Economics

14वें वित्त आयोग FOURTEENTH FINANCE COMMISSION
  • August 7, 2017

वित्त आयोग (अनुच्छेद-280) वित्त आयोग का गठन राष्ट्रपति के द्वारा सामान्यतः हर 5वें वर्ष किया जाता है। यह एक संवैधानिक निकाय हैं। ऐसे निकाय जिनका गठन स्वयं संविधान द्वारा या जिनके गठन के लिए राष्ट्रपति को सक्षम बनाया जाता है, संवैधानिक संस्था कहा जाता है। इन निकायों के सदस्यों की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा की जाती […]

बजटीय घाटा
  • July 28, 2017

बजटीय घाटा जब सरकार राजस्व प्राप्ति से अधिक व्यय करती है, तो इस स्थिति को बजटीय घाटा कहते है.इस घाटे की पूर्ति के लिए कई उपाए किए जाते है, जिनका किसी अर्थव्यवस्था पर अलग अलग प्रभाव पड़ता है. बजट 2017 -18 Revenue Deficit (राजस्व घाटा) – Revenue Expenditure – Revenue Receipt = 1.9% Effective Revenue […]

नीति-आयोग का तीन वर्षीय एक्शन-प्लान एवं चुनौतियाँ
  • July 10, 2017

प्रस्तावना मई 2016 को प्रधानमंत्री कार्यालय ने नीति आयोग को पंद्रह वर्ष की कार्य योजना का मसौदा तैयार करने की सलाह दी थी। इस एजेंडे में सात वर्ष की कार्यनीति और तीन वर्षीय कार्यवाही शामिल हैं। यह एजेंडा 2017-18 से 2019-20 तक काम करेगा । नीति आयोग के तीन वर्षीय एजेंड़े पर राज्यों, केंद्र शासित […]

वित्त मंत्रालय की प्रमुख योजनाएं
  • April 24, 2017

वरिष्ठ पेंशन बीमा योजना उद्देश्य वृद्धावस्था के दौरान सामाजिक सुरक्षा प्रदान करना तथा बाजार की अनिश्चित परिस्थितियों के कारण वृद्ध व्यक्तियों को प्राप्त होने वाली ब्याज संबंधी आय में भविष्य में होने वाली गिरावट से उनकी सुरक्षा करना. लाभार्थी 60 वर्ष और उससे अधिक आयु के वृद्ध व्यक्ति. विशेषताएं यह योजना 10 वर्षों के लिए […]

बजट BUDGET(Part 2)
  • March 24, 2017

प्रस्तावना संसद में बजट पारित होने से पूर्व 6 स्तरों से गुजरता है .. बजट का प्रस्तुतीकरण बजट को आम बजट के रूप में प्रस्तुत किया जाता है .आम बजट को प्रस्तुत करते समय वित्त मंत्री सदन में जो भाषण देते है ,उसे ‘बजट भाषण’ कहते है . लोक सभा में भाषण के अंत में […]

बजट BUDGET
  • March 23, 2017

बजट अर्थ एवं महत्व बजट एक निश्चित वर्ष के लिए सरकार की अनुमानित आय – व्यय का विवरण है. बजट उपलब्ध संसाधनों के आकलन करने की प्रक्रिया है ,तथा पूर्व निर्धारित प्राथमिकताओं के आधार पर संगठन के विभिन्न गतिविधियों के लिए आवंटित करने की प्रक्रिया भी है. यह सार्वजनिक ज़रूरतों तथा दुर्लभ संसाधनों को संतुलित […]

डिजिटल फ़ाइनेन्शिअल सर्विसेस
  • December 15, 2016

प्रस्तावना डिजिटल वित्तीय समावेश का सन्दर्भ समाज की मुख्य धारा से बाहर एवं अधिकारविहीन लोगों तक डिजिटल पहुंच तथा औपचारिक वित्तीय सेवाओं के उपयोग का अवसर प्रदान करना है। इस उद्देश्य की प्राप्ति के लिए शुरु की गई सेवाओं को डिजिटल फाइनेंशियल सर्विसेस (DFS) के रूप में जाना जाता है। इन्हें ग्राहकों की आवश्यकता के […]

प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान
  • November 28, 2016

प्रस्तावना स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने यूनिसेफ के सहयोग से मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य, जो भारत की सदियों पुरानी चुनौती है में सुधार लाने के उद्देश्य के लिए एक बहुत ही महत्वपूर्ण योजना प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान का शुभारंभ किया है | इस अभियान के अन्तर्गत देश भर में गर्भवती महिलाओं की एक बड़ी […]

सरकार की एक पहल : किसानों की आय में बढ़ावा
  • November 20, 2016

प्रस्तावना प्रधानमंत्री की अध्यक्षयता वाली आर्थिक मामलों की केंद्रीय समिति ने 2016-17 के लिए रबी की सभी फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य(एमएसपी) में वृद्धि को मंजूरी दी। इसके अलावा दलहन और तिलहन की खेती को प्रोत्साहित करने के लिए सरकार ने उपर्युक्त और निम्नलिखित फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य में बढोतरी को अनुमति प्रदान की। […]

सार्वजनिक वितरण प्रणाली (public distribution system)
  • November 12, 2016

सार्वजनिक वितरण प्रणाली (public distribution system) भारत में आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति को उचित कीमतों पर तथा उचित समय पर उपलब्ध कराने तथा जनता के पोषण को उचित स्तर पर बनाए रखने के लिए सार्वजनिक वितरण प्रणाली को एक मुख्य उपकरण के रूप में उपयोग किया जाता है | सार्वजनिक वितरण प्रणाली न केवल खुले […]


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