समसामयिकी फरवरी : CURRENT AFFAIRS FEBRUARY:9-16

  • Home
  • समसामयिकी फरवरी : CURRENT AFFAIRS FEBRUARY:9-16

समसामयिकी फरवरी : CURRENT AFFAIRS FEBRUARY:9-16

  • admin
  • February 19, 2017

Click on the Link to Download समसामयिकी जनवरी : CURRENT AFFAIRS FEBRUARY :9-16 PDF

छठी द्विमासिक मौद्रिक नीति वक्तव्य 2016-17:

    देश के केंद्रीय बैंक ने 08 फरवरी 2017 को अपनी मौद्रिक नीति समीक्षा में प्रमुख ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया है और इसे 6.25 फीसदी पर बरकरार रखा है। रिजर्व बैंक के गवर्नर उर्जित पटेल ने मौद्रिक नीति समिति की दो दिनों की बैठक के बुधवार को चालू वित्त वर्ष की छठी एवं अंतिम द्विमासिक मौद्रिक नीति की समीक्षा जारी की जिसमें नीतिगत दरों को अपरिवर्तित रखा गया है।

मौद्रिक समीक्षा के प्रमुख तथ्य:

    अपनी मौद्रिक नीति समीक्षा में केंद्रीय बैंक ने रेपो रेट 6.25% पर बरकरार रखा। इसके साथ ही बैंक ने जीडीपी ग्रोथ के पिछले अनुमान में भी कटौती कर दी। रिजर्व बैंक ने मौजूदा वित्त वर्ष के लिए जीडीपी ग्रोथ की दर का अनुमान घटाकर 6.9% कर दिया।
    इससे पहले 7 दिसंबर, 2016 की समीक्षा में आरबीआई ने देश के आर्थिक विकास की दर 7.1 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया था। हालांकि, अगले वित्त वर्ष 2017-18 के लिए रिजर्व बैंक ने 7.4 प्रतिशत के ग्रोथ रेट का अनुमान जताया है। इसके साथ ही, रिजर्व बैंक ने अपने नीतिगत रुख को ‘नरम’ से ‘निरपेक्ष’ कर दिया है। आरबीआई ने सात दिसंबर को पिछली समीक्षा में चालू वित्त वर्ष की आर्थिक वृद्धि 7.1 प्रतिशत और अगले वित्त वर्ष की वृद्धि 7.6 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया था।
    रिजर्व बैंक ने कहा है कि महंगाई मार्च 2017 में लक्ष्य के मुताबिक 5 प्रतिशत के नीचे रहेगी। हालांकि, अप्रैल से सितंबर में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) आधारित महंगाई में और कमी की उम्मीद जताई गई है। आरबीआई के मुताबिक, इस अवधि में सीपीआई 4 से 4.5 प्रतिशत तक रहेगी। लेकिन, अक्टूबर से महंगाई के बढ़कर फिर से 5 प्रतिशत तक या इससे थोड़ा ऊपर पहुंचने की आशंका है।
    रिजर्व बैंक ने कहा है कि अर्थव्यवस्था में कमजोरी के तीन कारण हो सकते हैं। पहला, कच्चे तेल की अंततराष्ट्रीय कीमतों में वृद्धि। दूसरा, करंसी एक्सचेंज के मौजूदा ट्रेंड के मुताबिक डॉलर के मुकाबले रुपये की कीमत में और तीसरा, गिरावट आने और 7वें पे कमीशन का संभावित असर गिनाया।

मौद्रिक समीक्षा की अन्य प्रमुख बातें:

  • कच्चे तेल की कीमतों में बढोतरी, विनिमय दर में उतार-चढ़ाव और 7वें वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू करने के बड़े प्रभाव से मुद्रास्फीति दबाव बढ़ने का खतरा।
  • वर्ष 2017 में वैश्विक आर्थिक वृद्धि में तेजी आने की संभावना।
  • संरक्षणवादी रुझान तेज होने से वैश्विक व्यापार में मंदी का अनुमान।
  • रिजर्व बैंक ने नीतिगत रुख को ‘नरम’ की जगह ‘तटस्थ’ किया।
  • मौद्रिक नीति के रुख में बदलाव नोटबंदी के अस्थायी प्रभावों के कारण।
  • पुराने की जगह नए नोटों की आपूर्ति बढ़ने के साथ बैंकों के पास नकदी की बाढ़ कम होगी।
  • नकदी की बाढ़ 2017-18 के शुरुआती महीनों में बने रहने की संभावना।
  • जल्दी-जल्दी आने वाले सामयिक आंकड़ों से सेवा क्षेत्र, की गतिविधियों, वाहनों की बिक्री, घरेलू हवाई माल परिवहन, रेल माल ढुलाई और सीमेंट उत्पादन में कमी के संकेत।
  • खाद्य और ईंधन को छोड़, मुद्रास्फीति सितंबर से 4.9 फीसदी पर अड़ी हुई है।
  • नीतिगत समीक्षा में बैंकों के अवरद्ध ऋणों का समाधान तेजी से करने और बैंकों में नई पूंजी डालने का काम तेज करने पर जोर ताकि कर्ज की दरें और नीचे आ सकें।

स्टेशन पुनर्विकास कार्यक्रम के पहले चरण का शुभारंभ:

    रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने ‘स्टेशन पुनर्विकास कार्यक्रम’ के पहले चरण की शुरूआत की। इस कार्यक्रत के तहत कुल 400 स्टेशनों का पुनर्विकास किया जाना है जिसमें पहले चरण के लिए 23 स्टेशनों के लिए निविदाएं मांगी गई हैं। इस पूरी योजना के तहत रेलवे को डेवलपरों की आेर से एक लाख करोड़ रुपए का निवेश किए जाने की उम्मीद है और इससे उसे 10,000 करोड़ रुपए की अधिशेष आय होने की उम्मीद है जिसका उपयोग वह अन्य आधुनिकीकरण योजनाओं पर कर सकेगी। इस काम को पूरा करने के लिए केंद्र सरकार ने 5 साल का लक्ष्य निर्धारित किया है।

  • प्रथम चरण में लोकमान्य तिलक टर्मिनस, पुणे, ठाणे, विशाखापत्तनम, हावड़ा, कामाखया, फरीदाबाद, जम्मू तवी, उदयपुर सिटी, सिकंदराबाद, विजयवाड़ा, रांची, चेन्नई सेंट्रल, कोझीकोड, यशवंतपुर, बैंगलुरू कैंट, भोपाल, मुंबई सेंट्रल, बांद्रा टर्मिनस, बोरीवली और इंदौर स्टेशन समेत कुल 23 का पुनर्विकास होना है।
  • इस चरण के लिए इन स्टेशनों का चयन कार्यनीतिक सलाहकारों, द बोस्टन कंसलटिंग ग्रुप द्वारा किये गये विस्तृत संभाव्यता अध्ययनों के बाद किया गया है।

परियोजना की खास बातें:

  • 400 करोड़ से अधिक रुपये खर्च होंगे परियोजना पर
  • 05 साल तक का समय लगेगा इस काम को पूरा करने में
  • 45 साल की लीज पर रेलवे की जमीन मिलेगी कंपनियों को

‘प्रधानमंत्री ग्रामीण डिजिटल साक्षरता अभियान’ स्वीकृत:

  • केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 2,351.38 करोड़ रुपये के प्रधानमंत्री ग्रामीण डिजिटल साक्षरता अभियान को मंजूरी दे दी है, इसके जरिये मार्च, 2019 तक छह करोड़ ग्रामीण परिवारों को डिजिटल रूप से साक्षर बनाया जाएगा।
  • एक आधिकारिक बयान के अनुसार, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में प्रधानमंत्री ग्रामीण डिजिटल साक्षरता अभियान (पीएमजीडीआईएसएचए) को मंजूरी दी गई। इसके जरिये छह करोड़ ग्रामीण परिवारों को डिजिटल रूप से साक्षर बनाने का लक्ष्य है। इस परियोजना पर 2,351.38 करोड़ रुपये का खर्च आएगा।
  • यह वित्त मंत्री अरूण जेटली द्वारा 2017—18 के बजट में की गई घोषणा के अनुरूप है। बयान में कहा गया है कि पीएमजीडीआईएसएचए दुनिया के सबसे बड़े डिजिटल साक्षरता कार्यक्रमों में से होगा। योजना के तहत वित्त वर्ष 2016—17 में 25 लाख लोगों को प्रशिक्षित किया जाएगा।
  • 2017—18 में 275 लाख और 2018—19 में 300 लाख लोगों को प्रशिक्षण दिया जाएगा। बयान में कहा गया है कि सभी क्षेत्रों के लोगों को इस योजना का लाभ मिल सके यह सुनिश्चित करने के लिए ढाई लाख ग्राम पंचायतों में प्रत्येक में औसतन 200 से 300 उम्मीदवारों का पंजीकरण किया जाएगा।
  • बयान में कहा गया है कि डिजिटल रूप से साक्षर व्यक्ति कंप्यूटर चला सकेगा और टैबलेट, स्मार्टफोन जैसे उपकरणों का इस्तेमाल कर सकेगा। वह ईमेल भेज सकेगा और प्राप्त कर सकेगा। इंटरनेट की ब्राउजिंग कर सकेगा, सरकारी सेवाओं का इस्तेमाल कर सकेगा, सूचनाएं पता कर सकेगा और नकदीरहित लेनदेन कर सकेगा।
  • इस स्कीम को लागू करने की जिम्मेदारी इलेक्ट्रोनिक्स एंड आईटी मिनिस्ट्री को दी गई है। इसके लिए केंद्र व राज्य सरकारों के साथ मिलकर काम किया जाएगा। नोटबंदी के बाद सरकार लगातार कैशलेश बनाने के लिए प्रयास कर रही है।
  • राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण संगठन द्वारा शिक्षा पर कराये गये 71वें सर्वेक्षण के अनुसार अनुसार देश में 16.85 करोड़ लोगों में से केवल छह प्रतिशत ग्रामीण परिवारों के पास ही कंप्यूटर है। इस सर्वेक्षण में पाया गया कि 16 करोड़ ग्रामीण आबादी अर्थात 94 प्रतिशत लोगों के पास कंप्यूटर नहीं है।

तृतीय वार्षिक राष्ट्रीय कृमिनाशक (डी-वॉर्मिंग) दिवस मनाया गया:

  • 10 फरवरी को राष्ट्रीय कृमिनाशक (डी-वॉर्मिंग) दिवस पहल के एक हिस्से के रूप में लगभग 34 करोड़ बच्चों को कृमिनाशक गोलियां खिलाई जायेंगी। यह जानकारी स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण सचिव सी के मिश्रा ने दी। मिश्रा 10 फरवरी, 2017 को मनाये जाने वाले तृतीय वार्षिक राष्ट्रीय कृमिनाशक (डी-वॉर्मिंग) दिवस (एनडीडी) के बारे में मीडिया को जानकारी दे रहे थे।
  • राष्ट्रीय कृमिनाशक दिवस वर्तमान में एकल दिवस वाला दुनिया का सबसे बड़ा सार्वजनिक स्वास्थ्य कार्यक्रम है। उन्होंने कहा कि इस वर्ष राष्ट्रीय कृमिनाशक दिवस के तहत 34 राज्यों एवं केन्द्र शासित प्रदेशों के सरकारी एवं सरकार से सहायता प्राप्त स्कूलों, आंगनवाड़ी केंद्रों और निजी स्कूलों में पढ़ रहे 1-19 वर्ष के आयु वर्ग के तकरीबन 34 करोड़ बच्चों को कृमिनाशक गोलियां खिलाई जायेंगी।
  • सचिव (स्वास्थ्य) ने कहा कि ऐसे सभी बच्चों में कृमिनाश सुनिश्चित करने के लिए 15 फरवरी को बच्चों को साफ-सुथरा रखने का दिवस मनाया जायेगा जो राष्ट्रीय कृमिनाशक दिवस को कृमिनाश की प्रक्रिया से लाभान्वित नहीं हो पायेंगे। मानव संसाधन विकास मंत्रालय के अधीनस्थ स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग, महिला एवं बाल विकास मंत्रालय और पेयजल एवं स्वच्छता मंत्रालय के संयुक्त प्रयासों के जरिये राष्ट्रीय कृमिनाशक दिवस मनाया जा रहा है।
  • सभी हितधारक राष्ट्रीय कृमिनाशक दिवस के उन उद्देश्यों की प्राप्ति के लिए प्रतिबद्ध हैं, जो स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, मानव संसाधन विकास मंत्रालय और महिला एवं बाल विकास मंत्रालय द्वारा राष्ट्रीय कृमिनाशक दिवस के लिए हस्ताक्षरित किये गये संयुक्त निर्देशों में परिलक्षित होते हैं।
  • शिशु विद्यालय एवं स्कूल आधारित कृमिनाशक कार्यक्रमों को विश्व भर में ‘विकास के लिए सर्वश्रेष्ठ खरीद’ के रूप में जाना जाता है। 400 एमजी की सुरक्षित एवं लाभप्रद एलबेन्डाजोल गोली को घोल के रूप में शिशुओं को पिलाया जाता है, जो कृमि संक्रमण को नियंत्रण में रखने में अत्यंत कारगर साबित होता है। विश्व भर में कृमि संक्रमण से सर्वाधिक प्रभावित बच्चे भारत में ही हैं।

राष्ट्रीय डी-वॉर्मिंग दिवस:

  • भारत में राष्ट्रीय डी-वॉर्मिंग दिवस 10 फ़रवरी को मनाया जाता है। इस दिवस का शुभारंभ स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय (स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग, भारत सरकार) भारत सरकार द्वारा वर्ष 2015 से किया गया है।
  • इस अभियान का लक्ष्य एक से उन्नीस साल तक की उम्र के सभी बच्चों को आंत्र कृमियों से बचाना है तथा उन्हें अच्छे स्वास्थ्य और जीवन की गुणवत्ता प्रदान करना है। स्कूलों और आंगनवाड़ी केंद्रों पर नि:शुल्क डी-वॉर्मिंग की गोलियों का वितरण किया।
  • विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) का अनुमान है, कि भारत में एक से चौदह वर्ष की आयु वर्ग के दो सौ इकतालीस मिलियन बच्चे आंत कृमि संक्रमण के ज़ोखिम से पीड़ित हैं। इन कृमि (कीड़ो) को मिट्टी के संपर्क से पैदा होने वाले हेलमिंथ (एसटीएच) के रूप में जाना जाता है।
  • मिट्टी के संपर्क से पैदा होने वाला हेलमिंथ (कृमि या कीड़े) (आंत परजीवी कृमि) संक्रमण, हेलमिंथ संक्रमण के समूह का उप-समूह है। इसका कारण हेलमिंथ (कृमि या कीड़े), संक्रमित मल के माध्यम से दूषित मिट्टी द्वारा संचारण होता हैं, इसलिए इन्हें मिट्टी के संपर्क से पैदा होने वाले हेलमिंथ संक्रमण (पेट का कीड़ा, कृमि या कीड़े) कहा जाता है।

देश के सबसे बड़े स्कूल खेल पंहुच कार्यक्रम, मिशन इलेवन मिलियन का नई दिल्ली में शुभारम्भ:

  • प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की फुटबॉल को देश का पसंदीदा खेल बनाने की परिकल्पना से प्रेरित सबसे बड़े स्कूल खेल पंहुच कार्यक्रम, मिशन इलेवन मिलियन का युवा मामले और खेल राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) विजय गोयल ने शुभारम्भ किया। इस अवसर पर एआईएफएफ के अध्यक्ष प्रफुल्ल पटेल भी उपस्थित थे।
  • अपनी तरह के इस पहले कार्यक्रम से बच्चों को खूबसूरत खेल फुटबॉल खेलने का बढ़ावा मिलेगा, उनकी स्वस्थ आदतें बनेंगी और वे एक साथ काम करने तथा खेल भावना का जीवन का महत्वपूर्ण सबक सीखेंगे। इसके जरिए स्कूल के प्रधानाचार्यों और खेल शिक्षकों को बच्चों को नियमित फुटबॉल खेलने को बढ़ावा देने तथा जागरूक करने के लिए कहा जाएगा।
  • मिशन इलेवन मिलियन फुटबॉल के लिए स्कूलों को शामिल करने का विशाल कार्यक्रम है। अंतर्राष्ट्रीय खेल विशेषज्ञताओं लेकिन हमारे विशाल और विविध देश की जमीनी हकीकतों को ध्यान में रखते हुए तैयार किए गए इस कार्यक्रम का उद्देश्य देश के प्रत्येक इलाके के 11 मिलियन बच्चों में फुटबॉल के प्रति जुनून पैदा करना है।
  • मिशन इलेवन मिलियन का महत्वपूर्ण विचार है कि प्रत्येक बच्चे को विश्व के सबसे लोकप्रिय खेल को खेलने का अवसर मिलना चाहिए।
  • यह कार्यक्रम कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी और कच्छ से लेकर इम्फाल तक देश के सभी राज्यों में शुरू किया जाएगा।

दृष्टिबाधितों के लिए ब्रेल एटलस जारी:

    विज्ञान एवं प्रोद्योगिकी तथा पृथ्वी विज्ञान मंत्री डॉ. हर्ष वर्धन ने 10 फरवरी 2017 को अंग्रेजी ब्रेल में ‘एटलस फॉर विजुअली इम्पेयर्ड (इंडिया)’ का विशेष संस्करण जारी किया। इस ब्रेल एटलस को विज्ञान एवं प्रोद्योगिकी विभाग के अधीन राष्ट्रीय एटलस एवं थिमैटिक मानचित्रण संगठन (एनएटीएमओ) ने तैयार किया है।

  • दृष्टिबाधित छात्रों की शिक्षा के लिए देशभर के विभिन्न स्कूलों में इन मानचित्रों को वितरित किया जाएगा।
  • इस समय 20 मानचित्रों वाले प्रत्येक एटलस की मौजूदा कीमत 600 रुपये है, जिसके मद्देनजर इन एटलस को सस्ती कीमत पर उपलब्ध कराने के प्रयास किया जा रहे हैं।
  • ब्रेल एटलस में मानचित्रों की रेखाओं को उभारा गया है और ऐसे संकेत दिये गए हैं जिनका स्पर्श करके स्थान की जानकारी मिल सकती है। लगभग 20 मानचित्रों में भारत के भौगोलिक, सामाजिक-आर्थिक और सांस्कृतिक पक्षों के अलावा नदियों, वनों, महानगरों, सड़कों, रेलवे, फसलों इत्यादि की जानकारी भी दी गई है।
  • उल्लेखनीय है कि इस एटलस को 3 जनवरी, 2017 में तिरूपति में आयोजित भारतीय विज्ञान कांग्रेस में प्रधानमंत्री द्वारा पुरस्कृत किया गया था।
    भारत में 50 लाख से अधिक दृष्टिबाधित लोग रहते हैं जिनमें ज्यादातर लोग कम आय समूह के हैं। इनके लाभ के लिए एनएटीएमओ ने नक्शों के जरिये वैज्ञानिक सूचना प्रदान कनरे का लक्ष्य निर्धारित किया है। अभी तक दृष्टिबाधितों के ज्ञान वर्धन के लिए पुस्तकें और अन्य साहित्य उपलब्ध हैं लेकिन इस एटलस के जारी होने के बाद दृष्टिबाधितों को भारत की भौगोलिक जानकारी प्राप्त होगी।

भारत बौद्धिक संपदा सूचकांक में 43 वें स्थान पर:

  • अंतरराष्ट्रीय बौद्धिक संपदा सूचकांक में भारत लगातार पिछड़ता दिखाई दे रहा है। अमेरिकी चैंबर ऑफ कॉमर्स के वैश्विक बौद्धिक संपदा केंद्र जीआईपीसी की बौद्धिक संपदा वातावरण पर तैयार 45 देशों की सूची में भारत को 43वें स्थान पर रखा गया है।
  • यह लगातार पांचवां साल है जबकि भारत इस सूची में निचले पायदान पर रहा है। हालांकि, 2017 की सूची इस लिहाज से कुछ सुधार दिखाती है कि पिछले चार साल के दौरान भारत आखिरी से एक पायदान ही उपर रहा था।
  • रिपोर्ट में कहा गया है कि यह वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद का 90% शामिल करता है, और देशों को पेटेंट, ट्रेडमार्क, कॉपीराइट, व्यापार रहस्य, प्रवर्तन, और अंतरराष्ट्रीय संधियों के हिसाब से दर्जा देता है। पाकिस्तान (44 वें) और वेनेजुएला (45 वें) – केवल दो देश ही भारत से निचले स्थान पर हैं।
  • अमेरिका, ब्रिटेन, जर्मनी, जापान, स्वीडन, फ्रांस, स्विट्जरलैंड, सिंगापुर, दक्षिण कोरिया और इटली शीर्ष 10 रैंक में आते हैं। ब्रिक्स देशों में चीन 27 वें स्थान पर है, दक्षिण अफ्रीका (33 वें), ब्राजील (32 वें) और रूस (23 वें)।

बौद्धिक संपदा:

  • किसी व्यक्ति अथवा संस्था द्वारा सृजित कोई रचना, संगीत, साहित्यिक कृति, कला, खोज, नाम अथवा डिजाइन आदि, उस व्यक्ति अथवा संस्था की ‘बौद्धिक संपदा’ कहलाती है। व्यक्ति अथवा संस्था को अपनी इन कृतियों पर प्राप्त अधिकारों को ‘बौद्धिक संपदा अधिकार कहा जाता है। बौद्धिक संपदा अधिकार व्यक्ति या संस्था को अपनी रचना/आविष्कार पर एक निश्चित अवधि के लिए विशेषाधिकार प्रदान करते हैं।
  • इन विशेषाधिकारों का विधि द्वारा संरक्षण पेटेंट, कॉपीराइट अथवा ट्रेडमार्क आदि के रूप में किया जाता है। इससे सर्जक खोज तथा नवाचार के लिए उत्साहित और उद्यत रहते हैं और वित्तीय एवं वाणिज्यिक लाभ प्राप्त करते हैं। अंतर्राष्ट्रीय बौद्धिक संपदा अधिकार सूचकांक अमेरिकी वाणिज्यिक संगठन ‘यूएस चैंबर ऑफ कॉमर्स’ द्वारा वर्ष 2007 में स्थापित ‘ग्लोबल इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी सेंटर’ द्वारा दिसंबर, 2012 से जारी किया जा रहा है। इसका उद्देश्य अमेरिका और अन्य प्रमुख देशों में बौद्धिक संपदा अधिकारों का संरक्षण तथा इसके मानदंडों का बचाव और संवर्धन करना है।

पहला स्वदेशी एयरबोर्न अर्ली वार्निंग एंड कंट्रोल सिस्टम भारतीय वायुसेना को सौंपा जाएगा:

  • वायु रक्षा क्षमताओं को मजबूत बनाने के लिए डीआरडीओ द्वारा विकसित स्वदेशी हवाई चेतावनी एवं नियंत्रण प्रणाली (एयरबोर्न अर्ली वार्निंग एंड कंट्रोल सिस्टम-अवाक्स) से सुसज्जित पहला टोही विमान 14 फरवरी को वायुसेना को मिल जाएगा। इस प्रणाली का विकास डीआरडीओ की प्रयोगशाला वायुवाहित प्रणाली केंद्र (सीएबीएस) ने किया है और उसकी तैनाती ब्राजीली विमान ईएमबी-145 पर की गई है।
  • डीआरडीओ चाहता है कि वायुसेना आगे इसे परखे और इस प्रणाली से सुसज्जित और अधिक विमानों की खरीद संभावनाओं के बारे में बताए। सैद्धांतिक रूप से वायुसेना और डीआरडीओ 6 और अवाक्स सुसज्जित विमान की खरीद पर सहमत हैं जिसे ब्राजीली एम्ब्रायर-145 की जगह एयरबस-330 पर सुसज्जित किया जाएगा। सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति (डीएसी) ने एयरबस-330 पर अवाक्स की तैनाती के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।
  • एरो इंडिया शो 14 से 18 फरवरी के बीच बेंगलुरु में होगा। डिफेंस रिसर्च एंड डिवेलपमेंट ऑर्गनाइजेशन (डीआरडीओ) ने AEW&C सिस्टम वाले विमान को 14 फरवरी को वायुसेना में शामिल होने के लिए भेजे जाने की पुष्टि की है। रिपब्लिक डे परेड के दौरान पहली बार इस सिस्टम से युक्त विमान को पब्लिक के बीच लाया गया था।
  • अपना AEW&C सिस्टम हासिल करते ही भारत इस मामले में टॉप पांच देशों में शामिल हो जाएगा। भारत ने इस सिस्टम के लिए 2008 में ही ब्राजील से विमान खरीदे थे। कुछ कारणों से 2200 करोड़ रुपये का यह प्रॉजेक्ट लेट होता चला गया।
  • दुश्मन के विमान पर नजर रखने के लिए AWACS (एयरबोर्न वॉर्निंग एंड कंट्रोल सिस्टम) नाम के एक और प्रोग्राम पर काम चल रहा है। AEW&C सिस्टम में 240 डिग्री कवरेज वाला रेडार है, जबकि AWACS से 400 किलोमीटर तक 360 डिग्री कवरेज हासिल हो सकेगी। करीब 5100 करोड़ रुपये के इस प्रॉजेक्ट के तहत आठ विमानों को शामिल करने की योजना है। सूत्रों का कहना है कि यह सिस्टम 2024 तक ही उपलब्ध हो पाएगा।
  • फिलहाल इस काम के लिए भारत के पास फाल्कन सिस्टम है, जिसमें रूसी विमान पर इस्रायली रेडार लगे हैं। यह 400 किलोमीटर तक 360 डिग्री कवरेज देने में सक्षम है। इस मामले में भारत फिलहाल चीन और पाकिस्तान से काफी पीछे माना जाता है। चीन के पास 20 से ज्यादा सिस्टम हैं, जबकि पाकिस्तान के पास आठ सिस्टम बताए जाते हैं। चीन का सिस्टम 470 किलोमीटर की दूरी तक 60 से ज्यादा विमानों को ट्रैक कर सकता है। पाकिस्तान के पास चार स्वीडिश और चार चीनी विमान हैं।

सेबी एक्सचेंजों के संचालन के नियम सुधारेगा:

  • प्राइमरी बाजार के कामकाज को और सक्षम व पारदर्शी बनाने के लिहाज से बाजार नियामक सेबी आइपीओ के बाद कंपनी की लिस्टिंग के समय को और घटाने पर विचार कर रहा है। वर्तमान में कंपनियों को आइपीओ बंद होने के बाद छह दिन में कंपनी को स्टॉक एक्सचेंज में लिस्ट कराना होता है। इसके अलावा सेबी के एजेंडा में असेट रिकंस्ट्रक्शन कंपनियों की तरफ से जारी सिक्योरिटी रिसीट्स को भी स्टॉक एक्सचेंज में लिस्ट कराना शामिल है।
  • सिक्योरिटी एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (सेबी) की बोर्ड बैठक में 11 फरवरी 2017 को तय हुआ कि आइपीओ लाने के बाद कंपनियों को स्टॉक एक्सचेंज में लिस्ट कराने में लगने वाले वक्त को और घटाने की आवश्यकता है। हालांकि अभी यह तय नहीं हुआ है कि कंपनियों को लिस्टिंग के लिए कितने दिन का वक्त मिलेगा। लेकिन इस बात पर बोर्ड में सहमति है कि इसे मौजूदा छह दिन से और घटाया जा सकता है। सेबी की बोर्ड बैठक में अगले वित्त वर्ष यानी 2017-18 के एजेंडा पर विचार विमर्श हुआ।
  • इससे पहले सेबी को बोर्ड को संबोधित करते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि शेयर बाजार में बराबर बड़े घटनाक्त्रम देखने को मिलते रहते हैं और बाजार विनियामक सेबी अर्थव्यवस्था की जरूरत और बाजार के हिसाब से एक पेशेवर संगठन के रूप में अपना विकास कर रहा है। वित्त मंत्री जेटली ने सेबी बोर्ड के सदस्यों और अधिकारियों के साथ बैठक में नए वित्त वर्ष के बजट में बाजार संबंधी घोषणाओं पर विचार विमर्श किया।
  • सेबी के अगले वित्त वर्ष के एजेंडा में कई सुधार संबंधी कदम उठाने को प्राथमिकता दी गई है। इसके अलावा सेबी ने शेयर बाजार के लिए एक साइबर सिक्योरिटी लैब स्थापित करने का ऐलान भी किया है। सेबी बाजार मध्यस्थों (इंटरमीडियरीज) के ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन के लिए भी सुविधा प्रदान करेगा।
    2017-18 के लिए जिस एजेंडा को सेबी के बोर्ड ने शनिवार को स्वीकार किया है उसमें कारोबार करना आसान बनाने के कई उपाय शामिल हैं। इसमें रजिस्ट्रेशन के आवेदन, बैंक व डीमैट एकाउंट खोलने के लिए एक कॉमन फार्म और विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआइ) के लिए पैन जारी करना शामिल हैं।
  • एनपीए की समस्या को दूर करने के लिए सेबी सिक्योरिटाइजेशन उद्योग को प्रोत्साहित करने के उपायों पर भी विचार कर रही है। इसके तहत असेट रिकंस्ट्रक्शन कंपनियों की तरफ से जारी होने वाले सिक्योरिटी रिसीट्स को लिस्ट कराने और उनकी स्टाक एक्सचेंज में ट्रेडिंग की अनुमति देना भी सेबी के एजेंडा में शामिल है।
  • बोर्ड ने प्रतिभूति अनुबंध (विनियमन), स्टाक एक्सचेंज एवं क्लियरिंग कारपोरेशन विनियमन 2012 और सेबी (डिपाजिटरी एवं प्रतिभागी) विनियमन 1996 की व्यापक समीक्षा किए जाने और उस पर सार्वजनिक टिप्पणियां आमंत्रित करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी।

भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी):

  • भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) भारत में प्रतिभूति और वित्त का नियामक बोर्ड है। इसकी स्थापना सेबी अधिनियम 1992 के तहत 12 अप्रैल 1992 में हुई। सेबी का मुख्यालय मुंबई में बांद्रा कुर्ला परिसर के व्यावसायिक जिले में हैं और क्रमश: नई दिल्ली, कोलकाता, चेन्नई और अहमदाबाद में उत्तरी, पूर्वी, दक्षिणी व पश्चिमी क्षेत्रीय कार्यालय हैं।
  • इसकी स्थापना आधिकारिक तौर पर वर्ष 1988 में भारत सरकार द्वारा की गई और भारतीय संसद द्वारा पारित सेबी अधिनियम, 1992 के साथ 1992 में इसे संवैधानिक अधिकार दिया गया था। सेबी के अस्तित्व में आने से पहले पूंजी निर्गम नियंत्रक नियामक प्राधिकरण था, जिसे पूंजी मुद्दे (नियंत्रण) अधिनियम, 1947 के अंतर्गत अधिकार प्राप्त थे।
  • सेबी का प्रमुख उद्देश्य भारतीय स्टाक निवेशकों के हितों का उत्तम संरक्षण प्रदान करना और प्रतिभूति बाजार के विकास तथा नियमन को प्रवर्तित करना है।
  • सेबी को एक गैर वैधानिक संगठन के रूप में स्थापित किया गया जिसे SEBI ACT1992 के अन्तर्गत वैधानिक दर्जा प्रदान किया गया है। 25 जनवरी 1995 को सरकार द्वारा पारित एक अध्यादेश के द्वारा पूंजी के निर्गमन, प्रतिभूतियों के हस्तांतरण तथा अन्य संबंधित मामले के सम्बन्ध में सेबी को नियंत्रक शक्ति प्रदान कर दिया गया है।
  • वर्तमान कानूनों तथा नियंत्रणों में परिवर्तन के सम्बन्ध में सेबी अब एक स्वायत्त संस्था है और अब उसे सरकार से अनुमति लेने की आवश्यकता नहीं।

दक्कन का पठार (डेक्कन ट्रैप) का निर्माण दो विस्फोटों के साथ हुआ था: अध्ययन

  • एक नए अध्ययन से पता चला है कि भारत के डेक्कन ट्रैप, ज्वालामुखी घटनाओं से उत्पन्न दुनिया की सबसे बड़ी आकृतियों में से एक, का निर्माण दो अलग अलग कलंगियों के विस्फोट के कारण हुआ है। कनाडा के क्यूबेक विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने भारत में 60 लाख वर्ष से भी अधिक समय से पहले हुई घटनाओं का चित्रण एक कंप्यूटर सिमुलेशन के जरिये किया है।
  • इसके निर्माण में अत्यधिक लावा होने के कारण इसने वैज्ञानिकों को अपनी ओर आकर्षित किया है क्योंकि शोधकर्ताओं के अनुसार यह एक विस्फोट से निकले लावा से कहीं अधिक है।
  • पिछले अध्ययनों से यह पाया गया था कि यह 66 लाख वर्ष पहले एक कलंगी में विस्फोट होने करने के कारण अस्तित्व में आया जोकि अब हिन्द महासागर में रीयूनियन द्वीप के नीचे सीधे निहित है। विस्फोट की घटनाओं जिन्होंने डेक्कन ट्रैप का निर्माण किया, का ऐतिहासिक महत्व काफी अधिक है क्योंकि अधिकतर वैज्ञानिकों का मानना है कि यह घटना डायनासोरों के पतन का कारण बनी।

दक्कन का पठार:

  • दक्कन का पठार सतपुड़ा, महादेव तथा मैकाल श्रृंखला से लेकर नीलगिरी पर्वत के बीच अवस्थित है। इसकी औसत ऊँचाई 300-900 मी. के बीच है। इसे पुनः तीन पठारों में विभाजित किया गया है। महाराष्ट्र का पठार (काली मृदा), आंध्रप्रदेश का पठार, जिसे ‘आंध्रा प्लेटो’ कहते हैं । यह धात्विक खनिजों के लिए प्रसिद्ध है।
  • ज्वालामुखी से निकले बेसाल्ट की कई क्रमिक परतों को ट्रैप कहा जाता है । महाराष्ट्र में सर्वप्रथम क्रिटैशियस काल में दरारी उद्गार से बेसाल्ट का जमाव हुआ । इस बेसाल्ट परत के ऊपर अपक्षय के कारण काली मिट्टी बढ़ी, जिस पर वनस्पति एवं जीवों का विकास हुआ । इयोसीन काल में पुनः ज्वालामुखी से निकले बेसाल्ट लावा की दूसरी परत फैल गयी । पहली एवं दूसरी परतों के बीच को अन्तः ट्रैपीय संस्तर कहा जाता है ।
  • पुनः तीसरी बार ज्वालामुखी से निकले बेसाल्ट की परत तीसरे एवं नवीनतम ट्रैप का निर्माण किया । दूसरे तथा तीसरे ट्रैप के मध्य भी वनस्पति एवं जीव दबकर जीवाश्मीकृत हो गये । सर्वाधिक मात्रा में लावा का उद्गार इयोसीन काल का है, जो सबसे ऊपर पाया जाता है, इसलिए महाराष्ट्र के इस उद्गार को इयोसीन काल का माना जाता है । लावा के मोटे निक्षेप के कारण महाराष्ट्र में मिलने वाले खनिज दब गये । इस प्रकार महाराष्ट्र में खनिज तो हैं, किन्तु उनका उत्खनन कठिन है।
  • दक्कन का अर्थ ‘दक्षिणी’ होता है । विन्ध्याचल के दक्षिण में स्थित होने के कारण इसे दक्कन ट्रैप कहा गया। अपक्षय एवं अपरदन के फलस्वरूप महाराष्ट्र के बेसाल्ट पर काली मिट्टी का निर्माण हुआ, जिसमें लौहांश एवं अन्य खनिजों की प्रचुरता पायी जाती है, जिस पर कपास की अच्छी पैदावार होती है।
  • फलस्वरूप इसे कपास मिट्टी (Cotton Soil) या रेगुर मिट्टी (Regur Soil) या काली मिट्टी (Black Soil) कहा जाता है । इस मिट्टी पर अन्य फसलें, जैसे – गन्ना, गेहूँ, फल आदि होते हैं । इन फसलों पर आधारित विभिन्न कृषि-आधारित उद्योग, जैसे – सूती-वस्त्र, चीनी एवं फलोद्योग महाराष्ट्र में विकसित हुए हैं।

पदोन्नति पर कर्नाटक कोटा कानून के प्रावधान को सुप्रीम कोर्ट ने रद्द किया:

  • कर्नाटक सरकार का ‘आरक्षण के आधार पर पदोन्नत सरकारी सेवकों की वरिष्ठता का निर्धारण अधिनियम 2002’ के प्रावधान को सुप्रीम कोर्ट ने रद्द कर दिया। कोर्ट ने कहा, ‘प्रमोशन में आरक्षण देने से पहले राज्य निर्धारित कर लें कि क्या अपर्याप्त प्रतिनिधित्व, पिछड़ेपन व समग्र दक्षता के मानदंड पूरे कर लिए हैं।’
  • यह प्रावधान ‘कैच अप’ नियम के उलट एससी-एसटी के लोगों को प्रमोशन में वरिष्ठता देते थे। कोर्ट ने पहले एक फैसले में ‘कैच अप’ नियम का मतलब स्पष्ट किया था। इसके तहत अगर सामान्य श्रेणी के एक वरिष्ठ उम्मीदवार का एससी-एसटी उम्मीदवारों के बाद प्रमोशन होता है तो उसे आरक्षित पदों के तहत उससे पहले पदोन्नत हुए कनिष्ठ अधिकारियों पर वरिष्ठता मिलेगी।
  • जस्टिस एके गोयल और जस्टिस यूयू ललित की पीठ ने यह कानून बनाए रखने वाला हाईकोर्ट का आदेश रद्द कर दिया। सरकारी कर्मचारियों ने इसे चुनौती दी थी। सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिया कि फैसले के तीन महीने के भीतर वरिष्ठता सूची की समीक्षा की जा सकती है। इसके आधार पर तीन महीने में आगे की कार्रवाई की जा सकती है। कोर्ट ने फैसले में कहा कि कर्नाटक सरकार का कानून संविधान के अनुच्छेद 14 (समानता का अधिकार) और अनुच्छेद 16 (सरकारी सेवा में बराबरी का मौका) के खिलाफ है।

विश्व विकास रिपोर्ट 2017 जारी की गयी:

  • विश्व बैंक ने ‘2017 विश्व विकास रिपोर्ट: प्रशासन और कानून’ रिपोर्ट जारी की है। रिपोर्ट ने यह पड़ताल की है कि कैसे एक समाज में सत्ता का असमान वितरण नीतियों की ‘प्रभावशीलता के साथ हस्तक्षेप करता है।
  • व्यापक अनुसंधान और कई देशों में पिछले दो वर्षों में किये गए विचार-विमर्श के आधार पर, यह रिपोर्ट सुधारों की दिशा में मार्गदर्शन करने वाले सिद्धांतों का प्रस्ताव देती है और समान विकास के लिए शासन की गतिशीलता में बदलाव की वकालत करती है।
  • रिपोर्ट यह जानकारी देती है कि अच्छी नीतियों को लाना और लागू करना अत्यधिक कठिन कार्य है क्योंकि क्योंकि समाज में कुछ समूह परिस्थतियों का लाभ उठाकर शक्तिशाली हो जाते हैं तथा सुधारों का विरोध करते हैं।

प्रमुख तथ्य:

  • शक्तियों की विषमता से यह समझा जा सकता है कि क्यों मॉडल भ्रष्टाचार विरोधी कानून और एजेंसियां अक्सर भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने में विफल रहती है, क्यों विकेन्द्रीकरण हमेशा के लिए नगर निगम की सेवाओं में सुधार नहीं करता है; या क्यों अच्छी तरह से तैयार राजकोषीय नीतियां अस्थिरता को कम करके लंबी अवधि की बचत उत्पन्न नहीं कर सकती। जब नीतियाँ और तकनीकी समाधान इच्छित परिणामों को प्राप्त करने में विफल रहती हैं, तो संस्थान अक्सर इसका दोष स्वयं पर ले लेते हैं।
  • प्रभावी सेवा वितरण, अच्छा बुनियादी ढांचा, और निष्पक्ष संस्थानों के लिए मांग में जिस प्रकार वृद्धि जारी है, यह महत्वपूर्ण है कि सरकार दुर्लभ संसाधनों को सही रूप में कुशलता से और पारदर्शी का उपयोग संभव करके इनका उपयोग करे।
  • अर्थात यह रिपोर्ट निजी क्षेत्र की विशेषज्ञता का दोहन, नागरिक समाज के साथ मिलकर काम करने और भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई में हमारे प्रयासों को दुगुना करने की बात पर जोर देती है।
  • बेहतर प्रशासन के बिना, अत्यधिक गरीबी समाप्त करने और साझा समृद्धि बढ़ाने का हमारा लक्ष्य पहुँच से बाहर हो जाएगा।
  • प्रभावी नीति के तीन मुद्दे: रिपोर्ट प्रभावी नीतियों के तीन प्रमुख तत्वों की ओर ध्यान दिलाती है-प्रतिबद्धता, समन्वय और सहयोग।
  • इसके अनुसार, बेहतर परिणामों के लिए संस्थाओं को जरूरत है:
  • बदलती परिस्थितियों का सामना करने में नीतियों के प्रति प्रतिबद्ध आधार।
  • सहयोग को प्रोत्साहित करना।

केंद्रीय कैबिनेट ने एसबीआई में 5 सहयोगी बैंकों के विलय को अनुमति दी:

  • कैबिनेट ने भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) में उसके 5 सहयोगी बैंकों के विलय को अनुमति दे दी है। एसबीआई में स्टेट बैंक ऑफ मैसूर, स्टेट बैंक ऑफ बीकानेर एंड जयपुर, स्टेट बैंक ऑफ पटियाला, स्टेट बैंक ऑफ त्रावणकोर और स्टेट बैंक ऑफ हैदराबाद का विलय होगा। हालाँकि अभी महिला बैंक के बारे में कोई फैसला नहीं लिया जा सका है।
  • एसबीआई ने पिछले साल ही इन पांच सब्सिडियरी बैंकों और भारतीय महिला बैंक के विलय को मंजूरी दी थी और फिर यह प्रस्ताव सरकार को भेज दिया गया था। 2008 में भारतीय स्टेट बैंक के सहयोगी बैंक स्टेट बैंक ऑफ सौराष्ट्र का भारतीय स्टेट बैंक में विलय हो गया था और फिर उसके दो साल बाद ही स्टेट बैंक ऑफ इंदौर को भी भारतीय स्टैट बैंक के साथ मिला दिया गया।

मध्य प्रदेश में एफएलआरपी स्थापित करने को मंजूरी:

  • सरकार ने मध्य प्रदेश में फूड लेग्यूम्स रिसर्च प्लेटफार्म एफएलआरपी की स्थापना को 15 फरवरी 2017 मंजूरी दे दी। केंद्रीय मंत्रिामंडल ने अमलाहा, सिहोर मध्य प्रदेश में एफएलआरपी की स्थापना को मंजूरी दी है। इसकी स्थापना कृषि अनुसंधान के लिए अंतरराष्टीय केंद्र आईसीएआर करेगा।
  • इस एफएलआरपी की अनुषंगी इकाई पश्चिम बंगाल व राजस्थान में होगी। मंत्रिमंडल ने मध्य प्रदेश सरकार के साथ जमीन के लिए लीज डीड करने को भी मंजूरी दी है।

भारत, रवांडा के बीच विमान सेवा को मंजूरी:

  • सरकार ने भारत और रवांडा के बीच विमानन सेवा के लिए हुए करार को मंजूरी दे दी है। प्रधानमंत्री नरेन्द मोदी की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में इस समझौते पर मुहर लगायी गयी।
  • रवांडा की एयरलाइन रवांडएयर भारत के लिए अपनी हवाई सेवाओं की योजना की घोषणा पहले ही कर चुकी है।

सांख्यिकी संग्रह कानून 2008 में संशोधन को मंजूरी:

  • केंद्र ने जम्मू-कश्मीर को शामिल करने के लिए सांख्यिकी संग्रह कानून, 2008 में संशोधन संबंधी विधेयक को मंजूरी दे दी। यह केंद्रीय और समवर्ती सूची में सांख्यिकी विषय से जुड़ा मामला है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की बैठक में प्रस्तावित संशोधन विधेयक को संसद में पेश करने की मंजूरी दी गई।
  • संशोधन के बाद जम्मू-कश्मीर में आंकड़ा संग्रह करने का तंत्र मजबूत होगा। इसके साथ ही राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में एक नोडल अधिकारी की नियुक्ति की जाएगी ताकि डाटा संग्रह का समन्वय प्रभावी तरीके से हो सके।
  • साथ ही अनावश्यक दोहराव से बचने के लिए सरकारी विभागों से साथ संपर्क भी होगा। सांख्यिकी संग्रह कानून, 2008 आर्थिक, सामाजिक, वैज्ञानिक, जनसंख्या और अन्य आंकड़ों के संग्रह के लिए बनाया गया है। जम्मू-कश्मीर को छोड़ कर पूरे भारत में यह लागू है। जम्मू-कश्मीर विधानसभा ने केंद्र के समान ही जम्मू-कश्मीर सांख्यिकी संग्रह कानून, 2010 बनाया है।

सीसीईए ने 44 छोटे तेल और गैस क्षेत्रों के लिए अनुबंध पुरस्कार को मंजूरी दी:

  • छोटे तेल एवं गैस फील्ड खोज नीलामी की विजेता फर्मों में सार्वजनिक क्षेत्र की बीपीसीएल, एचपीसीएल व आईओसी तथा सन फार्मास्युटिकल्स के निदेशकों की एक कंपनी शामिल है। प्रधानमंत्री नरें मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति की बैठक में इस तरह के 31 फील्ड को आवंटित करने को मंजूरी दी गई। कुल 34 फील्ड के लिए बोली आई थी।
  • वित्त मंत्री ने मंत्रिमंडल की बैठक के बाद कहा कि समिति ने 31 अनुबंध क्षेत्रों में अनुबंध जारी करने को मंजूरी दी। बीपीसीएल की इकाई भारत पेट्रोरिसोर्सेज को चार फील्ड, हिंदुस्तान पेट्रोलियम की इकाई प्राइज पेट्रोलियम तथा आईओसी को तीन तीन फील्ड मिले। इसी तरह सन पेट्रोकेमिकल्स प्राइवेट को एक फील्ड (बी-37 संकुल, मुंबई) मिला है।

इसरो ने रेकॉर्ड 104 सैटलाइट्स सफलतापूर्वक लॉन्च किए:

  • 104 सैटलाइट्स को एकसाथ छोड़कर इसरो ने 15 फरवरी 2017 को एक और रेकॉर्ड बनाते हुए इतिहास रच दिया। आंध्र प्रदेश स्थित श्रीहरिकोटा स्पेस सेंटर से एक ही रॉकेट से अंतरिक्ष में 104 सैटलाइट्स और एक रॉकेट छोड़कर इसरो ने रूस को पछाड़ दिया। अभी तक एक साथ सबसे ज्यादा (37) सैटलाइट्स छोड़ने का रेकॉर्ड रूस के नाम था। अमेरिका एक साथ 29 सैटलाइट्स लॉन्च कर चुका है।
  • पीएसएलवी-सी37 कार्टोसैट-2 सीरीज सैटलाइट मिशन को श्रीहरिकोटा से भारतीय समयानुसार सुबह 9:28 बजे प्रक्षेपित किया गया। ये सैटलाइट्स 28 मिनट बाद 9:56 पर ऑर्बिट में सफलतापूर्वक प्रक्षेपित हो गए। इन सभी सैटलाइट्स को पीएसएलवी-सी37 की मदद से छोड़ा गया, यह इस रॉकेट का 39वां मिशन रहा। इस मिशन के तहत जिस प्रमुख भारतीय सैटलाइट्स को लॉन्च किया गया, वह कॉर्टोसैट-2 सीरीज का है।
  • मंगलयान की कामयाबी के बाद इसरो की कमर्शल इकाई ‘अंतरिक्ष’ को लगातार विदेशी सैटलाइट्स लॉन्च करने के ऑर्डर मिल रहे हैं। इसरो पिछले साल जून में एक साथ 20 सैटलाइट्स लॉन्च कर चुका है। इससे पहले तक इसरो 50 विदेशी सैटलाइट्स लॉन्च कर चुका था। पीएसएलवी-सी37 से पहले 714 किलोग्राम वजन के कॉर्टोसैट-2 सीरीज के सैटलाइट को पृथ्वी पर निगरानी के लिए प्रक्षेपित किया गया। इसके बाद बाकी 103 सैटलाइट्स को पृथ्वी से करीब 520 किलोमीटर दूर पोलर सन सिंक्रोनस ऑर्बिट में एक-एक कर प्रविष्ट कराया गया।

मुख्य तथ्य:

  • इस मिशन में मुख्य सेटेलाईट 714 किलोग्राम वजन वाला कार्टोसैट-2 शामिल है। इसके अलावा इसरो के दो तथा 101 विदेशी नैनो सेटेलाईटों का भी प्रक्षेपण किया गया। इनका कुल वजन 664 किलोग्राम था।
  • विदेशी सेटेलाईटों में 96 अमेरिका के जबकि इज़रायल, कजाखस्तान, नीदरलैंड, स्विटजरलैंड और संयुक्त अरब अमीरात के एक-एक सेटेलाईट शामिल हैं। इस मिशन में सैन फ्रांसिस्को की एक प्राइवेट कम्पनी के 88 नैनो सेटेलाईट भी प्रक्षेपित किये गये।
  • इसरो ने इस मिशन के लिए अपने सबसे भारी रॉकेट पीएसएलवी का प्रयोग किया है. पीएसएलएवी-37 का वजन 320 टन, ऊंचाई 44.4 मीटर है। अब तक पीएसएलवी की सहायता से 38 मिशन सफलतापूर्वक पूरे किये जा चुके हैं। इसरो का यह रॉकेट 15 मंजिला इमारत जितना ऊंचा है।

खाद्य सुरक्षा नियमों को अंतिम रूप देने को समिति बनाई गयी:

  • खाने पीने की चीजों को सुरक्षित बनाने के लिये नियमों को अंतिम रूप देने के वास्ते खाद्य नियामक एफएसएसएआई ने एक वैग्यानिक समिति बनाई है। यह समिति कुपोषण की समस्या के निदान के उपाय भी सुझायेगी। भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) ने पांच खाद्य पदार्थों के मामले में पहले से सुरक्षा संबंधी दिशानिर्देशों का मसौदा जारी किया हुआ है। पांच खाद्य पदार्थो में नमक, दूध, गेहूं का आटा, चावल और खाद्य तेल शामिल हैं। उसका मकसद सुरक्षित खाद्य पदार्थों के उत्पादन और उपभोग को सुनिश्चित करना है।
  • इन नियमों को अक्तूबर में अमल में ला दिया गया है हालांकि एफएसएसएआई ने संबंधित पक्षों से इन्हें अंतिम रूप देने से पहले उनके सुझाव एवं टिप्पणियां मांगी हैं। खाद्य उत्पादों की किलेबंदी यानी उन्हें सुरक्षित बनाने से तात्पर्य खाद्य उत्पादों में ऐसे पोषक तत्वों की मात्रा को बढ़ाना है जिनसे उसकी गुणवत्ता में और सुधार लाया जा सके।
  • खाद्य उत्पादों को उपभोग के लिये सुरक्षित बनाने के इन नियमों में नमक में लौह और आयोडीन के लिये मानक तय किया गया है, इसी प्रकार वनस्पति तेलों और दूध के साथ विटामिन ए और डी का मानक तय किया गया है। गेहूं के आटे और चावल के साथ लौह तत्व, फॉलिक एसिड, जस्ता, विटामिन बी12, विटामिन ए और कुछ अन्य सूक्ष्म पोषक तत्वों के लिये मानक तय किये गये हैं।
  • एफएसएसएआई ने यहां जारी एक वक्तव्य में कहा है, एफएसएसएआई ने खाद्य पदार्थों में बेहतर पोषक तत्वों की किलेबंदी से संबंधित मुद्दों के समाधान के लिये एक 11 सदस्यों की नई विशेषग्य एवं वैग्यानिक समिति बनाई है। मेदांता से अंबरीश मित्तल, एम्स से सी एस पांडव और आर.के. मारवाह :सेवानिवृत:, सेंट जॉन मेडिकल कालेज से अनुराग कुरपद, सीएसआईआर से योगेश्वर शुक्ला तथा अन्य लोगों को इसमें शामिल किया गया है।
  • स्वास्थ्य, महिला एवं बाल विकास मंत्रालय, जैव प्रौद्योगिकी विभाग और भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद भी पैनल के साथ कार्य करेगा। राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण (2006-07) और विश्व बैंक (2006) के अनुसार, लगभग 70 प्रतिशत पूर्वस्कूली बच्चे आयरन की कमी के कारण एनीमिया से पीड़ित हैं। 57 प्रतिशत पूर्वस्कूली बच्चे विटामिन ए की कमी से पीड़ित हैं।
  • विश्व बैंक (2006) के आंकड़ों का कहना है कि आयोडीन की कमी 85 प्रतिशत जिलों में स्थानिक है। स्थानिक पोषक तत्वों की कमी से निपटने के लिए, एफएसएसएआई ने भारत भर में भोजन के फोर्टिफिकेशन को बड़े पैमाने पर बढ़ावा देने के लिए फ़ूड फोर्टिफिकेशन रिसोर्स सेण्टर का शुभारंभ किया गया।
  • भारतीय खाद्य संरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (Food Safety and Standards Authority of India (FSSAI)) की स्थापना खाद्य सुरक्षा तथा मानक अधिनियम, 2006 के अन्तर्गत किया गया है। इसका उद्देश्य खाद्य सामग्री के लिये विज्ञान पर आधारित मानकों का निर्माण करना तथा खाद्य पदार्थों के विनिर्माण, भण्डारण, वितरण, विक्री तथा आयात आदि को नियन्त्रित करना है ताकि मानव-उपभोग के लिये सुरक्षित तथा सम्पूर्ण आहार की उपलब्धि सुनिश्चित की जा सके।

मातृ-शिशु मृत्यु मामलों की संख्या आधी करने के लिए संयुक्त राष्ट्र तंत्र से जुड़ा भारत:

  • भारत उन नौ देशों में शामिल है, जो वर्ष 2030 तक नई माताओं और नवजात बच्चों की देखभाल की गुणवत्ता सुधारने और गर्भवती महिलाओं एवं नवजातों की निरोध्य मौतों को रोकने के लिए किए जा रहे राष्ट्रीय प्रयासों को मजबूत करने पर आधारित वैश्विक स्वास्थ्य तंत्र का हिस्सा बनने वाले हैं।
  • ये नौ देश हैं- भारत, बांग्लादेश, इथोपिया, घाना, आइवरी कोस्ट, मालावी, नाइजीरिया, तंजानिया और युगांडा। विश्व स्वास्थ्य संगठन की ओर से जारी बयान में कहा गया कि विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा समर्थन प्राप्त नए ‘नेटवर्क फॉर इंप्रूविंग क्वालिटी ऑफ केयर फॉर मैटरनल, न्यूबॉर्न एंड चाइल्ड हैल्थ’ के माध्यम से यूनिसेफ और अन्य साझेदार माताओं और शिशुओं को उनके स्वास्थ्य केंद्रों में मिलने वाली देखभाल की गुणवत्ता में सुधार लाने के लिए काम करेंगे।
  • इस नेटवर्क का उद्देश्य वर्ष 2030 तक निरोध्य मौतों को खत्म करने के राष्ट्रीय प्रयासों को मजबूत करना हैं। यह उद्देश्य ‘एव्री वूमन एव्री चाइल्ड ग्लोबल स्ट्रेटेजी फॉर वूमन्स चिल्ड्रेन्स एंड अडोलोसेंट्स हैल्थ’ के अनुरुप है।
  • ये विभिन्न देश इसे करने के लिए स्वास्थ्य पेशेवरों की क्षमता और मनोबल को मजबूती देंगे ताकि गुणवत्ता सुधार, आंकडा संग्रहण, दवाओं, आपूर्ति, उपकरण और स्वच्छ जल तक पहुंच बढाने की दिशा में नियोजन और प्रबंधन किया जा सके।

वैज्ञानिकों ने सुपरबग-परिरक्षण प्रोटीन की पहचान की:

  • वेस्टर्न ऑस्ट्रेलिया यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने सफलतापूर्वक ईपीटीए प्रोटीन की त्रिआयामी आणविक संरचना को मैप किया है जोकि एंटीबायोटिक दवाओं से बचने के लिए ढाल की भांति कार्य करता है।
  • यह ईपीटीए प्रोटीन मानव प्रतिरक्षा प्रणाली और महत्वपूर्ण एंटीबायोटिक दवाओं दोनों से बैक्टीरिया मास्किंग द्वारा बहु दवा प्रतिरोध का कारण बनता है। प्रोटीन के आकार की मैपिंग एक्स-रे क्रिस्टलोग्राफी तकनीक का उपयोग कर की गयी जो मुख्य रूप से एक क्रिस्टल के परमाणु और आणविक संरचना का निर्धारण करने के लिए प्रयोग की जाती है।

ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट-2017 झारखण्ड में शुरू:

  • मोमेन्टम झारखण्ड के तहत दिनांक 16 फरवरी से दो दिवसीय ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट 2017 का आयोजन खेलगांव होटवार, रांची में किया गया है। 28 देशों से औद्योगिक प्रतिनिधि की उपस्थिति में उद्योग विभाग और संबंधित कंपनियों के प्रतिनिधि एमओयू करेंगे। इसमें फ्रांस, यूके, जर्मनी की कंपनियां भी रहेंगी।
  • सरकार ने उम्मीद जताई है कि जीआईएस में करीब 150 एमओयू हाेंगे। जो प्रमुख प्रस्ताव आए हैं, उसमें सोलर पावर प्लांट, यूरेनियम कॉपर, फूड प्रोडक्ट, टेक्सटाइल, हेल्थ केयर कंक्रीट प्लांट, बायोफ्यूल, एटीएम कियोस्क, ऑटोमोबाइल्स से जुड़े निवेश प्रमुख हैं। सरकार ने देश के प्रमुख शहरों से अतिथियों को लाने और ले जाने के लिए एक दर्जन से अधिक चार्टर्ड प्लेन की भी व्यवस्था की है।

वर्ष 2016-17 में खाद्यान्‍न उत्‍पादन रिकार्ड 271.98 मिलियन टन तक अनुमानित:

  • कृषि, सहकारिता एवं किसान कल्‍याण विभाग द्वारा 2016-17 के लिए मुख्‍य फसलों के उत्‍पादन के दूसरे अग्रिम अनुमानों को 15 फरवरी, 2017 को जारी किया गया है। विभिन्‍न फसलों के उत्‍पादन का मूल्‍यांकन राज्‍यों से प्राप्‍त प्रतिपुष्‍टियों तथा इसकी वैद्यता अन्‍य स्रोतों से उपलब्‍ध सूचना पर आधारित है। वर्ष 2003-04 से आगे के वर्षों के तुलनात्‍मक अनुमानों की तुलना में 2016-17 के लिए दूसरे अग्रिम अनुमानों के अनुसार विभिन्‍न फसलों के अनुमानित उत्‍पादन का ब्‍यौरा संलग्‍न है।
  • मानसून 2016 के दौरान अच्‍छी वर्षा एवं सरकार द्वारा की गई विभिन्‍न नीतिगत पहलों के परिणामस्‍वरूप, मौजूदा वर्ष में देश में रिकार्ड खाद्यान्‍न उत्‍पादन हुआ है। 2016-17 के लिए दूसरे अग्रिम अनुमानों के अनुसार, देश में कुल खाद्यान्‍न उत्‍पादन 271.98 मिलियन टन तक अनुमानित है जो 2013-14 के दौरान प्राप्‍त विगत 265.04 मिलियन टन रिकार्ड खाद्यान्‍न उत्‍पादन की तुलना में 6.94 मिलियन टन अधिक है।
  • मौजूदा वर्ष का उत्‍पादन भी विगत पॉंच वर्षों (2011-12 से 2015-16) के औसत खाद्यान्‍न उत्‍पादन की तुलना में 14.97 मिलियन टन अधिक है। मौजूदा वर्ष का उत्‍पादन विगत वर्ष के खाद्यान्‍न उत्‍पादन की तुलना में उल्‍लेखनीय रूप से 20.41 मिलियन टन अधिक है।

भारत और क्रोएशिया के बीच आर्थिक सहयोग के लिए करार:

  • भारत और क्रोएशिया के बीच आर्थिक सहयोग के समझौते लिए भारत के वाणिज्य और उद्योग मंत्री निर्मला सीतारमण और क्रोएशिया के उप-प्रधानमंत्री एवं अर्थव्यवस्था मंत्री मिस मार्टिना डेलिक के बीच 14 फरवरी 2017 को क्रोएशिया के जगरेब में करार पर हस्ताक्षर किए गए।
  • द्विपक्षीय व्यापार और आर्थिक संबंधों को विकसित करने एवं बढ़ावा देने के उद्देश्य से भारत और क्रोएशिया ने सितंबर 1994 में ही व्यापार और आर्थिक सहयोग के एक समझौते पर हस्ताक्षर किए थे। भारत और क्रोएशिया के बीच वर्तमान समझौते इसी निरंतरता को आगे बढ़ाने की दिशा में एक कदम है जो नवंबर 2009 में समाप्त हो गया था।
  • भारत और क्रोएशिया के बीच वित्त वर्ष 2013-14, 2014-15 तथा 2015-16 में द्विपक्षीय व्यापार क्रमश: 148.86 मिलियन डॉलर, 205.04 मिलियन डॉलर तथा 148.44 मिलियन डॉलर रहा था। पिछले तीन वर्षों के दौरान द्विपक्षीय व्यापार वैश्विक मंदी के बावजूद स्थिर बनी हुई है।

वैज्ञानिकों ने एक नया रबर तत्व “थुबर” बनाया:

  • वैज्ञानिकों ने उच्च तापीय चालकता और लोच वाला एक नया रबर जैसा तत्व “थुबर” विकसित किया है। यह एक विदुयत संवाह रोकने वाला सम्मिश्रित तत्व है जोकि धातु की तरह थर्मल चालकता, लचीलेपन जैविक ऊतक के समान का एक अभूतपूर्व संयोजन दर्शाती है।
  • थुबर में नरम इलास्टोमेर होते हैं जिसके भीतर नॉन टॉक्सिक, लिक्विड मिक्रोड्रोप्लेट्स लगे होते हैं। यह अर्द्ध तरल अवस्था धातु को कमरे के तापमान पर आसपास के रबर के साथ बदलने के लिए अनुमति देता है।

सरकार ने एक महत्‍वपूर्ण निर्णय लेते हुए कोरोनरी स्‍टेंट्स की कीमत तय कर दी:

  • सरकार ने लाखों हृदय रोगियों को बड़ी राहत प्रदान की है। 14 फरवरी 2017 को सरकार ने जीवन रक्षक कोरोनरी स्टेंट की कीमत 85 फीसद तक कम कर दी है।बेयर मेटल स्टेंट बीएमएस की कीमत 7,260 और ड्रग एल्यूटिंग स्टेंट (डीईएस) की कीमत 29,600 तय की गई है। केंद्रीय रसायन और उर्वरक मंत्री अनंत कुमार ने इस फैसले का एलान किया।
  • उन्होंने कहा कि नई कीमत तत्काल प्रभाव से लागू कर दी गई है। अब बीएमएस का अधिकतम खुदरा मूल्य 7,623 रुपये और डीईएस का 31,080 रुपये होगा। इसमें वैट और अन्य स्थानीय कर शामिल हैं। इससे पहले बीएमएस का अधिकतम खुदरा मूल्य 45,000 रुपये और डीईएस का 1.21 लाख रुपये था। सरकार ने कंपनियों को मौजूदा स्टॉक का अधिकतम खुदरा मूल्य बदल लेने को कहा है।
  • उन्होंने कहा कि हम विभिन्न अस्पतालों में कोरोनरी स्टेंट के अधिक दाम की समस्या को रोकना चाहते हैं। विचार-विमर्श और कई संबंधित पक्षों से मिली जानकारी के बाद राष्ट्रीय औषधि मूल्य अथारिटी (एनपीपीए) ने स्टेंट की कीमत तय करने का फैसला किया। एनपीपीए ने इस संबंध में अधिसूचना जारी की है। स्टेंट की कीमत तय होने से 80,000 से 90,000 प्रति पीस की बचत होगी और दिल के मरीजों को एक साल में 4,450 करोड़ रुपये की राहत होगी।

हरियाणा सरकार ने डेयरी परिसर की कार्ययोजना तैयार करने के लिए मंत्रिमंडल की एक उप-समिति बनाने का फैसला किया:

  • हरियाणा सरकार ने राज्य के सभी शहरों में एक समुचित सुविधाओं वाले डेयरी परिसर की कार्ययोजना तैयार करने के लिए मंत्रिमंडल की एक उप-समिति बनाने का फैसला किया है। इस समिति में राज्य के कृषि मंत्री ओम प्रकाश धनकड़, शहरी स्थानीय निकाय मंत्री कविता जैन और सहकारिता राज्य मंत्री मनीष कुमार ग्रोवर शामिल होंगे।
  • एकीकृत डेयरी परिसरों के बारे में समिति अपनी रिपोर्ट एक माह के भीतर सौंप देगी। मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की अध्यक्षता में हुई राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में यह निर्णय लिया गया। राज्य के शहरी और योजना विभाग से कहा गया है कि वह ऐसे स्थानों की पहचान कर बताए जहां शहरों के आसपास डेयरी, चारा और सब्जी मंडी स्थापित की जा सकती है। इस प्रकार के परिसरों को एकीकृत डेयरी परिसर कहा जाएगा।
  • राज्य मंत्रिमंडल ने ‘टाउन ऐंड कंट्री विभाग’ के प्रस्ताव में लोगों से मिले सुझावों के अनुरूप संशोधन करने को भी मंजूरी दे दी। इसमें परिवर्तन संबंधी विकास नीति को अमल में लाने पर काम किया जाएगा। इसमें ऐसे मामलों के बारे में संशोधन होगा जिनमें किसी व्यक्ति विशेष ने किसी संस्थागत क्षेत्र में लाइसेंस के लिए आवेदन किया है, उस व्यक्ति को सरकार को उतनी ही भूमि उसी विकास योजना के तहत आवासीय क्षेत्र में उपलब्ध करानी होगी। सरकार इस भूमि का इस्तेमाल कॉलेज, अस्पताल, बिजली घर, पुलिस स्टेशन और दमकल केंद्र आदि के लिए करेगी।

कोबरा गोल्ड सैन्य अभ्यास शुरू हुआ:

  • 14 फरवरी 2017 को सैन्य अभ्यास कोबरा गोल्ड 2017 का थाईलैंड में आरंभ हुआ। कोबरा गोल्ड थाईलैंड और संयुक्त राज्य अमेरिका के मध्य होने वाला एक वार्षिक बहुपक्षीय सैन्य अभ्यास है।
  • यह बहुपक्षीय सैन्य अभ्यास का 36वां संस्करण है। इस सैन्य अभ्यास में 30 देश भाग लेंगे जिसका समापन 24 फरवरी 2017 को होगा। कोबरा गोल्ड में वरिष्ठ नेताओं के साथ संगोष्ठी, फील्ड प्रशिक्षण एवं विभिन्न परियोजनाओं पर सैन्य अभ्यास शामिल है।
  • इस अभ्यास में अमेरिकी सेना के लगभग 3600 सैनिक, वायु सैनिक एवं मरीन भाग लेंगे। प्रशिक्षण में तीव्र हमला, नैनो कॉम्बैट, संयुक्त हथियार परिचालन आदि का प्रशिक्षण शामिल है। कोबरा गोल्ड 2017 का मुख्य फोकस मानवीय सहायता के रूप में नागरिक कार्यों का समन्वय है।
  • कोबरा गोल्ड में तीन प्रमुख प्रशिक्षण शामिल हैं – संयुक्त शस्त्र अभ्यास, कमांड पोस्ट अभ्यास एवं स्थानीय थाई लोगों की सहायता के लिए प्रशिक्षण। पहली बार इसका आयोजन 1982 में किया गया जिसमें अमेरिका तथा थाईलैंड के सैनिकों ने भाग लिया। इसमें भाग लेने वाले मुख्य देश हैं इंडोनेशिया, जापान, मलेशिया, सिंगापुर एवं दक्षिण कोरिया। चीन ने पहली बार वर्ष 2015 में इस सैन्य अभ्यास में भाग लिया था जबकि भारत द्वारा 2016 में भाग लिया गया।

312 मेगावाट की परियोजनाओं के साथ तमिलनाडु देश में सौर ऊर्जा परियोजनाओं का नेतृत्वकर्ता बना:

  • राजस्थान नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में एक विशाल क्षमता होने के बावजूद अपने पड़ोसियों मध्य प्रदेश, हरियाणा और गुजरात से पिछड़ गया है। नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा (एमएनआरई) मंत्रालय के अनुसार राजस्थान ने ग्रिड से जुड़े रूफ-टॉप और छोटे सौर ऊर्जा संयंत्रों कार्यक्रमों में केवल 31 मेगावाट की परियोजनाओं को अनुमोदित / स्वीकृत किया है।
  • हालांकि, मध्य प्रदेश के पास 115 मेगावाट, गुजरात के पास (81.75 मेगावाट) और हरियाणा के पास (75 मेगावाट) की परियोजनाएँ हैं। मंजूर / अनुमोदित परियोजनाओं के साथ सभी राज्यों में, तमिलनाडु 312 मेगावाट की परियोजनाओं के साथ सबसे आगे है। अन्य शीर्ष राज्यों में महाराष्ट्र (100MW), तेलंगाना (74MW) और केंद्र शासित प्रदेश दिल्ली (92MW) शामिल हैं।

रिलायंस डिफेंस एंड इंजीनियरिंग लि. ने अमेरिकी नौसेना के साथ मास्टर शिप रिपेयर एग्रीमेंट (एमएसआरए) पर हस्ताक्षर किया:

  • रिलायंस इंफ्रास्ट्रकचर लि. (आरइंफ्रा) के नियंत्रण वाली रिलायंस डिफेंस एंड इंजीनियरिंग लि. (आरडीइएल) ने अमेरिकी नौसेना के साथ उनके सातवें बेड़े के जहाजों के रखरखाव के लिए मास्टर शिप रिपेयर एग्रीमेंट (एमएसआरए) पर हस्ताक्षर किया है। गुजरात के पीपावॉव में स्थित रिलायंस के शिपयार्ड को जनवरी में अमेरिकी नौसेना के लिए जटिल मरम्मत और प्रत्यावर्तन सेवा के योग्य ठेकेदार करार दिया गया है।
  • मेरिकी नेवी का का सातवां बेड़ा आकार में सबसे बड़ा है और यह पश्चिमी प्रशांत और हिंद महासागर में तैनात है। इस बेड़े में तकरीबन 50-70 पोत व पनडुब्बी, 140 एयरक्राफ्ट और करीब 20 हजार सैनिक तैनात हैं। रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर के नियंत्रण वाली आरडीईएल ने एक बयान में कहा है कि उसने अमेरिकी नेवी के साथ मास्टर शिप रिपेयर एग्रीमेंट (एमएसआरए) पर हस्ताक्षर किये हैं।
  • अनुमान है कि इस अनुबंध से आरडीईएल को करीब 15 हजार करोड़ रुपये का कारोबार मिलेगा। इससे पहले जनवरी में समूह की ही कंपनी रिलायंस शिपयार्ड को अमेरिकी नेवी की ओर से अनुमति प्राप्त कांट्रेक्टर के तौर पर योग्य माना गया था। गुजरात के पीपावाव में रिलायंस शिपयार्ड भारत में एक मात्र एमएसआरए सर्टिफाइड कांट्रेक्टर के तौर पर प्रमाणित किया गया।

कोलकाता में इंडियन सीड कांग्रेस, 2017 का उद्घाटन हुआ:

  • केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री, राधा मोहन सिंह ने इंडियन सीड कांग्रेस के उद्घाटन समारोह में कहा है कि किसानों के समग्र और दीर्घकालिक विकास के लिए केन्द्र सरकार ने राष्ट्रीय किसान नीति तैयार कर ली है जिसका उद्देश्य कृषि विकास क्षमता को गति देना, गांवों में आधारभूत सुविधाएं विकसित करना, मूल्य वर्धन (वैल्यू एडिशन) को बढ़ावा देना, कृषि-व्यवसाय के विकास में तेजी लाना, ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार सृजन करना, किसानों और कृषि कामगारों और उनके परिवारों की आजीविका स्तर सुनिश्चित करना, शहरी क्षेत्रों में पलायन हतोत्साहित करना और आर्थिक उदारीकरण और वैश्विकरण से उत्पन्न चुनौतियां का सामना करना है।
  • इंडियन सीड कांग्रेस – 2017 को कोलकाता में 13 फरवरी 2017 को उद्घाटित किया गया। सीड कांग्रेस का विषय है ‘‘सीड ऑफ ज्वा्य’’ जो वर्ष 2022 तक कृषि आय दोगुना करके किसानों के जीवन में खुशी और समृद्धि लाने के सरकार के दृष्टिकोण से मेल खाता है।
  • केंद्रीय कृषि मंत्री ने इस मौके पर कहा कि सरकार की नीतिगत कदमों के परिणामस्वरूप देश में प्रमाणित/गुणवत्ता‍प्रद बीजों की उपलब्धता में वृद्धि हुई है। यह 60 के दशक के दौरान 40 लाख क्विंटल से भी कम थी जो वर्ष 2015-16 में बढ़कर 370 लाख क्विंटल हो गई।
  • सिंह ने कहा कि कृषि एवं सहकारिता विभाग ने राज्य सरकारों से कहा है कि वे गुणवत्ताप्रद बीजों की वर्षवार, मौसमवार आवश्यकता पूरी करने के लिए किस्मवार सीड रोलिंग प्लांट तैयार करें। इस सीड रोलिंग प्लान से बीज प्रतिस्‍थापन दर तथा किस्म प्रतिस्थापन दर में सुधार जैसे दोहरे उद्देश्यों की पूर्ति होगी ताकि सतत (सस्टेनेबल) कृषि उत्‍पादन और उत्पादकता सुनिश्चित किया जा सके।

भारतीय तबलावादक संदीप दास ने ग्रैमी अवॉर्ड जीता:

  • यो यो मा के और भारतीय तबलावादक संदीप दास की जुगलबंदी को ग्रैमी पुरस्कार मिला है। दास सर्वश्रेष्ठ विश्व संगीत श्रेणी में ग्रैमी पुरस्कार जीतने वाले यो यो मा के सिल्क रोड एनसेम्बल के एल्बम ‘सिंग मी होम’ का हिस्सा थे। इस श्रेणी में भारतीय सितारवादक अनुष्का शंकर का एल्बम ‘लैंड ऑफ गोल्ड’ भी नामित था लेकिन वह पुरस्कार से चूक गयीं।
  • अनुष्का शंकर छठी बार अपने विश्व संगीत नामांकन को ग्रैमी पुरस्कार में तब्दील करने में नाकामयाब रहीं। बीते सालों में कई नामांकनों के बावजूद उनकी झोली में ग्रैमी नहीं आया। यो यो मा के सिंग मी होम की धुनें विश्वभर के विभिन्न कलाकारों ने तैयार की हैं। यह एल्बम मा के दी म्युजिक ऑफ स्ट्रेंजर्स ‘यो यो मा ऐंड दी सिल्क रोड एनसेंबल’ नाम के प्रोजेक्ट पर बनी डॉक्युमेंटरी का हिस्सा है।
  • एडेल ने ग्रैमी के 3 सबसे महत्वपूर्ण पुरस्कार – एल्बम ऑफ दी ईयर, रिकॉर्ड ऑफ दी ईयर और सॉंग ऑफ दी ईयर अपने नाम किए। एडेल को जिन 5 श्रेणियों में नामित किया गया था, उन्हें उन सभी में जीत हासिल हुई, इसमें बेस्ट पॉप सोलो परफॉर्मेंस और बेस्ट वोकल एल्बम शामिल हैं।

नए आईएमएफ ट्रेनिंग एंड टेक्निकल सेण्टर (SARTTAC) का उद्घाटन किया गया:

  • सचिव, आर्थिक मामलों के विभाग, वित्त मंत्रालय ने दिल्ली में अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष के दक्षिण एशिया प्रशिक्षण और तकनीकी सहायता केंद्र (SARTTAC) का उद्घाटन किया। यह भारत सरकार और अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) की एक अग्रणी पहल है।
  • यह, अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष का पहला पूरी तरह से एकीकृत क्षमता विकास केंद्र है, जो विकास के दो खण्डों – प्रशिक्षण और तकनीकी सहायता को एक छत के नीचे लेकर आएगा। SARTTAC आईएमएफ के सदस्य देशों, और विकास के भागीदारों के बीच एक सहयोगी उपक्रम है।
  • SARTTAC नई दिल्ली में विश्व स्तरीय सुविधाओं के साथ बनाया गया है और अपने छह सदस्य देशों बांग्लादेश, भूटान, भारत, मालदीव, नेपाल और श्रीलंका द्वारा मुख्य रूप से वित्त पोषित किया है। ऑस्ट्रेलिया, कोरिया गणराज्य, यूरोपीय संघ और यूनाइटेड किंगडम ने इसमें अतिरिक्त सहायता प्रदान की है।

इंटरसेप्टर मिसाइल का सफलतापूर्वक प्रायोगिक परीक्षण:

  • भारत ने 11 फरवरी 2017 को ओडिशा के तट से अपनी इंटरसेप्टर मिसाइल का सफलतापूर्वक प्रायोगिक परीक्षण किया और द्विस्तरीय बैलिस्टिक मिसाइल रक्षा प्रणाली विकसित करने की दिशा में एक अहम उपलब्धि हासिल की। इस इंटरसेप्टर को आईटीआर के अब्दुल कलाम द्वीप (व्हीलर द्वीप) से प्रक्षेपित किया गया।
  • पीडीवी नामक यह अभियान पृथ्वी के वायुमंडल से 50 किमी ऊपर बाहरी वायुमंडल में स्थित लक्ष्यों के लिए है। पीडीवी इंटरसेप्टर और दो चरणों वाली लक्ष्य मिसाइल का सफलतापूर्वक परीक्षण हुआ। लक्ष्य को दरअसल 2000 किमी से अधिक दूरी से आती शत्रु बैलिस्टिक मिसाइल के तौर पर विकसित किया। इसे बंगाल की खाड़ी में एक पोत से दागा गया।
  • एक स्वचालित अभियान के तहत रडार आधारित प्रणाली ने शत्रु की बैलिस्टिक मिसाइल की पहचान कर ली। रडार से मिले आंकडों की मदद से कंप्यूटर नेटवर्क ने आ रही बैलिस्टिक मिसाइल का मार्ग पता लगा लिया। पीडीवी को पूरी तरह तैयार रखा गया था। कंप्यूटर सिस्टम से जरुरी निर्देश मिलते ही इसे छोड़ दिया गया। यह अहम दिशासूचक प्रणालियों की मदद से अवरोधन बिंदू तक पहुंच गई। सभी कार्यों का निरीक्षण विभिन्न स्थानों पर स्थित टेलीमीटरी :रेंज स्टेशनों ने तत्काल आधार पर किया।

इंटरनेशनल स्पाइस कांफ्रेंस 2017 थिरुअनंतपुरम में आयोजित की जाएगी:

  • केरल की राजधानी थिरुअनंतपुरम 12-14 फरवरी 2017 को स्पाइस उद्योग के लिए सबसे महत्वपूर्ण घटनाओं में से एक, इंटरनेशनल स्पाइस कांफ्रेंस के दूसरे संस्करण की मेजबानी करेगी। सुरेश नारायणन, अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक, नेस्ले इंडिया 12 फरवरी 2017 को इस आयोजन का उद्घाटन करेंगे। विनायक नारायण, राष्ट्रपति, अमेरिकी स्पाइस ट्रेड एसोसिएशन, इस सम्मेलन की अध्यक्षता करेंगे।
  • यह सम्मेलन कोचीन चैम्बर ऑफ़ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के सहयोग से ऑल इंडिया स्पाइस एक्सपोर्टर्स फोरम (AISEF) द्वारा आयोजित किया जा रहा है। ऑल इंडिया स्पाइस एक्सपोर्टर्स फोरम अकेले मसालों के निर्यात का 80 प्रतिशत का प्रतिनिधित्व करता है।
  • यह पर विशेषज्ञ किसानों की आजीविका में सुधार के लिए प्रभावी रणनीति और अभिनव प्रौद्योगिकियों पर चर्चा करेंगे; उद्योग चुनौतियों, खाद्य सुरक्षा चिंताओं और मांग और आपूर्ति असमानता से बचने के तरीके सुझाएंगे।

आरबीआई साइबर सुरक्षा बढ़ाने पर स्थाई समिति बनाएगा:

  • भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने साइबर सुरक्षा प्रणाली मजबूत करने के लिए एक समिति का गठन करने की घोषणा की। यह समिति साइबर बैंकिंग प्रणालियों के समक्ष खतरों की समीक्षा कर उनसे निपटने के उपाय सुझाएगी और इसमें विभिन्न विधाओं के लोग होंगे।
  • आरबीआई ने एक बयान में कहा कि बैंक साइबर हमलों से सुरक्षा के लिए अपनी चौकसी मजबूत कर रहे हैं फिर भी हाल में इस प्रकार के हमलों में अपनाए गए नए नए तरीकों को देखते हुए साइबर सुरक्षा के परिदृश्य की लगातार समीक्षा करते रहने की जरूरत महसूस की गई है।
  • आरबीआई ने कहा कि इस उद्येश्य से ‘साइबर सुरक्षा पर एक स्थाई समिति बनाई जा रही है जिसमें विभिन्न विधाओं के लोगों को रखा जाएगा।’ आरबीआई बैंकों को साइबर सुरक्षा के बारे मे पहले भी सावधान कर चुका है और उन्हें इसे लिए दिशानिर्देश जारी किए गए हैं।
  • पिछले साल इसी तरह के हमले में भारतीय बैंकों के 32.14 कार्ड की सुरक्षा खतरे में आ गई थी। यह अब तक का सबसे बड़ा हमला बताया गया था। बैंकों के क्रेडिट डेबिट कार्ड की गोपलनीय सूचना चुराकर 19 बैंकों से 641 ग्राहकों के कुल 1.3 करोड़ रुपए गायब किए जाने के मामले आ चुके हैं। भारत में 75 लाख कार्ड चलन में हैं। इनमें से 19 करोड़ रुपे कार्ड हैं।

COMMENTS (2 Comments)

Get Business Credit Dec 3, 2017

Great article. Much obliged.

Kanhaiya Feb 19, 2017

Thanku sir , please do continue

LEAVE A COMMENT

Search

Verified by ExactMetrics