Click on the Link to Download व्यक्तिगत सत्याग्रह PDF प्रस्तावना अगस्त प्रस्ताव के बाद की परिस्थितियों में जो प्रगति हुयी उसके पश्चात् सरकार ने अड़ियल रवैया अपना लिया तथा घोषित किया कि कांग्रेस जब तक मुस्लिम नेताओं के साथ किसी तरह के समझौते को मूर्तरूप नहीं देती, तब तक भारत में किसी प्रकार का संवैधानिक […]
Click on the Link to Download अगस्त प्रस्ताव PDF प्रस्तावना द्वितीय विश्वयुद्ध में हिटलर की असाधारण सफलता तथा बेल्जियम, हालैंड एवं फ्रांस के पतन के पश्चात् ब्रिटेन की स्थिति अत्यन्त नाजुक हो गयी, फलतः ब्रिटेन ने समझौतावादी दृष्टिकोण की नीति अपनायी। युद्ध में भारतीयों का सहयोग प्राप्त करने के उद्देश्य से 8 अगस्त 1940 को […]
प्रस्तावना 1937 के प्रारंभ में प्रांतीय विधान सभाओं हेतु चुनाव कराने की घोषणा कर दी गयी तथा इसी के साथ ही सत्ता में भागेदारी के प्रश्न पर बहस प्रारंभ हो गयी। इस बात पर सभी राष्ट्रवादियों में आम सहमति थी कि 1935 के अधिनियम का पूरी तरह विरोध किया जाये। किंतु मुख्य प्रश्न यह था […]
प्रथम गोलमेज सम्मेलन सरकार ने 12 नवंबर 1930 को साइमन कमीशन की रिपोर्ट तथा संवैधानिक मुद्दों पर चर्चा करने के निमित्त, लंदन में प्रथम गोलमेज सम्मेलन का आयोजन किया। ब्रिटिश सरकार एवं भारतीयों के मध्य समान स्तर पर आयोजित की गयी यह प्रथम वार्ता थी। जहां कांग्रेस एवं अधिकांश व्यवसायिक संगठनों ने इस सम्मेलन का […]
गांधी जी की ग्यारह सूत्रीय मांगें ये मांगें कांग्रेस के लाहौर अधिवेशन के परिप्रेक्ष्य में अगले कदम के रूप में थीं। गांधी जी ने ‘यंग इंडिया’ में एक लेख प्रकाशित कर सरकार के समक्ष ग्यारह सूत्रीय मांगे रखीं तथा इन मांगों को स्वीकार या अस्वीकार करने के लिये उसे 31 जनवरी 1930 तक का समय […]
पुर्तगाली कंपनी के संदर्भ में निम्नलिखित में से कौन सा कथन सत्य है पुर्तगाली कंपनी का नाम एस्तादो द इंडिया था अल्बुकर्क ने गोवा को पुर्तगालियों की राजधानी बनायी थी इन्होंने सर्वप्रथम अपना व्यापारिक केंद्र कालीकट में बनाया था उपर्युक्त में से एक से अधिक उपर्युक्त में से कोई नहीं निम्नलिखित में से कौन सी […]
राज्य के नीति निदेशक सिद्धांत राज्य के नीति निर्देशक सिद्धांतोँ का उल्लेख संविधान के भाग 4 में अनुच्छेद 36 से 51 मेँ किया गया है। यह श्रेष्ठ विचार आयरलैंड के संविधान से प्रेरित है। देश पर प्रशासन के लिए यह सिद्धांत मौलिक हैं, इसलिए कानून बनाते समय इनके अनुपालन की जिम्मेदारी राज्य की है। ये […]
1929 का कांग्रेस का लाहौर अधिवेशन और पूर्ण स्वराज्य की मांग दिसम्बर 1929 में, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का वार्षिक अधिवेशन तत्कालीन पंजाब प्रांत की राजधानी लाहौर में हुआ। इस ऐतिहासिक अधिवेशन में कांग्रेस के ‘पूर्ण स्वराज्य’ का घोषणा-पत्र तैयार किया तथा इसे कांग्रेस का मुख्य लक्ष्य घोषित किया। जवाहरलाल नेहरू, जिन्होंने पूर्ण स्वराज्य के विचार को लोकप्रिय […]
कांग्रेस का कलकत्ता अधिवेशन 1928 में कांग्रेस का अधिवेशन मोतीलाल नेहरू की अध्यक्षता में कलकत्ता में हुआ। इस अधिवेशन में नेहरु रिपोर्ट को स्वीकार कर लिया गया लेकिन कांग्रेस के युवा नेतृत्व, मुख्यतः जवाहरलाल नेहरु, सुभाष चन्द्र बोस एवं सत्यमूर्ति ने डोमिनियन स्टेट्स (औपनिवेशिक स्वराज्य) को कांग्रेस द्वारा अपना मुख्य लक्ष्य घोषित किये जाने पर […]
नेहरू रिपोर्ट Nehru Report 1928 में तत्कालीन भारत सचिव लार्ड बिरकनहेड ने भारतीयों को ऐसे संविधान के निर्माण को चुनौती दी जो सभी गुटों एवं दलों को मान्य हो। इस चुनौती को स्वीकार कर फरवरी एवं मई 1928 में, देश के विभिन्न विचारधाराओं के नेताओं का एक सर्वदलीय सम्मेलन बुलाया गया। यह सम्मेलन पहले दिल्ली फिर पुणे […]
Shobha Kumari: Very nice Post