Click on the Link to Download व्यक्तिगत सत्याग्रह PDF प्रस्तावना अगस्त प्रस्ताव के बाद की परिस्थितियों में जो प्रगति हुयी उसके पश्चात् सरकार ने अड़ियल रवैया अपना लिया तथा घोषित किया कि कांग्रेस जब तक मुस्लिम नेताओं के साथ किसी तरह के समझौते को मूर्तरूप नहीं देती, तब तक भारत में किसी प्रकार का संवैधानिक […]
Click on the Link to Download अगस्त प्रस्ताव PDF प्रस्तावना द्वितीय विश्वयुद्ध में हिटलर की असाधारण सफलता तथा बेल्जियम, हालैंड एवं फ्रांस के पतन के पश्चात् ब्रिटेन की स्थिति अत्यन्त नाजुक हो गयी, फलतः ब्रिटेन ने समझौतावादी दृष्टिकोण की नीति अपनायी। युद्ध में भारतीयों का सहयोग प्राप्त करने के उद्देश्य से 8 अगस्त 1940 को […]
प्रथम गोलमेज सम्मेलन सरकार ने 12 नवंबर 1930 को साइमन कमीशन की रिपोर्ट तथा संवैधानिक मुद्दों पर चर्चा करने के निमित्त, लंदन में प्रथम गोलमेज सम्मेलन का आयोजन किया। ब्रिटिश सरकार एवं भारतीयों के मध्य समान स्तर पर आयोजित की गयी यह प्रथम वार्ता थी। जहां कांग्रेस एवं अधिकांश व्यवसायिक संगठनों ने इस सम्मेलन का […]
गांधी जी की ग्यारह सूत्रीय मांगें ये मांगें कांग्रेस के लाहौर अधिवेशन के परिप्रेक्ष्य में अगले कदम के रूप में थीं। गांधी जी ने ‘यंग इंडिया’ में एक लेख प्रकाशित कर सरकार के समक्ष ग्यारह सूत्रीय मांगे रखीं तथा इन मांगों को स्वीकार या अस्वीकार करने के लिये उसे 31 जनवरी 1930 तक का समय […]
पुर्तगाली कंपनी के संदर्भ में निम्नलिखित में से कौन सा कथन सत्य है पुर्तगाली कंपनी का नाम एस्तादो द इंडिया था अल्बुकर्क ने गोवा को पुर्तगालियों की राजधानी बनायी थी इन्होंने सर्वप्रथम अपना व्यापारिक केंद्र कालीकट में बनाया था उपर्युक्त में से एक से अधिक उपर्युक्त में से कोई नहीं निम्नलिखित में से कौन सी […]
1929 का कांग्रेस का लाहौर अधिवेशन और पूर्ण स्वराज्य की मांग दिसम्बर 1929 में, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का वार्षिक अधिवेशन तत्कालीन पंजाब प्रांत की राजधानी लाहौर में हुआ। इस ऐतिहासिक अधिवेशन में कांग्रेस के ‘पूर्ण स्वराज्य’ का घोषणा-पत्र तैयार किया तथा इसे कांग्रेस का मुख्य लक्ष्य घोषित किया। जवाहरलाल नेहरू, जिन्होंने पूर्ण स्वराज्य के विचार को लोकप्रिय […]
कांग्रेस का कलकत्ता अधिवेशन 1928 में कांग्रेस का अधिवेशन मोतीलाल नेहरू की अध्यक्षता में कलकत्ता में हुआ। इस अधिवेशन में नेहरु रिपोर्ट को स्वीकार कर लिया गया लेकिन कांग्रेस के युवा नेतृत्व, मुख्यतः जवाहरलाल नेहरु, सुभाष चन्द्र बोस एवं सत्यमूर्ति ने डोमिनियन स्टेट्स (औपनिवेशिक स्वराज्य) को कांग्रेस द्वारा अपना मुख्य लक्ष्य घोषित किये जाने पर […]
साइमन कमीशन Simon Commission वर्ष 1919 के एक्ट को पारित करते समय ब्रिटिश सरकार ने यह घोषणा की थी कि वह दस वर्ष पश्चात् पुनः इन सुधारों की समीक्षा करेगी। किन्तु नवंबर 1927 में ही उसने आयोग की नियुक्ति की घोषणा कर दी, जिसका नाम भारतीय विधिक आयोग था। सर जॉन साइमन इसके अध्यक्ष तथा […]
राष्ट्रवाद जवाहर लाल नेहरू आधुनिक भारत के सर्वाधिक प्रभावशाली व्यक्तियों में से एक थे। नेहरू ने भारत की सामाजिक-आर्थिक तथा राजनीतिक चिंतन प्रक्रिया एवं कार्यक्रमों को गहरे रूप में प्रभावित किया। ‘गहन राष्ट्रवाद’ नेहरू के उस वैचारिक दृष्टिकोण का अभिन्न अंग था, जो राष्ट्रीय आंदोलन के मंथन से उत्पन्न हुआ था। प्रखर अंतरराष्ट्रीयतावादी होने के […]
क्र.सं. अधिवेशन स्थान अध्यक्ष महत्वपूर्ण तथ्य 1 1885 बम्बई व्योमेश चन्द्र बनर्जी प्रथम अधिवेशन ,72 प्रतिनिधियों ने भाग लिया,कांग्रेस के उद्देश्य तय किए गए 2 1886 कलकत्ता दादाभाई नौरोजी 436 प्रतिनिधियों ने भाग लिया,राष्ट्रीय कांग्रेस और राष्ट्रीय कांफ्रेंस का विलय 3 1887 मद्रास सैयद बदरूद्दीन तैयबजी प्रथम मुस्लिम अध्यक्ष 4 1888 इलाहाबाद जॉर्ज यूल प्रथम […]
Sangita barde: Thank