनिष्ठता पूर्वक कार्य करेंगे, जिससे कि कौशल निर्माण के क्षेत्र में तीन वर्षों की अवधि के लिए भारत और ब्रिटेन के बीच अनुसंधान गठबंधनों का निर्माण किया जा सके।
  • उद्देश्य
    साझेदारी का उद्देश्य कौशल के क्षेत्र में ब्रिटेन और भारत के बीच ज्ञान का आदान-प्रदान करना तथा अनुसंधान के क्षेत्र में सहयोग को बढ़ावा देना और दोनों देशों के बीच अनुसंधान की क्षमता को विकसित करना है।

    अमेरिका के नए राष्ट्रपति – डोनाल्ड ट्रंप

  • रिपब्लिकन उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप अपनी डेमोक्रेटिक उम्मीदवार हिलेरी क्लिंटन को हराकर अमेरिका के राष्ट्रपति निर्वाचित हो गए।
  • अमेरिका का 45वां राष्ट्रपति बनने के कड़े मुकाबले में 70 वर्षीय अरबपति ने निर्वाचक मंडल के 289 मत हासिल किए, जबकि उनकी प्रतिद्वंद्वी हिलेरी के खाते में 218 मत आए ।
  • राष्ट्रपति चुनाव में जीत दर्ज करने के लिए उम्मीदवार को निर्वाचक मंडल के 538 मतों में से 270 मत हासिल करने की आवश्यकता होती है।
  • चीन ने किया नेविगेशन उपग्रह प्रक्षेपित
    चीन ने एक नेविगेशन उपग्रह प्रक्षेपित किया है जो नई तकनीकों को प्रदर्शित करने के लिए पल्सर डिटेक्टर (संसूचक) का इस्तेमाल करके कक्षा के भीतर प्रयोग करेगा |एक्स रे पल्सर नेविगेशन सैटेलाइट का वजन 200 kg से अधिक है |इसे चीन के जियुवकान लांच सेंटर से प्रक्षेपित किया गया |इसे लॉन्ग मार्च 11 राकेट से प्रक्षेपित किया गया |

    SAIL- स्टील अथॉरिटी ऑफ़ इंडिया लिमिटेड को गोल्डन पीकॉक अवार्ड
    महारत्न कंपनी SAIL ने वर्ष 2016 के लिए भारतीय निवेशकों के संसथान के द्वारा निगमित अभिशासन हेतु गौरवशाली गोल्डन पीकॉक अवार्ड हासिल किया | रोउरकेला स्टील प्लांट के मुख्य कार्यपालक अधिकारी अश्विनी कुमार ने लंदन में निगमित अभिशासन एवं स्थायित्वता पर आयोजित 16 वें लंदन कन्वेंशन के दौरान SAIL की ओर से यह पुरस्कार ग्रहण किया |

    कालिदास सम्मान 2015 -16

  • वरिष्ठ रंगकर्मी पद्म श्री प्रो राज बिसरिया को मध्य प्रदेश सरकार की ओर से कालिदास सम्मान से सम्मानित किया गया |ऐसा पहली बार हुआ है की उत्तर प्रदेश के किसी कलाकार को इस सम्मान के लिए चुना गया है |
  • इससे पहले प्रो बिसरिया को रंगमंच पर उनके योगदान के लिए पद्मश्री ,यशभारती ,आदित्य बिड़ला सम्मान ,राष्ट्रीय नाट्य बिड़ला सम्मान आदि से नवाज़ा जा चुका है |
  • भारत और भूटान के मध्य समझौता
    भारत और भूटान ने व्यापार , वाणिज्य और परिवहन को लेकर एक समझौता किया है जिसका उद्देश्य कारोबारी सुगमता को बढ़ाना ,कागजी करवाई को कम करना और भूटान व अन्य देशों के बीच होने वाले कारोवार के लिए अतिरिक्त प्रवेश निकास द्वार उपलब्ध करवाकर दोनों देशों के बीच व्यापार को बढ़ावा देना है |इस से दोनों देशों के बीच संबंधों में मज़बूती मिलेगी |

    लघु वित्त बैंक उज्जीवन को लाइसेंस

    भारतीय रिज़र्व बैंक ने उज्जीवन फाइनेंसियल सर्विसेज की सहायक उज्जीवन लघु वित्त बैंक लिमिटेड को लघु वित्त बैंक के लिए लाइसेंस प्रदान किया है |
    लघु वित्त बैंक क्या है ?

    लघु वित्त बैंक मुख्य रूप से छोटे व्यापार इकाइयों, छोटे और सीमांत किसानों, सूक्ष्म और लघु उद्योगों और असंगठित क्षेत्र की संस्थाओं आदि के लिए जमा की स्वीकृति और उधार देने की गतिविधियों का कार्य करती है ।

    लघु वित्त बैंक के कार्य —

    छोटे जमा लेते है और ऋण देते है |
    म्यूचुअल फंड, बीमा उत्पादों और अन्य साधारण तीसरे पक्ष के वित्तीय उत्पादों को वितरित करते है । अपनी कुल समायोजित निवल बैंक ऋण (net bank credit)के 75% प्राथमिकता क्षेत्र को उधार देते है ।
    अधिकतम एकल ऋण ,पूंजी कोष का 10 % तक दे सकती है , जबकि एक समूह के लिए ऋण ,पूंजी कोष का 15 % तक हो सकता है |

    लघु वित्त बैंक क्या नही कर सकते है ?

    बड़ी कंपनियों और समूहों को उधार नही दे सकते |
    प्रथम 5 वर्षों तक भारतीय रिजर्व बैंक के अनुमोदन के बिना शाखा नही खोल सकते |
    यह गैर-बैंकिंग वित्तीय सेवाओं गतिविधियों को शुरू करने की सहायक कंपनियों की स्थापना नहीं कर सकते।
    सिंधु समझौता विवाद
    सिंधु समझौते के मामले में पाकिस्तान की शिकायत पर वर्ल्ड बैंक ने कोर्ट ऑफ़ आर्बिट्रेशन बनाई है ,जिसपर भारत ने ऐतराज़ जताया है | J & K में भारत किशनगंगा व रतले हयड्रोपॉवर प्रोजेक्ट चला रहा है |इस पर पाकिस्तान ने आपत्ति करते हुए वर्ल्ड बैंक में शिकयत की थी |वर्ल्ड बैंक ने मध्यस्थता के लिए कोर्ट ऑफ़ आर्बिट्रेशन बनाने का फैसला किया है | साथ ही वर्ल्ड बैंक ने एक तटस्थ विशेषज्ञ की नियुक्ति की है जो पाकिस्तान की शिकायत की जाँच करेगा |
    iashindi.com के सदस्यों के अवकाश पर होने के कारण कुछ महत्वपूर्ण समसामयिक घटनाओं का उल्लेख नही किया गया है | उन घटनाओं को नवम्बर 15-22 में संलग्न किया जाएगा |

    COMMENTS (2 Comments)

    Sanjay Ranu Singh Nov 17, 2016

    Very helpful , Thank u sir..

    Jyoti Nov 16, 2016

    Very Nice!

    LEAVE A COMMENT

    Search

    Verified by ExactMetrics