जी 20 शिखर सम्मेमलन और भारत का पक्ष

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जी 20 शिखर सम्मेमलन और भारत का पक्ष

  • admin
  • September 15, 2016

विश्‍व के सबसे प्रभावशाली देशों के नेताओं के हांगझोऊ शिखर सम्‍मेलन के पारंपरिक घोषणा पत्र में 20 सदस्‍य देशों के लोगों को इस बात से अवगत कराया गया कि जी 20 समूह ‘आतंकवाद के सभी रूपों’ का एकजुट होकर मुकाबला करने के लिए प्रतिबद्ध है।

घोषणा पत्र में कहा गया कि अंतर्राष्‍ट्रीय शांति और वैश्विक अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए चल रहे प्रयासों के लिए आतंकवाद गंभीर चुनौती है और भू-राजनीतिक वातावरण में इससे होने वाले खतरों को विस्‍तार से सूचीबद्ध भी किया गया है। ‘भू-राजनीतिक परिस्थितियों में परिवर्तन से शरणार्थियों की संख्‍या बढ़ने के साथ ही आतंकवाद और संघर्षों से वैश्विक आर्थिक परिदृश्‍य भी जटिल हुआ है।’

हांगझोऊ शिखर सम्‍मेलन में शामिल किया गया दूसरा महत्‍वपूर्ण पहलू भ्रष्‍टाचार और सीमापार कर चोरी था। यह मुद्दा कर चोरी और काले धन की समस्‍या से जूझ रहे भारत के लिए महत्‍वपूर्ण है । घोषणापत्र में कहा गया कि, ‘सार्वजनिक संसाधनों, सतत आर्थिक विकास, वैश्विक वित्‍तीय प्रणाली की समग्रता और कानून पर भ्रष्‍टाचार तथा अवैध वित्‍तीय प्रवाह के हानिकारक प्रभाव को देखते हुए हम भ्रष्‍टाचार के खिलाफ अंतर्राष्‍ट्रीय सहयोग बढ़ाने के लिए जी 20 समूह द्वारा और प्रयास करेंगे ।

सम्‍मेलन में 2017-18 के लिए जी 20 भ्रष्‍टाचार रोधी कार्य योजना का समर्थन किया गया, ताकि सार्वजनिक और निजी क्षेत्र में पारदर्शिता और सत्‍यनिष्‍ठा रहे, भ्रष्‍टाचार को किसी भी हालत में बर्दाश्‍त न किया जाये, हमारे संस्‍थानों में कोई कमी न रहे और हमारी कार्रवाईयों में कोई रूकावट न आये।

जी 20 सम्‍मेलन में इंटरनेट की शक्ति, उसके निष्‍पक्ष अनुप्रयोग और ई-वाणिज्‍य के बारे में भी चर्चा की गई | और कहा गया कि हमारा उद्देश्‍य इसके विकास के लिए अनुकूल वातावरण को बढ़ावा देना तथा विस्‍तारित और बेहतर एवं सस्‍ते ब्रॉडबैंड तक पहुंच, आर्थिक विकास की वृद्धि के लिए सूचना का प्रवाह, विश्‍वास और सुरक्षा सहित  डिजीटल विभाजन को समाप्‍त करना है। इसके साथ ही निजता का सम्‍मान और निजी आंकड़ों की सुरक्षा, सूचना और संचार प्रौद्योगिकी (आईसीटी ) क्षेत्र में निवेश, उद्यमशीलता, डिजीटल परिवर्तन, ई-वाणिज्‍य सहयोग, डिजीटल समावेशन को बढ़ावा और सूक्ष्‍म, लघु और मध्‍यम उद्यमों (एमएसएई) का विकास भी सुनिश्चित करना है।

जी 20 सम्‍मेलन में अंतालिया घोषणा पत्र के पैरा 26 को दोहराया गया, जिसमें खुले और सुरक्षित पर्यावरण के लिए नीतिगत समर्थन और डिजीटल अर्थव्‍यवस्‍था के विकास के लिए पर्याप्‍त तथा प्रभावी बौद्धिक संपदा अधिकार (आईपीआर) संरक्षण और कार्यान्‍वयन की महत्‍वपूर्ण भूमिका को मान्‍यता देने की प्रतिबद्धता है। और कहा गया कि हम आर्थिक सहयोग और विकास संगठन (ओईसीडी), अंतर्राष्‍ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ), डिजीटल अर्थव्‍यवस्‍था आंकने के राष्‍ट्रीय और अन्‍य अंतर्राष्‍ट्रीय संगठन द्वारा किए गए प्रयासों का स्‍वागत करते हैं और हम मानते है कि संबंधित अनुसंधानों तथा आदान-प्रदान की अधिक आवश्‍यकता है।

भारत का पक्ष——

भारत ने आतंकवाद के समान ही कर चोरी और काले धन के समस्‍या की गंभीरता पर बल दिया। कर चोरों के लिए सुरक्षित स्‍थानों को समाप्‍त करने पर बल देते हुए भारत ने विश्‍व नेताओं से ‘काला धन रखने वालों और कर चोरी करने वालों पर नजर रखने और बिना शर्त प्रत्‍यर्पण’ करने पर जोर दिया।

जलवायु परिवर्तन के मुद्दे पर भारत ने अपने तरीके से अपनी बात रखते हुये कहा कि भारत हरित ग्रह का समर्थक है, लेकिन वह ईंधन सब्सिडी को चरणबद्ध रूप से समाप्‍त करने की कठोर समय सीमा और विकास को धीमा करने के अन्‍य उपायों का विरोध करता है। निश्चित ही भारत स्‍वच्‍छ ऊर्जा के क्षेत्र में सक्रिय पहल कर रहा है। इसलिए जी 20 होंगझोऊ के अंतिम घोषणा पत्र में ऐसे उपायों के लिए समय सीमा तय नहीं की गई है।

निष्कर्ष

हालांकि जी 20 बैठकों और घोषणा पत्रों का कोई कानूनी आधार नहीं हैं, लेकिन इनसे विश्‍व में परिवर्तन और मानव जाति की भलाई के लिए आवश्‍यक मार्ग प्रशस्‍त होता है।

COMMENTS (8 Comments)

Jalaj Mishra Jun 26, 2018

Nice sir keep it up...

shrawan Mar 8, 2017

most useful points

roma thakur Mar 7, 2017

bahut hi achcha post.keep it up

ALOK RANJAN Sep 17, 2016

Nice job keep it up

sneha Sep 17, 2016

Good work keep it up

Bikash Sep 17, 2016

Very good posting n informative

Suraj Sep 16, 2016

Very Informative!

Ravi Sep 15, 2016

Very Good Post. Keep Posting...

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