समसामयिकी सितम्बर …PSLV-C35 लांच,जापानी इन्सेफलाइटिस अधिसूचित बीमारी घोषित, ‘स्क्रब टाइफस’ , ‘सक्षम’ परियोजना

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समसामयिकी सितम्बर …PSLV-C35 लांच,जापानी इन्सेफलाइटिस अधिसूचित बीमारी घोषित, ‘स्क्रब टाइफस’ , ‘सक्षम’ परियोजना

PSLV-C35 लांच, 8 उपग्रहों को अलग-अलग कक्षाओं में किया जायेगा स्थापित

अपने पहले बहुकक्षीय प्रक्षेपण में भारत का प्रमुख प्रक्षेपण यान पीएसएलवी लांच किया गया। पीएसएलवी-सी35 देश के मौसम उपग्रह स्कैटसैट-1 और पांच अन्य देशों के उपग्रह सहित कुल आठ अलग-अलग उपग्रहों को दो अलग-अलग कक्षाओं में स्थापित करेगा।
प्रक्षेपण यान पीएसएलवी-सी35 को श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से प्रक्षेपित किया गया। पीएसएलवी-सी35 अपने साथ 371 किलोग्राम वजन वाले स्कैटसैट-1 और सात अन्य उपग्रहों को ले जा रहा है, जिनमें अमेरिका और कनाडा के भी उपग्रह हैं। इसरो ने कहा कि पीएसएलवी-सी35 जिन आठ उपग्रहों को अपने साथ ले गया है उनका कुल वजन 675 किलोग्राम है।

इन देशों के सैटेलाइट लेकर उड़ा है पीएसएलवी
स्कैटसैट-1 के अलावा भारत के शैक्षणिक उपग्रहों – प्रथम और पीआईसैट – अल्जीरिया के अल्सैट-1बी, अल्सैट-2बी एवं अल्सैट-1एन और अमेरिका के पाथफाइंडर-1 एवं कनाडा के एनएलएस-19 को कक्षाओं में स्थापित किया जाएगा। इसरो के मुताबिक, यह पीएसएलवी का पहला मिशन है जिसके तहत उपग्रहों को दो अलग-अलग कक्षाओं में स्थापित किया जाएगा।

केंद्र सरकार ने जापानी इन्सेफलाइटिस को अधिसूचित बीमारी घोषित किया
केंद्र सरकार ने जापानी इन्सेफलाइटिस को अधिसूचित बीमारी घोषित किया है और सभी राज्यों से इस बात को सुनिश्चित करने को कहा है की सभी स्वास्थ्य देखभाल प्रदाता स्थानीय अधिकारियों को इस तरह के मामलों के बारे में सूचित करें। इस कदम का लक्ष्य बीमारी के प्रसार को कम करना और नए क्षेत्रों में इसके प्रसार को रोकना है।
अधिसूचना में कहा गया है, जापानी इन्सेफलाइटिस देश में महत्वपूर्ण सार्वजनिक स्वास्थ्य चिंता है, जिससे अच्छी खासी संख्या में मौत और अपंगता होती है। निरोधात्मक उपायों और मामला प्रबंधन को प्रभावी तरीके से लागू करने के लिए जापानी इन्सेफलाइटिस के मामलों की जल्द रिपोर्टिंग होनी चाहिए।
आगे इस अधिसूचना में कहा गया है, शीघ्र निदान और मामला प्रबंधन सुनिश्चित करने, संचरण को कम करने , आपात समस्याओं के निवारण और नए भौगोलिक क्षेत्रों में बीमारी के प्रसार को रोकना सुनिश्चित करने के लिए यह जरुरी है कि जापानी इन्सेफलाइटिस के सभी मामलों की पूरी सूचना हो।
अधिसूचना में कहा गया है, इसलिए, स्वास्थ्य देखभाल प्रदाता जापानी इन्सेफलाइटिस के प्रत्येक मामले की स्थानीय अधिकारियों जो जिला स्वास्थ्य पदाधिकारी या सम्बन्ध जिले का मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी और नगर निगम के अन्दर स्वास्थ्य अधिकारी हो, को हर हफ्ते जानकारी दें।
क्या है जापानी इन्सेफलाइटिस ?
जापानी इन्सेफेलाइटिस (जेई) रोग मच्छर के काटने से फैलता है। इसके लक्षण आमतौर पर 5-15 दिनों में प्रकट होते है | मुख्यतः इसके लक्षण बुखार, सिर दर्द, उल्टी, भ्रम, है। बाद में विकसित लक्षण में शामिल हैं कि मस्तिष्क और कोमा के आसपास सूजन शामिल हैं। जेई एक गंभीर रोग है जो कि मौत का कारण बन सकता है।

केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ने ‘स्क्रब टाइफस’ बीमारी से निपटने में हिमाचल प्रदेश सरकार को हर संभव मदद का भरोसा दिया
हिमाचल प्रदेश में स्क्रब टाइफस बीमारी के रोगियों की बढ़ती संख्या और मौतों को देखते हुए केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री श्री जे पी नड्डा ने राज्य सरकार से एक विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। विस्तृत रिपोर्ट मिलने के बाद केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने हिमाचल सरकार को इस स्थानिक रोग से निपटने में हर संभव मदद देने का भरोसा दिया है।
केन्द्रीय मंत्रालय राज्य सरकार के अनुरोध पर एक विशेषज्ञ समिति भेजने के लिए तैयार है। स्वास्थ्य मंत्री ने समुदाय स्तर पर लोगों द्वारा किए जाने वाले निवारक कदम के बारे में कठोर जागरूकता अभियान शुरू करने की जरूरत पर बल दिया साथ ही स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारियों को सजग और किसी भी परिस्थिति के लिए तैयार रहने का भी निर्देश दिया एवं स्क्रब टाइफस के बारे में जागरूकता फैलाने, रोकथाम और नियंत्रण के लिए किए जा रहे उपायों के बारे में भी जानकारी रखने को कहा है।
क्या है स्क्रब टाइफस ?
स्क्रब टाइफस ओरियेंटिया सुतसुगामुसी जीवाणु के कारण होने वाली एक गंभीर बीमारी है जो मिट्टी में मौजूद संक्रमित लार्वा घुन के काटने से फैलता है। हिमाचल एक ऐसा स्थानिक क्षेत्र है जहां स्क्रब वनस्पति प्रचुर मात्रा में पाई जाती है।

जीएसटी के लिए 2,256 करोड़ रुपये की ‘सक्षम’ परियोजना मंजूर
सरकार ने केंद्रीय उत्पाद एवं सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीईसी) की सक्षम परियोजना को मंजूरी दे दी है। इसके जरिए देशभर में अप्रत्यक्ष कर प्रणाली के लिए एक नया नेटवर्क तैयार किया जाना है जिससे वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) प्रणाली को सफलतापूर्वक लागू करने में भी सहायता मिलेगी। यही नहीं, इससे भारतीय सीमा शुल्क विभाग के आईटी तंत्र को भी मजबूती मिलेगी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को यहां हुई मंत्रिमंडल के आर्थिक मामलों की कमेटी की बैठक में इस आशय का फैसला लिया गया। करीब 2,256 करोड़ रुपये की लागत से लागू होने वाली इस परियोजना से देशभर में वस्तु एवं सेवा कर प्रणाली को लागू करने में मदद मिलेगी।

इसके अलावा कस्टम विभाग के सिंगल विंडो इंटरफेस फोर फेसिलिटेटिंग ट्रेड (स्विफ्ट) का दायरा बढ़ाने में भी इस परियोजना से मदद मिलेगी। इसके अलावा डिजिटल इंडिया के तहत उठाए गए कदमों और ईज आफ डूइंग बिजनेस के प्रयासों को भी बढ़ावा मिलेगा।
केंद्र सरकार से इलेक्ट्रॉनिक तरीके से जुड़ेंगे
उल्लेखनीय है कि सरकार ने आगामी एक अप्रैल से देश भर में जीएसटी प्रणाली को लागू करने का संकल्प व्यक्त किया है। सक्षम परियोजना से देशभर के राज्य सरकारों के अप्रत्यक्ष कर तंत्र को एक केंद्रीय पोर्टल से जोड़ा जाएगा ताकि पूरे देश में इस कर प्रणाली को बेहतर तरीके से लागू किया जा सके।

इस समय केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर प्रणाली के तहत करीब 36 लाख करदाता जुड़े हुए हैं। माना जा रहा है कि जीएसटी प्रणाली लागू होने के बाद केंद्रीय स्तर पर बनने वाली प्रणाली से 65 लाख करदाता जुड़ जाएंगे। यही नहीं, जीएसटी प्रणाली में राज्यों के वाणिज्यिक कर विभाग भी अन्य राज्यों के साथ साथ केंद्र सरकार से इलेक्ट्रॉनिक तरीके से जुड़ेंगे। इसके लिए मजबूत तंत्र की आवश्यकता पड़ेगी। इसे ध्यान में रख कर ही सक्षम परियोजना को डिजाइन कियागयहै।

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