इस लेख को पढ़ने से पहले ‘प्रदूषण एवं इसके खतरे’ क्लिक करे…अवश्य पढ़े…. जल प्रदूषण मानव क्रियाकलापों या प्राकृतिक प्रक्रियाओं द्वारा जल के रासायनिक , भौतिक ,तथा जैविक गुणों में परिवर्तन को जल प्रदूषण कहते है | जल प्रदूषण के श्रोत– जल के शुद्धता और गुणवत्ता को कम करने वाले तत्वों को जल प्रदूषक कहते […]
प्रदूषण एवं इसके खतरे प्रदूषण क्या है ? प्रदूषण वायु, भूमि एवं जल के भौतिक एवं जैविक विशेषताओं में होने वाला ऐसा अनैच्छिक परिवर्तन है जिससे मानव-जीवन, जीव-जन्तु, पेड़-पौधे एवं सांस्कृतिक धरोहर को हानि पहुँचती है। प्रदूषण को मुख्यत: चार वर्गों में बाँटा जा सकता है जैसे (क) वायु प्रदूषण (ख) ध्वनि प्रदूषण (ग) जल […]
जलवायु परिवर्तन और राष्ट्रीय मिशन जलवायु परिवर्तन पर राष्ट्रीय कार्य योजना (NAPCC) को औपचारिक रूप से 30 जून 2008 को लागू किया गया। यह उन साधनों की पहचान करता है जो विकास के लक्ष्य को प्रोत्साहित करते हैं, साथ ही, जलवायु परिवर्तन पर विमर्श के लाभों को प्रभावशाली रूप से प्रस्तुत करता है। राष्ट्रीय कार्य […]
ऊर्जा क्या है? कार्य करने की क्षमता को हम ऊर्जा के रूप में परिभाषित करते है |हमें अपने शरीर के अंदर के कार्य व शरीर द्वारा किए गए सभी कार्य के लिए ऊर्जा की आवश्यकता होती है | भारत में ऊर्जा के इस्तेमाल की वर्तमान स्थिति— भारत की लगभग 70 प्रतिशत आबादी ग्रामीण क्षेत्रों में […]
जलवायु परिवर्तन हमें गर्मी के मौसम में गर्मी व सर्दी के मौसम में ठण्ड लगती है। ये सब कुछ मौसम में होने वाले बदलाव के कारण होता है। मौसम, किसी भी स्थान की औसत जलवायु होती है जिसे कुछ समयावधि के लिये वहां अनुभव किया जाता है। इस मौसम को तय करने वाले मानकों में […]
Sangita barde: Thank