1. निम्नलिखित में से कौन – सी परिस्थितियां प्रवाल उत्पत्ति हेतु अनुकूल है ?
1 उथले महाद्वीपीय सेल्फ
2 अत्यधिक अवसाद युक्त जल
3 वे जल जहां नदियों से ताज़ा जल महासागरों में प्रवेश करता है .
4 औसत वार्षिक तापमान 22 डिग्री सेल्सियस से अधिक .
निचे दिए गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिए —
सही उत्तर d
विकल्प 1 सही है – प्रवाल के विकास के लिए उथले जल की आवश्यकता होती है और वह भी ऐसा जल जहाँ सूर्य का प्रकाश उन तक पहुँच सके . प्रवाल ऑक्सीजन एवम अन्य आवश्यकताओं के लिए अपने भीतर के शैवाल पर निर्भर रहते हैं.चूँकि इन शैवालों को जीवित रहने के लिए सूर्य के प्रकाश की आवश्यकता होती हैं इसीलिए प्रवालों को भी जीवित रहने के लिए सूर्य के प्रकाश की आवश्यकता होती हैं .
विकल्प 2 गलत हैं – प्रवालों को ऐसे स्वस्थ्य जल की आवश्यकता होती हैं जिससे सूर्य का प्रकाश गमन कर सके . वे अपारदर्शी जल में भली भांति नहीं पनपते हैं .तलछट एवं प्लवक जल को गंदला कर सकते हैं जिसके परिणामस्वरूप शैवालों (zooxanthellae) तक पहुँचने वाली सूर्य के प्रकाश की मात्रा में कमी हो सकती हैं .
विकल्प 3 गलत हैं –प्रवालों को जीवित रहने के लिए लवण युक्त जल की आवश्यकता होती हैं लेकिन लवण एवं जल के अनुपात में एक निश्चित संतुलन की आवश्यकता होती हैं .इसी कारण प्रवाल ऐसे स्थानों पर नहीं रहते जहाँ नदियां महासागरों में अलवणीय जल डालती हैं .
विकल्प 4 सही हैं — प्रवाल भित्ति का निर्माण करने वाले प्रवालों को जीवित रहने के लिए गर्म जल परिस्थितियों की आवश्यकता होती हैं .विभिन्न क्षेत्रों में विकसित होने वाले विभिन्न प्रवाल तापमान के विभिन्न उतार चढ़ावों को सहन कर सकते हैं .हालाँकि प्रवाल सामान्यतयः 20 से 32 डिग्री सेल्सियस तापमान वाले जल में रहते हैं .
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2. निम्नलिखित में से किन सूक्ष्मजीवों का उपयोग कीटनाशक के रूप में किया जा सकता है ?
1 जीवाणु
2 कवक
3 विषाणु
निचे दिए गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिए
(a) केवल 1
सही उत्तर c
उल्लिखित सभी सूक्ष्मजीवों को कीटनाशियों के रूप में प्रयोग किया जा सकता हैं .जीवाणु ,कवक एवं प्रोटोजोआ जैसे एककोशिकीय जीवों को कीटनाशकों की भांति उपयोग करने के लिए बड़े पैमाने पर उत्पादित एवं सूत्रबद्ध किया जाता रहा हैं उदहारण के लिए – Bacillus Thuringiensis
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3. निम्नलिखित में से कौन सा/से मल्चिंग का /के लाभ है /हैं ?
1 यह मृदा की नमी का संरक्षण करता है .
2 यह खर- पतवारों में वृद्धि को काम करता है .
3 यह मृदा में सूक्ष्मजीवीय गतिविधियों को प्रोत्साहित करता है .
नीचे दिए गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिए —
सही उत्तर d
मल्च – MULCH भूमि पर विघटित होते जैविक पदार्थ की एक सतह हैं .
मल्चिंग के लाभ —
-मृदा की नमीं का संरक्षण करना ,
-मृदा की उर्वरकता में वृद्धि करना .
-खरपतवार की वृद्धि को काम करना .
-क्षेत्र की दर्शनीयता में सुधार करना .
-मल्चिंग की प्रक्रिया से मृदा में पोषक तत्वों एवं मृदा की जलधारण शक्ति में सुधार होता हैं .
-यह मृदा के अनुकूल सूक्ष्मजीवीय गतिविधियों एवं कीटों को प्रोत्साहित करती हैं .
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4. कार्बन मोनोऑक्सइड गैस के सम्बन्ध में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए —
1 यह दुर्गन्ध युक्त गैस है जिससे सड़े अंडे जैसी दुर्गन्ध आती है .
2 इसका उत्पादन कार्बन के अपूर्ण दहन के परिणामस्वरूप होता है .
3 धान के खेत कार्बोनमोनोऑक्सिड के महत्वपूर्ण श्रोत है .
उपर्युक्त कथनों में से कौन सा/ से सही है /हैं ?
सही उत्तर b
कथन 1 गलत हैं – कार्बन मोनोऑक्साइड एक रंगहीन एवं गंधहीन गैस हैं .
कथन 2 सही हैं – यह कार्बन के अपूर्ण दहन से उत्पन्न होती हैं .
कथन 3 गलत हैं – धान का खेत कार्बन मोनोऑक्साइड का नहीं बल्कि मीथेन का महत्वपूर्ण श्रोत हैं .
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5. निम्नलिखित में से किन गतिविधियों से मरुस्थलीकरण हो सकता है ?
1 अतिचराई
2 खनन गतिविधियां
3 शुष्क भूमि की अवैज्ञानिक सिंचाई
4 भूजल का अनियंत्रित दोहन
नीचे दिए गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिए —
सही उत्तर d
मरुस्थलीकरण शुष्क ,अर्द्ध शुष्क एवं सूखे क्षेत्रों में निरंतर भूमि निम्नीकरण की प्रक्रिया हैं . निम्न मानव गतिविधियों के कारण मरुस्थलीकरण हो सकता हैं —
1 भूमि के अतिचारण से मृदा अपरदन कारी बलों के प्रति आरक्षित हो जाती हैं एवं भूमि के अनुर्वर भूमि एवं अंततोगत्वा बंजर भूमि में परिवर्तित कर देती हैं .
2 परिष्कृत खनन उत्खनकों का प्रयोग कर बड़े पैमाने पर की जाने वाली खुदाई की प्रक्रिया के कारण ,प्राकृतिक संसाधनों के निष्कर्षण के लिए संपन्न की जाने वाली खनन गतिविधियां स्थानीय भू क्षेत्र को विपरीत रूप से प्रभावित करती हैं .
3 प्रयाप्त लंबी अवधि तक शुष्क भूमिओं की अवैज्ञानिक सिंचाई मरुस्थलीकरण में योगदान करती हैं .
4 किसी क्षेत्र का मरुस्थलीकरण भूजल के अनियंत्रित दोहन ,गाद जमा होने से एवं नदियों के सूखने से होता हैं .
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6. निम्नलिखित में से कौन से नवीकरणीय ऊर्जा के श्रोत है ?
1 भू तापीय ऊर्जा
2 जैव ईंधन
3 बॉयोमास ऊर्जा
4 परमाणु ऊर्जा
नीचे दिए गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिए
सही उत्तर b
ऊर्जा के नवीकरणीय स्रोत ऐसे स्रोत हैं जो प्रकृति में निरंतर उत्पन्न किए जा सकते हैं एवं अक्षय हैं .नवीकरणीय स्रोत निम्नलिखित हैं
सौर ऊर्जा
भू – तापीय ऊर्जा
ज्वारीय ऊर्जा
पवन ऊर्जा
जल विधुत
बायोमास ऊर्जा
जैव ईंधन
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7. अम्ल वर्षा के सम्बन्ध में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए
1 अमलीकृत मिटटी में कैडमियम का उच्च स्तर धारण करने की प्रवृति होती है ,जो पौधों द्वारा अवशोषित होने पर उनकी विषाक्तता में वृद्धि करता है .
2 निम्नभूमियों की तुलना में पर्वतीय भूमियां अम्ल वर्षा के प्रभावों के प्रति अपेक्षाकृत काम सुभेध होती है 3 अम्ल वर्षा से मिटटी से मैग्नीशियम ,पोटेशियम और आयरन निक्षालित हो जाते है .
उपर्युक्त कथनों में से कौन सा /से सही है /हैं ?
सही उत्तर b
कथन 1 सही हैं – अम्लीय वर्षा के परिणामस्वरूप अमलीकृत मृदाओं में कैडमियम धारण करने की प्रकृति होती हैं .जब कैडमियम को पादपो द्वारा अवशोषित किया जाता हैं तो यह उसकी विषाक्तता को बढ़ता हैं .
पादपो में कैडमियम का उच्च स्तर जंतुओं एवं मानवो के लिए हानिकारक हैं .
कथन 2 गलत हैं – पहाडों के ऊपरी भागों में अम्लीय कोहरा और धुंध पाए जाते हैं .
कथन 3 सही हैं – पादप विकास के लिए आवश्यक कैल्शियम ,पोटैशियम ,मैग्नीशियम और आयरन जैसे पोषक तत्व अम्लीय वर्षा के कारण मृदा से निक्षालित हो जाते हैं ,परिणामस्वरूप मृदा में पोषक तत्वों की कमी हो जाती हैं .
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8. निम्नलिखित में से कौन – से ओजोन परत अवक्षय के कारण पराबैंगनी (UV) विकिरण में होने वाली वृद्धि के प्रभाव हैं?
1 तापमान में परिवर्तन और वर्षा की विफलता
2 अनुवांशिक विकार
3 पादपों के क्लोरोफिल अवयव में कमी
4 महाद्वीपीय शेल्फ की उत्पादकता में कमी
नीचे दिए गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिए —
सही उत्तर d
ओजोन परत अवक्षय के कारण पृथ्वी द्वारा प्राप्त किए जाने वाले पराबैगनी विकिरण में वृद्धि होगी .
प्रभाव —
1 तापमान में परिवर्तन और वर्षा की विफलता
2 अनुवांशिक विकार
3 पादपों के क्लोरोफिल अवयव में कमी
4 महाद्वीपीय शेल्फ की उत्पादकता में कमी
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9.निम्नलिखित में से किसे महासागरों के वर्षा वन के रूप में जाना जाता हैं ?
सही उत्तर b
प्रवाल भित्तियों को महासागर का वर्षावन भी कहा जाता हैं .प्रवाल भित्तियों की लगभग 1 ,000 ,000 प्रजातियां निवास करती हैं जो वर्षावनों की तुलना में अधिक विविधतापूर्वक हैं .
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10.सुपोषण (युट्रोफिकेशन) के सन्दर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए :–
1 यह जलनिकाय में पोषक तत्वों की कमी की प्रक्रिया हैं .
2 इससे जल निकायों से ऑक्सीजन का क्षय होता हैं .
3 इसके परिणामस्वरूप हानिकारक शैवाल पुष्पं में बढ़ोतरी होती हैं.
उपर्युक्त कथनों में से कौन सा / से सही है/हैं?
सही उत्तर c
कथन 1 गलत हैं – सुपोषण पोषक तत्वों मुख्य रूप से फ़ॉस्फ़ेटों , की अत्यधिक आपूर्ति से उत्पन्न होता हैं .इसके अत्यधिक आपूर्ति के कारण वनस्पतियों एवं शैवालों की अधिवृद्धि होती हैं .
कथन 2 सही हैं -वनस्पतियों एवं शैवालों के मारने के बाद उनके जैव भार का जीवाणुजनित निम्नीकरण जल में उपस्थिक ऑक्सीजन का उपभोग करता हैं ,इससे जल निकायों से ऑक्सीजन का क्षय होता हैं .
कथन 3 सही हैं – पोषक तत्व शैवाल के लिए समृद्ध खाद्य पदार्थ के रूप में कार्य करते हैं ,परिणामस्वरूप शैवाल प्रस्फुटन होता हैं .
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