भारत में प्रत्येक वित्तीय वर्ष ,सरकार की अनुमानित प्राप्तियों और व्ययों का विवरण संसद के समक्ष प्रस्तुत करना एक संवैधानिक अनिवार्यता है .इस वार्षिक वित्तीय विवरण से मुख्य बजट दस्तावेज बनता है| इसके अतिरिक्त बजट में राजस्व लेखा पर व्यय और अन्य प्रकार के व्यय में अवश्य ही अंतर होना चाहिए |
15वें वित्त आयोग ने एक उच्चस्तरीय समिति का गठन किया है जिसमें स्वास्थ्य क्षेत्र से संबंधित देश के विशेषज्ञों को शामिल किया गया है। एम्स, नई दिल्ली के निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया इसके संयोजक होंगे। स्वास्थ्य क्षेत्र की इस उच्चस्तरीय समिति की भूमिका और कार्य निम्न होंगे: स्वास्थ्य क्षेत्र में मौजूदा नियामक फ्रेमवर्क का मूल्यांकन […]
BPSC MAINS SPECIAL (GST) GST क्या है ? वस्तु एवं सेवा कर या जी एस टी एक व्यापक, बहु-स्तरीय, गंतव्य-आधारित अप्रत्यक्ष कर है, जो प्रत्येक मूल्य में जोड़ पर लगाया जाता है। GST कैसे काम करेगी? सख्त निर्देशों और प्रावधानों के बिना एक देशव्यापी कर सुधार काम नहीं कर सकता है। जीएसटी परिषद ने इस […]
वित्त आयोग (अनुच्छेद-280) वित्त आयोग का गठन राष्ट्रपति के द्वारा सामान्यतः हर 5वें वर्ष किया जाता है। यह एक संवैधानिक निकाय हैं। ऐसे निकाय जिनका गठन स्वयं संविधान द्वारा या जिनके गठन के लिए राष्ट्रपति को सक्षम बनाया जाता है, संवैधानिक संस्था कहा जाता है। इन निकायों के सदस्यों की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा की जाती […]
बजटीय घाटा जब सरकार राजस्व प्राप्ति से अधिक व्यय करती है, तो इस स्थिति को बजटीय घाटा कहते है.इस घाटे की पूर्ति के लिए कई उपाए किए जाते है, जिनका किसी अर्थव्यवस्था पर अलग अलग प्रभाव पड़ता है. बजट 2017 -18 Revenue Deficit (राजस्व घाटा) – Revenue Expenditure – Revenue Receipt = 1.9% Effective Revenue […]
प्रस्तावना संसद में बजट पारित होने से पूर्व 6 स्तरों से गुजरता है .. बजट का प्रस्तुतीकरण बजट को आम बजट के रूप में प्रस्तुत किया जाता है .आम बजट को प्रस्तुत करते समय वित्त मंत्री सदन में जो भाषण देते है ,उसे ‘बजट भाषण’ कहते है . लोक सभा में भाषण के अंत में […]
बजट अर्थ एवं महत्व बजट एक निश्चित वर्ष के लिए सरकार की अनुमानित आय – व्यय का विवरण है. बजट उपलब्ध संसाधनों के आकलन करने की प्रक्रिया है ,तथा पूर्व निर्धारित प्राथमिकताओं के आधार पर संगठन के विभिन्न गतिविधियों के लिए आवंटित करने की प्रक्रिया भी है. यह सार्वजनिक ज़रूरतों तथा दुर्लभ संसाधनों को संतुलित […]
Shobha Kumari: Very nice Post