नासिरुद्दीन महमूद (1246-1265 ई०)

नासिरुद्दीन महमूद (1246-1265 ई०)

  • यह मधुर एवं धार्मिक स्वभाव का व्यक्ति था तथा खाली समय में कुरान की नकल करना उसकी आदत थी।
  • मिनहाजुद्दीन सिराज ने अपनी तबकात-ए-नासिरी उसे ही समर्पित की। उसके शासनकाल में वह मुख्य काजी के पद पर था जो बाद में षड्यन्त्र द्वारा उसी के शासनकाल में हराया गया।
  • नासिरुद्दीन महमूद के शासन काल में समस्त शक्ति बलबन के हाथों में थी। 1249 ई० में उसने बलबन को ‘उलूग खाँ’ की उपाधि प्रदान की और सेना पर पूर्ण नियंत्रण के साथ ‘नायवे मुमलकत’ का पद दिया।
  • इसके शासन काल में भारतीय मुसलमानों का एक अलग दल बन गया था जो बलबन का विरोधी था। इनका नेता इमादुद्दीन रिहान था।
  • रिहान को एक धर्मच्युत (धर्म परिवर्तित करके मुसलमान बनाया गया था), शक्ति का अपहरणकर्त्ता, षड्यन्त्रकारी आदि कहा गया है।
  • 1265 ई० में नासिरुद्दीन महमूद की मृत्यु होने पर बलबन स्वयं को सुल्तान घोषित किया तथा उसका उत्तराधिकारी बना।

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