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प्रस्तावना
10 मार्च, 1947 को जवाहरलाल नेहरू ने कहा कि वर्तमान समस्या के समाधान का सबसे सर्वोत्तम उपाय यह है कि कैबिनेट मिशन, पंजाब एवं बंगाल का विभाजन कर दें।
अप्रैल 1947 में भारतीय कांग्रेस के अध्यक्ष जे.बी. कृपलानी ने वायसराय को लिखा कि.“युद्ध से बेहतर यह है कि हम उनकी पाकिस्तान की मांग को मान लें। किन्तु यह तभी संभव होगा जब आप पंजाब और नंगल का ईमानदारीपूर्वक विभाजन करें।”
माउंटबैटन वायसराय के रूप में: लार्ड माउंटबैटन अपने पूर्ववर्ती वायसरायों की तुलना में निर्णय लेने में ज्यादा त्वरित एवं निर्णायक सिद्ध हुये क्योंकि उन्हें निर्णय लेने के ज्यादा एवं अनौपचारिक अधिकार प्रदान किये गये थे। साथ ही उन्हें ब्रिटिश सरकार के इस दृढ़ निर्णय से भी काफी सहायता मिली कि जितनी जल्दी हो सके भारतीयों को सत्ता हस्तांतरित कर दी जाये। उनका प्रमुख कार्य यह था कि अक्टूबर 1947 से पहले वे इस बात का पता लगायें कि भारत में एकता या विभाजन दोनों में से क्या होना है और इसके पश्चात उनका उत्तरदायित्व ब्रिटिश सरकार को इस बात से अवगत कराना है कि भारतीयों को सत्ता हस्तांतरण किस प्रकार किया जायेगा तथा उसका स्वरूप क्या होगा? मांउटबैटन के आने से पूर्व ही भारतीय परिस्थितियां निर्णायक मोड़ लेने लगी थीं, इससे भी माउंटबैटन को परिस्थितियों को समझने तथा निर्णय लेने में मदद मिली।
कैबिनेट मिशन निष्फल प्रयास के रूप में सामने आया तथा जिन्ना इस बात पर दृढ़तापूर्वक अड़े हुये थे कि वे पाकिस्तान से कम कुछ भी स्वीकार नहीं करेंगे।
माउंटबैटन योजना, 3 जून 1947
मुख्य विन्दुः माउंटबैटन योजना के मुख्य बिन्दु निम्नानुसार थे–
1. भारतीय रजवाड़ों को स्वतंत्र रहने का विकल्प नहीं दिया जा सकता उन्हें या तो भारत में या पाकिस्तान में सम्मिलित होना होगा।
2.बंगाल को स्वतंत्रता देने से मना कर दिया गया।
3. हैदराबाद की पाकिस्तान में सम्मिलित होने की मांग को अस्वीकार कर दी गयी। (इस मांग के संबंध में माउंटबैटन ने कांग्रेस का पूर्ण समर्थन किया)।
माउंटबैटन योजना को कांग्रेस तथा मुस्लिम लीग दोनों ने स्वीकार कर लिया तथा भारत का भारत एवं पाकिस्तान दो डोमिनियनों में विभाजन कर दिया गया। इस योजना से जहां मुस्लिम लीग की बहुप्रतीक्षित पाकिस्तान के निर्माण की मांग पूरी हो गयी, वहीं योजना में कांग्रेस की इस मांग का भी पूरा ध्यान रखा गया कि यथासंभव पाकिस्तान का भौगोलिक क्षेत्र छोटा से छोटा हो।
भारत ने डोमिनयन का दर्जा क्यों स्वीकार कियाः
लाहौर अधिवेशन (1929) की भावना के विरुद्ध कांग्रेस ने डोमिनियन स्टेट्स का दर्जा स्वीकार किया क्योंकि-
ब्रिटेन द्वारा सत्ता हस्तांतरण की तिथि (15 अगस्त 1947) समय से पूर्व ही तय कर लिये जाने का कारण
योजना यह थी कि जैसे ही डोमिनियन स्टेट्स के लिये कांग्रेस की स्वीकृति मिले, योजना को तुरंत, बिना किसी विलंब के क्रियान्वित कर दिया जाये। इस योजना के अनुसार, सीमांत प्रांत में जनमत संग्रह द्वारा यह तय होना था कि वह भारत में शामिल होगा या पाकिस्तान में इसी प्रकार असम के मुस्लिम बहुसंख्यक सिल्हट जिले में भी जनमत संग्रह द्वारा यह निश्चित होना था कि वह भारत में सम्मिलित होगा या पूर्वी बंगाल में।
बंगाल और पंजाब की विधानसभाओं को दो भागों में, एक में मुस्लिम बहुसंख्यक प्रदेश के प्रतिनिधि तथा दूसरे में शेष अन्य प्रतिनिधियों को यह निश्चित करना था कि प्रांतों का विभाजन हो या नहीं। जैसी कि उम्मीद थी दोनों प्रांतों के हिंदू बहुसंख्यक प्रदेशों के प्रतिनिधियों ने यह निश्चय किया कि प्रांतों का विभाजन हो। पश्चिमी पंजाब और पूर्वी बंगाल ने यह तय किया कि वे पाकिस्तान में सम्भिलित होंगे, जबकि पश्चिमी बंगाल और पूर्वी पंजाब ने यह तय किया कि वे भारत में सम्मिलित हॉगे । सिल्हट और सीमांत प्रांत का जनमत संग्रह पाकिस्तान के पक्ष में गया। ब्लूचिस्तान एवं सिंध में जनमत ने भारी बहुमत से पाकिस्तान में सम्मिलित होने की इच्छा जतायी ।
स्रोत – आधुनिक भारत का इतिहास द्वारा राजीव अहीर…
Previous Year Questions
1.निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए – भारत छोड़ो आंदोलन प्रारम्भ करने के पूर्व दिन महात्मा गांधी ने –
1 सरकारी कर्मचारियों को त्यागपत्र देने को कहा .
2 सैनिकों को अपने पद छोड़ने को कहा .
3 राजसी रियासतों के राजाओं को अपनी जनता की प्रभुसत्ता स्वीकार करने को कहा .
उपर्युक्त कथनों में से कौन सा /से सही है /हैं ?
2.’करो या मारो’ का नारा निम्नलिखित आंदोलन में से किसके साथ सम्बंधित है ?
3.भारत छोड़ो आंदोलन किसकी प्रतिक्रिया में प्रारम्भ किआ गया ?
4. 1942 में भारत छोड़ो आंदोलन के सम्बन्ध में निम्नलिखित में से कौन सी एक टिप्पणी सत्य नहीं है ?
5.भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के सन्दर्भ में उषा मेहता की ख्याति —
6.भारत छोड़े आंदोलन के उपरांत सी. राजगोपालाचारी ने “दी वे आउट ” नमक पैम्फलेट जारी किया . निम्नलिखित में से कौन सा एक प्रस्ताव इस पैम्फलेट में था ?
7.1943 में आज़ाद हिन्द फौज अस्तित्व में आई –
8.भारतीय स्वतंत्रता संघर्ष के दौरान , निम्नलिखित में से किसने ‘द फ्री इंडियन लीजन ‘ नमक सेना बनाई ?
9. इसका प्रस्ताव मई में आया . इसमें अभी भारत को विभाजन मुक्त रखने की आकांक्षा थी जिसका ब्रिटिश प्रान्तों से मिलकर बने एक संघीय राज्य का स्वरुप होना था – उपर्युक्त उद्धरण का सम्बन्ध है
10.कैबिनेट मिशन योजना के विषय में निम्नलिखित में से कौन सा सही नहीं है ?
11.कैबिनेट मिशन के सन्दर्भ में निम्नलिखित में से कौन सा / से कथन सही है /हैं ?
1 इसने एक संघीय सरकार की सिफारिश की
2 इसने भारतीय न्यायालयों की शक्तियों का विस्तार किया .
3 इसने ICS में और अधिक भारतीयों के लिए उपबंध किया .
निचे दिए गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिए —
12.निम्नलिखित में से किसने वायसराय की एक्जीक्यूटिव कॉउन्सिल के पुनर्गठन का सुझाव दिया , जिसमे वॉर मेंबर सहित सभी विभाग भारतीय नेताओं द्वारा धारण किए जाने थे .
13.कांग्रेस के निम्नलिखित नेताओं में से कौन एक कैबिनेट मिशन योजना के पक्ष में पूरी तरह से था ?
14.निम्नलिखित कथनों में से कौन सा एक सही है ?
15.भारत के विभाजन का बाल्कन प्लान उपज थी ?
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