वित्त आयोग (अनुच्छेद-280)
वित्त आयोग का गठन राष्ट्रपति के द्वारा सामान्यतः हर 5वें वर्ष किया जाता है। यह एक संवैधानिक निकाय हैं। ऐसे निकाय जिनका गठन स्वयं संविधान द्वारा या जिनके गठन के लिए राष्ट्रपति को सक्षम बनाया जाता है, संवैधानिक संस्था कहा जाता है। इन निकायों के सदस्यों की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा की जाती है। इन्हें पर्याप्त पद सुरक्षा प्रदान की गई है, और इन्हें संविधान में निर्दिष्ट विधियों के अतिरिक्त किसी अन्य तरीके से अपने पद से नहीं हटाया जा सकता है। इनकी रिपोर्टों को संसद के दोनों सदनों में रखा जाता है।
संरचना
वित्त आयोग में एक अध्यक्ष और चार अन्य सदस्य होते हैं। इनका कार्यकाल राष्ट्रपति के आदेश के तहत तय होता हैं एवं उनकी पुनर्नियुक्ति भी हो सकती हैं। संविधान ने इन सदस्यों की योग्यता और चयन विधि का निर्धारण करने का अधिकार दिया हैं। वित्त आयोग का अध्यक्ष सार्वजनिक मामलों का अनुभवी होना चाहिए और अन्य चार सदस्यों को निम्नलिखित में से चुना जाना चाहिए।
कार्य
वित्त आयोग भारत के राष्ट्रपति को निम्नांकित मामलों में सिफारिशें करता हैं–
अन्य विषय हो सकते है —
आयोग अपनी रिपोर्ट राष्ट्रपति को सौंपता हैं, जो इसे संसद के दोनों सदनों में रखता हैं। रिपोर्ट के साथ उसका आकलन सम्बन्धी ज्ञापन एवं इस सम्बन्ध में उठाए जा सकने वाले कदमों के बारे में विवरण भी रखा जाता हैं।
वित्त आयोग की सिफारिशों की प्रकृति सलाहकारी होती हैं और इनको मानने के लिए सरकार बाध्य नहीं होती हैं।
14वें वित्त आयोग Fourtheenth Finance Commission FFC
FFC 2015 -20 Y V Reddy की अध्यक्षता में बनाया गया। आयोग ने ऊपर दिए गए चारों मामलों में अपनी सिफारिशें राष्ट्रपति को दी…
संघ एवं राज्यों के बीच करों के शुद्ध आगमों का वितरण एवं राज्यों के बीच ऐसे आगमों का आवंटन —
लंबवत वितरण के अंतर्गत केंद्र अपने द्वारा लगाए गए और वसूले जाने वाले करों का 42% राज्यों को हस्तांतरित करेगा।यहाँ सरकार द्वारा वसूले गए कर है —
यहाँ ध्यान देने योग्य बात यह है कि कुछ ऐसे टैक्स जो केंद्र सरकार द्वारा लगाए जाते है लेकिन राज्य सरकार के द्वारा वसूले जाते है , ऐसे टैक्स में राज्यों की हिस्सेदारी नहीं होगी। ये टैक्स है—-
क्षैतिज वितरण के द्वारा केंद्रीय करों में राज्यों के हिस्से को निर्धारित किया जाता है। इसके लिए निम्नलिखित मानकों के प्रतिशत को ध्यान में रखा जाता है।
राज्य वित्त आयोग द्वारा की गई सिफारिशों के आधार पर राज्य में नगरपालिकाओं और पंचायतों के संसाधनों की अनुपूर्ति के लिए राज्य की संचित निधि के संवर्धन के लिए आवश्यक उपाए .
Panchayt is money ko kon kon se kam mein use kar sakti hai.
15वें वित्त आयोग ने स्वास्थ्य क्षेत्र में संतुलित विस्तार के लिए एक उच्चस्तरीय समिति का गठ May 25, 2018
[…] 14वें वित्त आयोग FOURTEENTH FINANCE COMMISSION SOURCE – PIB Previous […]