सामान्य अध्ययन -II :
सिलेबस के बारे में जानने से पहले UPSC द्वारा दिए गए इस दिशा निर्देश को पढ़े —
- प्रधान परीक्षा का उद्देश्य उम्मीदवारों के समग्र बौद्धिक गुणों तथा उनके गहन ज्ञान का आकलन करना है , मात्र उनकी सूचना के भंडार तथा स्मरण शक्ति का आकलन करना नहीं।
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सामान्य अध्ययन के प्रश्न पत्रों के प्रश्नों का स्वरुप तथा इनका स्तर ऐसा होगा कि कोई बहु सुशिक्षित व्यक्ति बिना किसी विशेष अध्ययन के इनका उत्तर दे सके। प्रश्न ऐसे होंगे जिनसे विविध विषयों पर उम्मीदवार की सामान्य जानकारी का परिक्षण किया जा सके और जो सिविल सेवा में कैरियर से सम्बंधित होंगे। प्रश्न इस प्रकार के होंगे जो सभी प्रासंगिक विषयों के बारे में उम्मीदवार की आधारभूत समझ तथा परस्पर विरोधी सामाजिक – आर्थिक लक्ष्यों , उद्देश्यों और मांगों का विश्लेषण तथा इन पर दृष्टिकोण अपनाने कि क्षमता का परिक्षण करे। उम्मीदवार संगत, सार्थक तथा सारगर्भित उत्तर दे।
- यह दिशा निर्देश आपके तैयारी के लिए एक सही दिशा दे सकती है। आपको किसी भी विषय में विशेषज्ञ नही बनना है बस उस विषय के लिए एक समझ विकसित करनी है ,और यह समझ विकसित होगा कुछ पुस्तकों को बार बार पढ़ने से व लिखने के अभ्यास करने से।आपने जिस दिन से मुख्य परीक्षा कि तैयारी शुरू कर दी उसी दिन से आप लिखने का अभ्यास शुरू कर दीजिए।
शासन व्यवस्था ,संविधान ,शासन प्रणाली ,सामाजिक न्याय तथा अंतर्राष्ट्रीय सम्बन्ध।
पेपर II की तैयारी शुरू करने से पूर्व आप NCERT के राजनीति विज्ञान क्लिक करे…की निम्न पुस्तक अवश्य पढ़े …
आप इस सिलेबस को बार बार देखे जिससे सारे टॉपिक और सबटॉपिक आप स्मरण कर सके। आइए अब सिलेबस पर विस्तार से चर्चा करते हैं।
भारतीय संविधान -ऐतिहासिक आधार , विकास ,विशेषताएं ,संशोधन , महत्वपूर्ण प्रावधान और बुनियादी संरचना।
इसके अंतर्गत 6 सबटॉपिक आते है, जिसे आप M Laxmikanth की पुस्तक भारत की राजव्यवस्था को पढ़े तथा THE HINDU न्यूज़ पेपर पढ़े .
संघ एवं राज्यों के कार्य तथा उत्तरदायित्व ,संघीय ढांचे से सम्बंधित विषय एवं चुनौतियां, स्थानीय स्तर पर शक्तियों और वित्त का हस्तांतरण और उसकी चुनौतियां।
इन सभी टॉपिक के लिए आप एम लक्ष्मीकांत की पुस्तक भारत की राजव्यवस्था एवं राजेश मिश्रा की पुस्तक भारतीय राजव्यवस्था को पढ़े.इसके साथ ही 14 वीं वित्त आयोग की रिपोर्ट पढ़े.
विभिन्न घटको के बिच शक्तियों का पृथक्करण , विवाद निवारण तंत्र तथा संस्थान।
इन सभी टॉपिक के लिए आप एम लक्ष्मीकांत की पुस्तक भारत की राजव्यवस्था एवं राजेश मिश्रा की पुस्तक भारतीय राजव्यवस्था को पढ़े.इसके बाद भी समय और मूड हो तो 2nd ARC का 7th रिपोर्ट पढ़े .
भारतीय संवैधानिक योजना की अन्य देशों के साथ तुलना।
इन सभी टॉपिक के लिए आप राजेश मिश्रा की पुस्तक भारतीय राजव्यवस्था को पढ़े.
संसद और राज्य विधायिका – संरचना , कार्य ,कार्य संचालन,शक्तियों एवं विशेषाधिकार और इनसे उत्पन्न होने वाले विषय।
इन सभी टॉपिक के लिए आप एम लक्ष्मीकांत की पुस्तक भारत की राजव्यवस्था एवं राजेश मिश्रा की पुस्तक भारतीय राजव्यवस्था को पढ़े.
कार्यपालिका और न्यायपालिका की संरचना ,संगठन और कार्य –सरकार के मंत्रालय एवं विभाग , प्रभावक समूह और औपचारिक /अनौपचारिक संघ तथा शासन प्रणाली में उनकी भूमिका।
इन सभी टॉपिक के लिए आप एम लक्ष्मीकांत की पुस्तक भारत की राजव्यवस्था को पढ़े.
जन प्रतिनिधित्व अधिनियम की मुख्य विशेषताएं।
इन सभी टॉपिक के लिए आप राजेश मिश्रा की पुस्तक भारतीय राजव्यवस्था को पढ़े.
विभिन्न संवैधानिक पदों पर नियुक्ति और विभिन्न संवैधानिक निकायों की शक्तियां ,कार्य और उत्तरदायित्व।सांविधिक ,विनियामक और विभिन्न अर्ध – न्यायिक निकाय।
इन सभी टॉपिक के लिए आप एम लक्ष्मीकांत की पुस्तक भारत की राजव्यवस्था को पढ़े.
सरकारी नीतियों और विभिन्न क्षेत्रों में विकास के लिए हस्तक्षेप और उनके अभिकल्पन तथा कार्यान्वयन के कारन उत्पन्न विषय।
विकास प्रक्रिया तथा विकास उद्योग –गैर सरकारी संगठनों ,स्वयम सहायता समूहों ,विभिन्न समूहों और संघों ,दानकर्ताओं ,लोकोपकारी संस्थाओं ,संस्थागत एवम अन्य पक्षो की भूमिका।
इन सभी टॉपिक के लिए आप राजेश मिश्रा की पुस्तक भारतीय राजव्यवस्था को पढ़े.
केंद्र और राज्यों द्वारा जनसंख्या के अति संवेदनशील वर्गों के लिए कल्याणकारी योजनाएं और इन योजनाओं के कार्य निष्पादन , इन अति संवेदनशील वर्गों की रक्षा एवं बेहतरी के लिए गठित तंत्र,विधि ,संस्थान एवं निकाय।
इन सभी टॉपिक के लिए आप राजेश मिश्रा की पुस्तक भारतीय राजव्यवस्था को पढ़े.
स्वास्थ्य , शिक्षा , मानव संसाधनों से सम्बंधित सामाजिक क्षेत्र /सेवाओं के विकास और प्रबंधन से सम्बंधित विषय।
गरीबी और भूख से सम्बंधित विषय।
इन सभी टॉपिक के लिए MDG एवं SDG को विस्तार से पढ़े , इसके अतिरिक्त खाद्य सुरक्षा बिल PDS रिफार्म आदि को पढ़े.
शासन व्यवस्था , पारदर्शिता और जवाबदेही के महत्वपूर्ण पक्ष , ई – गवर्नेन्स – अनुप्रयोग , मॉडल, सफलताएं , सीमाएं और संभावनाएं ; नागरिक चार्टर , पारदर्शिता एवम जवाबदेही और संस्थागत और अन्य उपाए।
लोकतंत्र में सिविल सेवाओं की भूमिका।
इन सभी टॉपिक के लिए आप राजेश मिश्रा की पुस्तक भारतीय राजव्यवस्था को पढ़े.
भारत एवं इसके पडोसी – सम्बन्ध।
द्विपक्षीय , क्षेत्रीय और वैश्विक समूह और भारत से सम्बंधित और /अथवा भारत के हितों को प्रभावित करने वाले करार।
भारत के हितों , भारतीय परिदृश्य एवं विकसित तथा विकासशील देशों की नीतियां तथा राजनीती का प्रभाव।
महत्वपूर्ण अंतर्राष्ट्रीय संस्थान ,संस्थाएं और मंच – उनकी संरचना , अधिदेश।
इसके अंतर्गत आए सभी टॉपिक एवं सबटॉपिक के लिए राजेश मिश्रा की पुस्तक भूमंडलीकरण के दौर में भारतीय विदेश नीति को पढ़े साथ में THE HINDU न्यूज़ पेपर पढ़ते रहे .
अभी तक हमने देखा की हमें कौन कौन सी पुस्तक पढ़नी हैं , अब यक्ष प्रश्न यह हैं कि हम इन सारी चीज़ों को याद कैसे रखे और परीक्षा में एक बेहतर उत्तर कैसे लिखे —
- अधिकांश अभ्यर्थी एक सामान्य गलती करते हैं कि वह एक ही विषय के लिए बहुत सारी पुस्तकों को पढ़ते हैं, जिससे वो अपना समय और स्मरण करने कि शक्ति दोनों को बर्बाद करते हैं।
- आप अपने विषयों के लिए अपने स्रोत पर स्थिर रहें और और उसे ही बार बार पढ़े ,और स्मरण करे। किसी भी विषय के विशेषज्ञ बनने से बचे।
- एक बात हमेशा याद रखे UPSC आपके सामान्य समझ को जांचती हैं न कि विशेष समझ को।
- आप अपना एक नोट्स बनाए लेकिन वो भी एक विषय के लिए एक ही पुस्तक से भले ही आप उस पुस्तक से पूर्णतः संतुष्ट न हो ।Research करने से बचे।
- और सबसे महत्वपूर्ण Writing Writing Writing …
- अर्थात आप पुस्तकों को पढ़े फिर उसी पुस्तकों को तब तक पढ़े जब तक एक समझ विकसित न हो जाए ,फिर उन्ही विषयों पर लिखे और स्मरण करे …..
admin Sep 11, 2018
एम. लक्ष्मीकांत के अतिरिक्त राजेश मिश्रा सर के द्वारा लिखी गई पुस्तक भारत की राजव्यवस्था तथा न्यूज़ पेपर पढना अनिवार्य है.