समसामयिकी 6-9 सितम्बर

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  • September 13, 2018

समसामयिकी 6-9 सितम्बर
कॉफ़ी कनेक्ट एप्प और कृषि थरंग प्रोजेक्ट

केन्द्रीय वाणिज्य व उद्योग मंत्रालय ने कनेक्ट कॉफ़ी एप्प और कृषि थरंग प्रोजेक्ट लांच किया। इनकी शुरुआत भारतीय कॉफ़ी बोर्ड ने इस सेक्टर के तकनीकी आधानिकीकरण के लिए की है।

कॉफ़ी कनेक्ट मोबाइल एप्प
इस एप्प को फील्ड में काम करने वाले लोगों की कार्य कुशलता में वृद्धि करने के लिए लांच किया गया है। इस नवीन टेक्नोलॉजी के माध्यम से कॉफ़ी उत्पादकों तथा एस्टेट्स का डिजिटलीकरण संभव हो पायेगा। इससे एक्सटेंशन अफसर्रों के कार्य, अनुदान वितरण तथा रियल टाइम रिपोर्ट जनरेशन के सम्बन्ध में पारदर्शिता आएगी। इस एप्प को भारतीय कॉफ़ी बोर्ड ने नेशनल इंस्टिट्यूट फॉर स्मार्ट गवर्नमेंट के साथ मिलकर तैयार किया गया है।

कॉफ़ी कृषि थरंग प्रोजेक्ट

इस IVR बेस्ड डिजिटल मोबाइल एक्सटेंशन सेवा को भारतीय कॉफ़ी बोर्ड ऑफ़ PADIF (Precision Agriculture for Development India Foundation) द्वारा तैयार किया गया है। इसका उद्देश्य उत्पादकता, लाभ तथा पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देना है। यह सेवा 24X7 उपलब्ध है।

रंजन गोगोई होंगे भारत के 46वें मुख्य न्यायधीश
जस्टिस रंजन गोगोई भारत के 46वें मुख्य न्यायधीश होंगे, वे जस्टिस दीपक मिश्रा की जगह लेंगे। उनके नाम की सिफारिश नियमानुसार वर्तमान मुख्य न्यायधीश दीपक मिश्रा द्वारा की गयी, नियमानुसार सर्वोच्च न्यायालय के सबसे वरिष्ठ न्यायधीश को मुख्य न्यायधीश नियुक्त किया जाता है। जस्टिस रंजन गोगोई उत्तर-पूर्वी क्षेत्र से देश के मुख्य न्यायधीश बनने वाले पहले व्यक्ति होंगे। उनका कार्यकाल लगभग 13 महीने का होगा, वे 3 अक्टूबर, 2018 से 17 नवम्बर, 2019 तक मुख्य न्यायधीश के रूप में कार्य करेंगे।

S&P BSE निजी बैंक इंडेक्स
एशियाई इंडेक्स ने निजी बैंकों के प्रदर्शन को मापने के लिए S&P BSE निजी बैंक इंडेक्स लांच किया। एशिया इंडेक्स प्राइवेट लिमिटेड S&P डाऊ जोंस सूचकांक और BSE के बीच एक साझा उद्यम (Joint Venture) है।

S&P BSE निजी बैंक इंडेक्स क्या है ?
इस सूचकांक में मार्केट भागीदारों को निजी क्षेत्र के बैंकों के प्रदर्शन के बारे में पारदर्शी जानकारी मिलेगी। इसमें S&P फाइनेंस इंडेक्स के घटक शामिल हैं। इस सूचकांक का गणना BSE द्वारा भारतीय रुपये और अमेरिकी डॉलर में वास्तविक समय में की जाएगी।

राष्ट्रीय पोषण मास
केन्द्रीय महिला व बाल विकास मंत्रालय द्वारा सितम्बर 2018 को राष्ट्रीय पोषण मास के रूप में मनाया जा रहा है, इसका उद्देश्य देश में कुपोषण की समस्या को समाप्त करना है। इसके महीने भर अभियान चलाया जायेगा, इस अभियान का उद्देश्य ‘हर घर पोषण त्यौहार’ का सन्देश पहुँचाना है।

राष्ट्रीय पोषण मास
इसका उद्देश्य प्रसवपूर्व देखभाल, स्तनपान तथा एनीमिया, तथा बालिकाओं के लिए पोषण का महत्व, स्वच्छता तथा विवाह की सही उम्र के बारे में जागरूकता फैलाना है। इसका आयोजन संयुक्त रूप से नीति आयोग, महिला व बाल विकास मंत्रालय, स्वास्थ्य व परिवार कल्याण मंत्रालय, ग्रामीण विकास मंत्रालय, पेयजल व स्वच्छता मंत्रलाय, आवास व शहरी मामले मंत्रालय, अल्पसंख्यक मामले मंत्रालय, मानव संसाधन विकास मंत्रालय, सूचना व प्रसारण मंत्रालय, उपभोक्ता मामले मंत्रालय, जनजातीय मामले मंत्रालय तथा आयुष मंत्रालय द्वारा द्वारा किया जायेगा।

अंतर्राष्ट्रीय महिला उद्यमी शिखर सम्मेलन 2018

  • नेपाल के काठमांडू में अंतर्राष्ट्रीय महिला उद्यमी सम्मेलन 2018 का आयोजन किया गया। इसका उद्घाटन 3-5 सितम्बर, 2018 के बीच किया गया।
  • इस सम्मेलन का उद्घाटन नेपाल के उपराष्ट्रपति नन्द बहादुर पुन द्वारा किया गया। इस सम्मेलन की थीम “समानता आर्थिक सशक्तिकरण से शुरू होती है” थी। इस सम्मेलन का आयोजन दक्षिण एशियाई महिला विकास फोरम द्वारा किया जा रहा है।
  • इस सम्मेलन का उद्देश्य सफल महिलाओं, महिला बिज़नस लीडर्स, प्रोफेशनल्स, विशेषज्ञों तथा सरकारी प्रतिनिधियों को एक प्लेटफार्म पर लाना है। इस सम्मेलन में महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण पर चर्चा की गयी। इस सम्मेलन में सार्क, आसियान, अफ्रीका, अरब राष्ट्र तथा चीन से भी प्रतिनिधि हिस्सा लिया।
  • दक्षिण एशियाई महिला विकास फोरम
    यह नेपाल में बेस्ड एक स्वायत्त व गैर-लाभकारी संगठन है। इसे 2014 में 18वें सार्क शिखर सम्मेलन में सार्क द्वारा मान्यता प्रदान की गयी थी। यह एक मात्र सार्क मान्यता प्राप्त संगठन है जो महिला उद्यमियों के लिए कार्य करता है। इसमें महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण के लिए कार्य करने वाले संगठन व संस्थान शामिल हैं।

    GM सरसों DMH-11
    केन्द्रीय पर्यावरण, वन तथा जलवायु परिवर्तन मंत्रालय बहुत जल्द जेनेटिक इंजीनियरिंग अप्रेज़ल समिति की बैठक आयोजित कर सकता है। इस बैठक में दिल्ली विश्वविद्यालय के सेण्टर फॉर जेनेटिक मैनीपुलेशन ऑफ़ क्रॉप प्लांट्स (CGMCP) द्वारा विकसित GM (जेनेटिकली मॉडिफाइड) सरसों DMH-11 के फील्ड ट्रायल पर निर्णय लिया जायेगा।

    मुख्य बिंदु

    CGMCP ने दिल्ली और पंजाब में मधुमक्खियों पर GM सरसों में प्रभाव के परीक्षण के लिए आवेदन किया था, आरम्भ में GEAC ने GM फसल के वाणिज्यिक खेती के लिए मंज़ूरी दी थी। परन्तु बाद में GEAC ने इस GM के और टेस्ट करने की मांग की थी। समिति के कई सदस्यों ने GM फसलों में इस्तेमाल किये जाने वाले कीटनाशकों (विशेषतः एंडोसल्फान) के उपयोग पर आपत्ति व्यक्त की थी।

    DMH (धरा सरसों हाइब्रिड)-11 सरसों के एक जेनेटिकली मॉडिफाइड प्रजाति है। इसका विकास दिल्ली विश्वविद्यालय के सेण्टर फॉर जेनेटिक मैनीपुलेशन ऑफ़ क्रॉप प्लांट्स (CGMCP) द्वारा किया गया था। इसके लिए बारनेज़ टेक्नोलॉजी का उपयोग किया गया था, इसमें कुछ एक जीन्स डाले गए हैं, जिस कारण यह सरसों स्वतः परागण कर सकती है। इसमें बार जीन, बारनेज़ और बारस्टार नामक तीन जीन डाले गए हैं।

    जेनेटिक इंजीनियरिंग अप्रेज़ल समिति (GEAC)

    यह संस्था पर्यावरण मंत्रालय के अधीन कार्य करती है, यह संस्था जेनेटिकली इंजीनियर्ड ओर्गानिस्म (GMO) तथा हानिकारक सूक्ष्म जीवाणुओं के उपयोग, आयात व निर्यात को नियंत्रित करती है। यह संस्था देश में GMO के प्रयोग व ट्रायल को मंज़ूरी देती है।

    नए स्वच्छ गंगा अभियान कानून में गंगा प्रोटेक्शन कोर्प्स
    केन्द्रीय जल संसाधन, नदी विकास व गंगा संरक्षण मंत्रालय ने स्वच्छ गंगा के लिए ड्राफ्ट बिल तैयार किया है। इस बिल में गंगा नदी के प्रदूषित करने दंडनीय अपराध बनाया गया है। इस ड्राफ्ट बिल में गंगा नदी को प्रदूषित करने वाले लोगों को गिरफ्तार करने के लिए सशस्त्र गंगा प्रोटेक्शन कोर्प्स (GPC) की व्यवस्था की गयी है। इस बिल के द्वारा राष्ट्रीय गंगा परिषद् और राष्ट्रीय गंगा संरक्षण प्राधिकरण को कानून लागू करने तथा गंगा की सुरक्षा करने का दायित्व सौंपा गया है।

    मुख्य बिंदु
    इस बिल के अनुसार निर्माण कार्य से नदी के मार्ग में बाधा, औद्योगिक अथवा वाणिज्यिक उपयोग के लिए भूमिगत जल की निकासी तथा गंगा नदी में बिना उपचार किये हुए पानी को छोड़ना दंडनीय अपराध होंगे।

    गंगा प्रोटेक्शन कोर्प्स : इस बिल में गंगा प्रोटेक्शन कॉर्प्स की स्थापना एक सशस्त्र बल के रूप में की गयी है। इस बिल के द्वारा गंगा प्रोटेक्शन कॉर्प्स के अधिकारी गंगा नदी को प्रदूषित करने वाले व्यक्ति को गिरफ्तार करके उसे निकट के पुलिस स्टेशन में प्रस्तुत कर सकते हैं। इसके लिए GPC आपराधिक प्रक्रिया संहिता का पालन करेंगे। GPC के लिए केन्द्रीय गृह मंत्रालय द्वारा कर्मचारी प्रदान किये जायेंगे और उनकी नियुक्ति राष्ट्रीय गंगा संरक्षण प्राधिकरण द्वारा किया जायेगा।

    सजा : इस बिल के तहत वाणिज्यिक उपयोग के लिए मछलियाँ पकड़ने वाले व्यक्ति को 2 साल की जेल अथवा 2 लाख रुपये जुर्माना अथवा दोनों हो सकते हैं। गंगा नदी के एक्टिव फ्लड प्लेन में वाणिज्यिक अथवा आवासीय निर्माण कार्य करने के लिए 2 वर्ष की जेल अथवा 50 लाख रुपये का जुर्माना अथवा दोनों हो सकते हैं। यदि कोई नगर पालिका गंगा नदी के निकट किसी ऐसे उद्योग को स्थापित करने को मंज़ूरी देती है जिससे गंगा नदी में सीवेज का पानी जायेगा, तो नगरपालिका पर 50,000 रुपये प्रति दिन के हिसाब से जुर्माना लगाया जा सकता है।

    पृष्ठभूमि
    गंगा नदी की सुरक्षा के लिए वर्तमान कानून पर्याप्त नहीं हैं। इसके लिए सरकार को इलाहबाद उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायधीश गिरधर मालवीय की अध्यक्षता में जुलाई, 2016 में समिति का गठन करना पड़ा। इस समिति ने राष्ट्रीय गंगा नदी (पुनरुद्धार, संरक्षण व प्रबंधन) बिल, 2017 नामक ड्राफ्ट बिल प्रस्तुत किया था। इस बिल के निरीक्षण के लिए 4 सदस्यीय समिति का गठन किया गया था।
    नई दिल्ली में किया गया रक्षा व होम लैंड सिक्यूरिटी एक्सपो का आयोजन
    केन्द्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने 3 दिवसीय रक्षा व होमलैंड सिक्यूरिटी प्रदर्शनी व सम्मेलन, 2018 का उद्घाटन नई दिल्ली में किया। इसका आयोजन PHD चैम्बर ऑफ़ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री द्वारा केन्द्रीय सूक्ष्म, लघु व माध्यम उद्योग मंत्रालय के सहयोग से संयुक्त रूप से रूप से किया जा रहा है।

    केंद्र सरकार ने अटल पेंशन योजना को अनिश्चित काल तक बढ़ाया
    केन्द्रीय कैबिनेट ने अटल पेंशन योजना को अनिश्चित काल तक बढ़ाने का फैसला किया है, इसकी अवधि अगस्त, 2018 में समाप्त हो गयी थी। इसे बढ़ाने का फैसला लोगों की अधिक भागीदारी के कारण लिया गया है।

    नए प्रावधान
    लोगों को अटल पेंशन योजना में शामिल होने के लिए प्रेरित करने के उद्देश्य के लिए आयु सीमा में परिवर्तन किया गया है। पहला इस योजना में शामिल होने के लिए आयु सीमा 18 से 60 वर्ष थी। अब योजना में शामिल होने के लिए अधिकतम सीमा को बढ़ाकर 65 वर्ष किया गया है। अगस्त, 2018 के बाद इस पेंशन योजना में खुलने वाले खातों के साथ 2 लाख रुपये का दुर्घटना बीमा भी प्रदान किया जायेगा। पहले इस बीमा की राशि 1 लाख रुपये थी। इस योजना में ओवरड्राफ्ट सुविधा को 5000 से बढ़ाकर 10,000 रुपये किया गया है।

    अटल पेंशन योजना
    यह एक सामाजिक सुरक्षा योजना है, इसका उद्देश्य देश के असंगठित को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करना है। देश का लगभग 85% कार्यबल असंगठित है। इस योजना को सरकार की स्वावलंबन योजना के स्थान पर शुरू किया गया है। इस योजना को जून, 2015 में लांच किया गया था।

    सीओल में तीसरे ASEM सम्मेलन का आयोजन
    ग्लोबल एजिंग तथा वृद्ध व्यक्तियों के मानवाधिकार पर तीसरे ASEM (एशिया यूरोप बैठक) सम्मेलन का आयोजन दक्षिण कोरिया की राजधानी सीओल में किया गया। इस सम्मेलन का आयोजन दक्षिण कोरिया तथा कोरियाई मानवाधिकार आयोग द्वारा संयुक्त रूप से किया गया।

    मुख्य बिंदु
    इस तीन दिवसीय सम्मेलन में कई अंतर्राष्ट्रीय संगठनों जैसे संयुक्त राष्ट्र, UNESCAP, UNECE, यूरोपीय संघ, आसियान, GANHRI इत्यादि ने हिस्सा लिया। भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व सामाजिक न्याय व सशक्तिकरण मंत्री थावरचंद गहलोत ने किया। इस सम्मेलन में वृद्ध जनों के अधिकारों तथा उनके साथ होने वाले भेदभाद पर चर्चा की गयी। इसके अलावा ASEM सदस्य देशों द्वारा वृद्ध जनों के अधिकारों की रक्षा पर परस्पर सहयोग पर प्रकट की गयी। इस सम्मेलन से प्राप्त अनुभव का उपयोग वरिष्ठ नागरिकों के लिए नीति निर्माण में किया जायेगा।

    एशिया-यूरोप बैठक (ASEM)
    ASEM में एशिया और यूरोप से 51 देश वार्ता में हिस्सा लेते हैं। इसकी स्थापना मार्च 1996 में की गयी थी, इसके पहले सम्मेलन का आयोजन थाईलैंड की राजधानी बैंकाक में की गयी थी। ASEM विश्व की 62.3% जनसँख्या, 57.2 जीडीपी तथा विश्व के 60% व्यापार का प्रतिनिधित्व करता है। इस सम्मेलन में राजनीतिक, आर्थिक व सांस्कृतिक मुद्दों पर चर्चा की जाती है।

    जापान करेगा विश्व के पहले अन्तरिक्ष एलीवेटर का परीक्षण
    जापान के शिज़ुका विश्वविद्यालय के अनुसंधानकर्ता विश्व के पहले अन्तरिक्ष एलीवेटर का परीक्षण करेंगे, यह परीक्षण छोटे स्तर पर अन्तरिक्ष एलीवेटर के प्रोटोटाइप के द्वारा किया जायेगा। यह एलीवेटर जापानी अन्तरिक्ष एजेंसी द्वारा H-2B राकेट में तानेगाशिमा द्वीप से लांच किया जायेगा।

    मुख्य बिंदु
    इस परीक्षण के लिए शिज़ूका विश्वविद्यालय के अनुसंधानकर्ताओं ने सूक्ष्म सैटेलाइट बनाये हैं, उनका उपयोग अन्तरिक्ष एलीवेटर टेक्नोलॉजी के प्रदर्शन के लिए किया जाएगा। यह सैटेलाइट चारों ओर से 10 सेंटीमीटर हैं। दो सैटेलाइट को जोड़ने के लिए 10 मीटर लम्बी स्टील केबल का उपयोग किया जायेगा। इन दो सैटेलाइट और एलीवेटर के तरह के कंटेनर को अंतर्राष्ट्रीय स्पेस स्टेशन से छोड़ा जायेगा। इस कंटेनर को दो सैटेलाइट को जोड़ने वाले स्टील केबल पर मोटर की सहायता से रखा जायेगा।

    अन्तरिक्ष एलीवेटर
    अन्तरिक्ष एलीवेटर पृथ्वी से अन्तरिक्ष के लिए एक प्रस्तावित परिवहन सिस्टम है। इसमें एक केबल को पृथ्वी से जोड़ कर अन्तरिक्ष तक रखा जाता है, इसकी सहायता से पृथ्वी से अन्तरिक्ष तक परिवहन किया जा सकता है। अतः इसमें अन्तरिक्ष तक जाने के लिए राकेट की आवश्यकता नहीं पड़ेगी। अन्तरिक्ष एलीवेटर के विचार को सबसे पहले 1895 में रूसी वैज्ञानिक कोन्स्तान्तिन त्सियोकोव्सकी द्वारा सुझाया गया था।

    अन्तरिक्ष एलीवेटर की केबल एक सिरे को पृथ्वी के धरातल पर जोड़ा जायेगा और इसका दूसरा सिरा अन्तरिक्ष में 35,786 किलोमीटर की ऊंचाई पर होगा। इसमें गुरुत्वाकर्षण बल और अपकेन्द्रिय बल की भूमिका महत्वपूर्ण है। गुरुत्वाकर्षण बल इस केबल निचले हिस्से में शक्तिशाली होगा तथा अपकेन्द्रिय बल केबल के उपरी सिरे में शक्तिशाली होगा।

    भारतीय वायुसेना ने तेजस लड़ाकू विमान में हवा में ही किया इंधन भरने का सफल परीक्षण
    भारतीय वायुसेना ने स्वदेशी लड़ाकू विमान तेजस में हवा में ही इंधन भरने के सफल परीक्षण किया। हालांकि इस दौरान IAF IL-78 टैंकर व तेजस में केवल ड्राई लिंक-अप किया गया।

    मुख्य बिंदु
    इस परीक्षण के लिए रूस में निर्मित IL-78 MKI टैंकर को आगरा से लांच किया गया, जबकि तेजस लड़ाकू विमास ने ग्वालियर से उड़ान भरी। हालांकि इस परीक्षण में तेजस में हवा में इंधन नहीं भरा गया, इसमें केवल टैंकर और तेजस को इंधन भरने के लिए हवा में जोड़ा गया था। अभी 9 परीक्षण और किये जायेंगे, जिसमे वास्तव में तेजस में टैंकर के द्वारा हवा में ही इंधन भरा जायेगा। हवा में ही इंधन भरने की क्षमता के कारण तेजस के कार्य क्षमता में वृद्धि होगी और यह अधिक दूरी तय कर पायेगा।

    तेजस
    तेजस हल्के भार वाला सिंगल सीट लड़ाकू विमान है, इसमें एक ही इंजन उपयोग किया गया है। यह अपनी श्रेणी का विश्व का सबसे छोड़ा व सबसे हल्का सुपरसोनिक लड़ाकू विमान है। इसका शुरूआती निर्माण 1980 के दशक में शुरू किया था, इसका निर्माण मिग 21 लड़ाकू विमान की जगह लेने के लिए किया गया है। इसका नाम ‘तेजस’ पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी द्वारा रखा गया था। इस एयरक्राफ्ट को पूर्ण रूप से विकसित करने में लगभग 20 वर्षों का समय लगा।

    तेजस की विशेषताएं

  • तेजस में quadruplex digital fly-by-wire उड़ान नियंत्रण प्रणाली का उपयोग किया गया है, जिससे तेजस को नियंत्रित करना आसान होता है। इसमें डिजिटल कंप्यूटर बेस्ड अटैक सिस्टम और ऑटोपायलट मोड भी हैं।
  • इसके छोटे आकार और कार्बन कम्पोजिट के उपयोग के कारण राडार द्वारा इसे पकड़ा जाना मुश्किल है। इसमें आधुनिक एवियोनिक सॉफ्टवेर का उपयोग किया गया, जिसे आवश्यकता पड़ने पर आसानी से अपडेट किया जा सकता है।
  • इसकी रेंज लगभग 400 किलोमीटर है, इसका उपयोग एयर-टू-ग्राउंड ऑपरेशन में किया जायेगा। राफेल और सुखोई लम्बी दूरी तय करके दुश्मन के ठिकानों पर हमला कर सकते हैं।
  • तेजस से हवा-से-हवा में मार कर सकने वाली मिसाइलें दागी जा सकती है। इसमें बम तथा अन्य प्रिसिशन गाइडेड विस्फोटक भी ले जाए जा सकते हैं। DRDO ने तेजस के परीक्षण दौरान इसमें कई प्रकार की मिसाइल इत्यादि का उपयोग किया। यह लेज़र गाइडेड बम गिराने में भी सक्षम है।
  • तेजस ने तमिलनाडु के सुलुर एयर फ़ोर्स स्टेशन में जुलाई, 2018 से कार्य शुरू किया गया, इसे दो वर्ष पूर्व भारतीय वायुसेना में शामिल किया गया था। यह भारतीय वायुसेना के 45 स्क्वाड्रन के ‘फ्लाइंग डैगर्स’ का हिस्सा है।
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