देश में आपदाओं के प्रबंधन में NDRF की क्या भूमिका है ? NDRF द्वारा सामना की जाती रही चुनौतियों पर प्रकाश डालिए.
राष्ट्रीय आपदा मोचन बल, NDRF एक विशेष बल है जिसका गठन “डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट, 2005” के तहत किसी जानलेवा आपदा की स्थिति या आपदा के समय विशेषज्ञ अनुक्रिया सुनिश्चित करने के लिए किया गया था. NDRF,अर्धसैनिक बलों की भांति संगठित 12 बटालियनों का बल है. इसमें भारत के अर्धसैनिक बलों तथा BSF,CRPF,CISF,ITBP और SSB के सैनिकों को प्रतिनियुक्त किया जाता है.
प्राकृतिक आपदाओं पर अनुक्रिया करने की क्षमता के साथ साथ NDRF की चार टुकडियाँ रेडियोलॉजिकल, नाभिकीय, जैविक एवं रासायनिक आपदाओं की स्थिति से निपटने में भी समर्थ है.
NDRF एक ऐसे सक्रिय एवं बहुअनुशासनिक, बहुकुशल, उच्च तकनीक बल के रूप में कार्य करना है जो सभी प्रकार की प्राकृतिक एवं मानव जनित आपदाओं से निपट सके और साथ ही आपदाओं के प्रभावों का शमन करने में समर्थ हो.
NDRF की भूमिका-
प्राकृतिक और मानव निर्मित आपदाओं के मामले में राहत एवं बचाव के लिए विशेष अनुक्रिया प्रदान करना.
आसन्न आपदाओं के मामले में तैनाती.
आपदा के दौरान /आपदा के बाद राहत सामग्री के वितरण में सिविल अधिकारियों की सहायता.
बचाव और राहत कार्य में संलग्न अन्य एजेंसियों के साथ समन्वय.
NDRF की चुनौतियां
मानव शक्ति की कमी – फिलहाल NDRF अपने जवानों को 5 वर्ष की प्रतिनियुक्ति पर रखती है और उसने भी लगभग 3 वर्ष प्रशिक्षण में निकल जाते हैं. ऐसे में NDRF के कर्मियों के पास अपने जीवन रक्षक कौशल का प्रदर्शन करने के लिए केवल 2 वर्ष होता है.
सीमित बजट, राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण का स्वायत्त संस्था न होना तथा समुचित प्रशिक्षण सुविधाओं एवं उपकरणों की कमी से संबंधित मुद्दे.
देश के किसी भी हिस्से में आपदाएं की सूचना के मद्देनजर बेहतर अनुक्रिया समय तथा अनुक्रिया कारकों के लिए बुनियादी ढांचे से संबंधित मुद्दे.
निष्कर्ष
इन चुनौतियों के कारण तथा सेना की दुर्गम स्थानों तथा आसान पहुंच एवं बेहतर संगठन के चलते हाल की आपदाओं में सैन्य बलों की उपस्थिति में वृद्धि दर्ज की गई है. इसका अर्थ यह है कि हाल की आपदाओं में राहत कार्यों में सैन्य बलों की सक्रिय भागीदारी रही है.
परंतु इसके साथ ही सेना पर अत्यधिक निर्भरता ने नागरिक सरकार और अधिकारियों की जिम्मेदारी और जवाबदेही को कम कर दिया है. इसीलिए सशस्त्र बलों की भूमिका को स्पष्ट रूप से परिभाषित किया जाना चाहिए ताकि NDRF और सेना दोनों संसाधनों का कुशलता से उपयोग किया जा सके.
Dularchand kumar Jan 10, 2020
Sir ndrf and sdrf kaise bane