Banking & Finance
  • Home
  • Banking & Finance

‘द फ्यूजिटिव इकोनॉमिक ऑफेंडर ऑर्डिनेंस-2018’
  • May 4, 2018

‘द फ्यूजिटिव इकोनॉमिक ऑफेंडर ऑर्डिनेंस-2018’ आर्थिक अपराधियों को रोकने के लिए केंद्र सरकार की कैबिनेट ने ‘द फ्यूजिटिव इकोनॉमिक ऑफेंडर ऑर्डिनेंस-2018’ को मंजूरी दी है। इस अध्यादेश में आर्थिक अपराध कर देश से भागे व्यक्ति की संपत्ति जब्त करने का प्रावधान है। इस अध्यादेश के प्रावधान ऐसे आर्थिक अपराधियों पर लागू होंगे जो देश वापस […]

ब्लॉकचेन तकनीक
  • April 29, 2018

ब्लॉकचेन तकनीक ब्लॉकचेन तकनीक एक ऐसी तकनीक है, जिसमें किसी मध्यस्थ के बिना ही इंटरनेट पर वित्तीय लेन-देन किया जा सकता है। यह तकनीक बहुत पारदर्शी, सुरक्षित एवं सक्षम है। इस तकनीक के इस्तेमाल से अनेक उद्योगों में लेन-देन की कायापलट हो जाएगी। आर्थिक क्षेत्र में काम करने वाली कंपनियां ही सबसे पहले इस तकनीक […]

NPA को लेकर RBI के नए नियम
  • February 20, 2018

NPA को लेकर RBI के नए नियम प्रस्तावना अनर्जक परिसंपत्तिया NPA क्या है? — NPA मेंबढ़ोत्तरी के कारण—NPA का प्रभाव —NPA को दूर करने के उपाए —Click here वाणिज्यिक बैंक कारोबार करते समय विभिन्न परिसंपत्तियों में निवेश करते हैं तथा व्यक्तियों और कम्पनियों को कर्ज़ देते हैं। जाहिर है, कुछ धनराशि एनपीए (नॉन परफॉर्मिग एसेट्स) […]

बिटकॉइन
  • January 2, 2018

बिटकॉइन क्या है ? बिटकॉइन डिजिटल क्रिप्टो-करेंसी है यानी वर्चुअल करेंसी अर्थात् आभासी मुद्रा। बिटकॉइन वस्तुतः क्रिप्टोग्राफी प्रोग्राम पर आधारित एक ऑनलाइन मुद्रा है। बिटकॉइन की प्रीमियम लागत का निर्धारण अंतरराष्ट्रीय बिटकॉइन मूल्य तथा रुपए-डॉलर विनिमय दर पर आधारित होता है। बिटकॉइन को डिजिटल वालेट में ही रखा जा सकता है और लेन-देन किया जा […]

आरबीआई की ‘त्‍वरित सुधारात्मक कार्रवाई (पीसीए) के तहत बैंक’ की स्थिति
  • December 24, 2017

आरबीआई की ‘त्‍वरित सुधारात्मक कार्रवाई (पीसीए) के तहत बैंक’ की स्थिति: कई मध्य आकार के सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को उनकी कमजोर बैलेंस शीट के कारण ‘त्वरित सुधारात्मक कार्रवाई’ (पीसीए)’ ढाँचे में रखे जाने के बाद, अब भारतीय रिजर्व बैंक ने अपनी नजर बड़े आकार के बैंकों की ओर की है। भारतीय रिज़र्व बैंक के […]

प्रत्यक्ष नकद हस्तांतरण
  • September 22, 2017

प्रत्यक्ष नकद हस्तांतरण प्रत्यक्ष नकद हस्तांतरण एक ऐसी व्यवस्था है जिसके द्वारा सरकारी सब्सिडी और अन्य लाभ सीधे लाभार्थी के बैंक खाते में जमा होते है. प्रत्यक्ष नकद हस्तांतरण के लाभ सब्सिडी के प्रत्यक्ष नकद हस्तांतरण के माध्यम से बाजार विकृतियां कम हो रही है. अन्यथा बाजार में दोहरी मूल्य प्रणाली का निर्माण हो गया […]

डिजिटल फ़ाइनेन्शिअल सर्विसेस
  • December 15, 2016

प्रस्तावना डिजिटल वित्तीय समावेश का सन्दर्भ समाज की मुख्य धारा से बाहर एवं अधिकारविहीन लोगों तक डिजिटल पहुंच तथा औपचारिक वित्तीय सेवाओं के उपयोग का अवसर प्रदान करना है। इस उद्देश्य की प्राप्ति के लिए शुरु की गई सेवाओं को डिजिटल फाइनेंशियल सर्विसेस (DFS) के रूप में जाना जाता है। इन्हें ग्राहकों की आवश्यकता के […]

दोहरे तुलनपत्र की चुनौती(Twin Balance Sheet Problem)
  • October 6, 2016

दोहरे तुलनपत्र की चुनौती क्या हैं ?और इसके समाधान के लिए कौन कौन से कदम उठाए जाने चाहिए ? चर्चा कीजिए | दोहरे तुलनपत्र की चुनौती सार्वजनिक क्षेत्रों के बैंकों और कुछ बृहत् कॉर्पोरेट घरानों की अनर्जक वित्तीय स्थितियां हैं| बैंकिंग व्यवस्था की समस्याएं कुछ दिनों से बढ़ रही हैं |प्रतिबलित आस्तियां (अनर्जक ऋण पुनर्गठन […]

मौद्रिक नीति(MONETARY POLICY) : मात्रात्मक व गुणात्मक उपकरण 2
  • September 23, 2016

RBI मुद्रा के प्रवाह को नियंत्रित करने के लिए दो तरह के उपकरण का इस्तेमाल करती हैं| -> मात्रात्मक उपकरण (Quantitative tools) क्लिक करे…और गुणात्मक उपकरण (Qualitative tools) गुणात्मक उपकरण(Qualitative tools)— (1) सीमांत अनुरोध (Marginal Requirement)- सीमांत अनुरोध क्या होता है इसे एक उदाहरण से समझते है – मान लेते है कि बाजार में मुद्रास्फीति […]

मौद्रिक नीति(MONETARY POLICY) : मात्रात्मक व गुणात्मक उपकरण (आरक्षित अनुपात , OMO , नीतिगत दर )
  • September 20, 2016

मौद्रिक नीति (Monetary policy ) किसी अर्थव्यवस्था  में मुद्रा के प्रवाह को नियंत्रित करने की नीति को मौद्रिक नीति कहते हैं | सभी देशों का केंद्रीय बैंक यह नीति बनाता हैं | भारत में मौद्रिक नीति RBI के द्वारा बनाया जाता हैं| मौद्रिक नीति के उद्देश्य – मुद्रा के प्रवाह को नियंत्रित कर मुद्रास्फीति और […]


Search

Verified by ExactMetrics