Geography of India
  • Home
  • Geography of India

प्राकृतिक वनस्पति
  • April 28, 2017

प्राकृतिक वनस्पति प्राकृतिक वनस्पति से अभिप्राय उसी पौधा समुदाय से है , जो लम्बे समय तक बिना किसी बाहरी हस्तक्षेप के उगता है और इसकी विभिन्न प्रजातियां वहां पाई जाने वाली मिट्टी और जलवायु परिस्थितियों में खुद को ढाल लेती है . वनों के प्रकार उष्ण कटिबंधीय सदाबहार व अर्ध सदाबहार वन मुख्यतः पश्चिमी घाट […]

भारत : सामान्य परिचय
  • April 22, 2017

अवस्थिति अक्षांशीय विस्तार – 6°4′ उत्तरी अक्षांश से 37°6′ उत्तरी अक्षांश तक देशांतरीय विस्तार – 68°7′ पूर्वी देशांतर से 97°25′ पूर्वी देशांतर तक . भारत का सबसे उत्तरी बिंदु – इंदिरा कॉल (जम्मू कश्मीर ) भारत का सबसे दक्षिणी बिंदु – इंदिरा प्वाइंट (अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह के ग्रेट निकोबार द्वीप का दक्षिण बिंदु […]

मृदा अपरदन
  • February 16, 2017

प्रस्तावना मृदा कृषि का आधार है। यह मनुष्य की आधारभूत आवश्यकताओं, यथा- खाद्य, ईंधन तथा चारे की पूर्ति करती है। इतनी महत्वपूर्ण होने के बावजूद भी मिट्टी के संरक्षण के प्रति उपेक्षित दृष्टिकोण अपनाया जाता है। फलतः मिट्टी अपनी उर्वरा शक्ति खोती जा रही है। मृदा अपरदन वस्तुतः मिट्टी की सबसे ऊपरी परत का क्षय […]


Search

Verified by ExactMetrics