प्रस्तावना
केन्द्रीय कैबिनेट ने सरोगेसी नियमन विधेयक 2016 को मंजूरी दे दी है। इसके तहत भारतीय नागरिकों को सरोगेसी का अधिकार होगा, लेकिन यह अधिकार एनआरआई और ओसीआई होल्डर के पास नहीं होगा। सरोगेसी विधेयक इसलिए लाया गया है, क्योंकि भारत लोगों के सरोगेसी हब बन गया था और अनैतिक सरोगेसी की घटनाएं सामने आने लगी थी ।
सरोगेसी बिल के प्रमुख प्रावधान
सरोगेसी क्या है?
सरोगेसी एक महिला और एक दंपति के बीच का एक एग्रीमेंट है, जो अपना खुद का बच्चा चाहता है। सामान्य शब्दों में सरोगेसी का मतलब है कि बच्चे के जन्म तक एक महिला की ‘किराए की कोख’। आमतौर पर सरोगेसी की मदद तब ली जाती है जब किसी दंपति को बच्चे को जन्म् देने में कठिनाई आ रही हो। बार-बार गर्भपत हो रहा हो या फिर बार-बार आईवीएफ तकनीक फेल हो रही है, जो महिला किसी और दंपति के बच्चे को अपनी कोख से जन्मी देने को तैयार हो जाती है उसे ‘सरोगेट मदर’ कहा जाता है।
सरोगेसी कुछ विशेष एजेंसी द्वारा उपलब्ध करवाई जाती है। इन एजेंजिस को आर्ट क्लीनिक कहा जाता है, जो कि इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च की गाइडलाइंस फॉलो करती है। सरोगेसी का एक एग्रीमेंट बनवाया जाता है, जिसे दो अजनबियों से हस्ताक्षर करवाएं जाते हैं जो कभी नहीं मिले। सरोगेट परिवार का सदस्य या दोस्त भी हो सकता है।
सरोगेसी के लिए भारत पॉपुलर क्यों है ?
भारत में किराए की कोख लेने का खर्चा यानी सरोगेसी का खर्चा अन्य देशों से कई गुना कम है और साथ ही भारत में ऐसी बहुत सी महिलाएं उपलब्ध हैं, जो सरोगेट मदर बनने को आसानी से तैयार हो जाती हैं। गर्भवती होने से लेकर डिलीवरी तक महिलाओं की अच्छी तरह से देखभाल तो होती ही है साथ ही उन्हें अच्छी खासी रकम भी दी जाती है।
लॉ कमीशन के मुताबिक सरोगेसी को लेकर विदेशी दंपत्तियों के लिए भारत एक पसंदीदा देश बन चुका है। डिपार्टमेन्ट ऑफ हेल्थ रिसर्च को भेजे गए दो स्वतंत्र अध्ययनों के मुताबिक हर साल भारत में 2000 विदेशी बच्चों का जन्म होता है, जिनकी सरोगेट मां भारतीय होती हैं। देश भर में करीब 3,000 क्लीनिक विदेशी सरोगेसी सर्विस मुहैया करा रहे हैं।
विधेयक के लाभ
विधेयक ऐसे समय में आया है जब इस विषय के लिए एक कानून की बड़ी जरूरत है|यह विधेयक सरोगेसी के व्यावसायीकरण को रोकने पर केंद्रित है|यह सरोगेसी का प्रभावी विनियमन, वाणिज्यिक सरोगेसी की रोकथाम और जरूरतमंद बांझ दंपतियों के लिए नैतिक सरोगेसी की अनुमति सुनिश्चित करेगा।
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