भारतीय संविधान के दायरे से बाहर नहीं है जम्मू-कश्मीर: सुप्रीम कोर्ट
- सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जम्मू-कश्मीर राज्य भारतीय संविधान के दायरे के बाहर नहीं है और उसे भारत के संविधान के बाहर कोई संप्रभुता हासिल नहीं है। कोर्ट ने जम्मू एेंड कश्मीर हाई कोर्ट की राय को दरकिनार करते हुए यह टिप्पणी की।
- पीठ ने जम्मू कश्मीर उच्च न्यायालय के इस फैसले को दरकिनार कर दिया कि राज्य विधानमंडल से बने कानूनों पर असर डालने वाला संसद का कोई कानून जम्मू कश्मीर में लागू नहीं किया जा सकता।
- जम्मू कश्मीर हाई कोर्ट ने कहा था कि कश्मीर संप्रभु राज्य है। सुप्रीम कोर्ट ने इसे खारिज करते हुए कहा कि भारतीय संविधान के बाहर जम्मू-कश्मीर को कोई भी शक्ति नहीं दी जा सकती है।
- शीर्ष अदालत ने कहा कि उच्च न्यायालय का फैसला ही गलत अंत से प्रारंभ होता है अतएव वह गलत निष्कर्ष पर भी पहुंच जाता है। यह कहता है कि जम्मू-कश्मीर के संविधान में अनुच्छेद पांच के सदंर्भ में राज्य को अपने स्थायी नागरिकों की अचल संपत्तियों के संदर्भ में उनके अधिकारों से जुड़े कानूनों को बनाने का पूर्ण संप्रभु अधिकार है।
- सुप्रीम कोर्ट ने कहा, ‘यह साफ है कि जम्मू-कश्मीर राज्य के पास भारत के संविधान और उसके अपने संविधान के दायरे के बाहर कोई संप्रभुता नहीं मिली हुई है। जम्मू-कश्मीर के नागरिकों पर पहले देश का संविधान लागू होता है। इसके अलावा जम्मू-कश्मीर का संविधान भी लागू होता है।
- शीर्ष अदालत ने वित्तीय आस्तियां प्रतिभूतिकरण एवं पुनर्गठन तथा प्रतिभूति हित प्रवर्तन अधिनियम, 2002 के प्रावधानों को संसद की विधायी क्षमता के अंतर्गत आने का जिक्र करते हुए कहा कि इन्हें जम्मू-कश्मीर में लागू किया जा सकता है।
- पीठ ने कहा कि हम यह भी कह सकते हैं कि जम्मू-कश्मीर के नागरिक भारत के नागरिक हैं और कोई दोहरी नागरिकता नहीं है जैसा कि दुनिया के कुछ अन्य हिस्सों में कुछ अन्य संघीय संविधानों में विचार किया गया है।
- शीर्ष अदालत का फैसला उच्च न्यायालय के निर्णय के विरूद्ध भारतीय स्टेट बैंक की अपील पर आया है। उच्च न्यायालय ने कहा था कि वित्तीय आस्तियां प्रतिभूतिकरण एवं पुनर्गठन तथा प्रतिभूति हित प्रवर्तन (एसएआरएफएईएसआई) अधिनियम का जम्मू कश्मीर के संपत्ति हस्तांतरण अधिनियम, 1920 से टकराव होगा।
- एसएआरएफएईएसआई एक ऐसा कानून है कि जो बैंकों को कर्जदारों की प्रतिभूत संपित्त को कब्जे में लेने एवं उन्हें बेच देने के लिए अदालती प्रक्रिया के बाहर अपने प्रतिभूति हितों को लागू करने का अधिकार देता है। शीर्ष अदालत ने 61 पन्नों के अपने फैसले में यह भी कहा कि यह बहुत परेशान करने वाली बात है कि उच्च न्यायालय के फैसले के कई हिस्से जम्मू कश्मीर की पूर्ण संप्रभु शक्ति का उल्लेख करते हैं।
- न्यायालय ने कहा, ”यहां इस बात को दोहराना आवश्यक है कि जम्मू कश्मीर का संविधान, जिसे सार्वभौमिक वयस्क मताधिकार के आधार पर संविधान सभा ने तैयार किया था, स्पष्ट घोषणा करता है कि जम्मू कश्मीर राज्य भारत संघ का अभिन्न हिस्सा है और रहेगा तथा यह प्रावधान संशोधन के दायरे के बाहर है।“
प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना:
ब्लैकमनी पर रोक लगाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तरफ से लिए गए नोटबंदी के फैसले के बाद अब केंद्र सरकार ने इसी दिशा में एक और कदम बढ़ाया है। केंद्र सरकार ने ब्लैकमनी को व्हाइट कराने के लिए एक नई योजना की शुरुआत की है, जिसका नाम है ‘प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना, इस योजना के तहत कालेधन को 50 फीसदी टैक्स देकर सफेद किया जा सकता है। यह योजना 31 मार्च 2017 तक चलेगी।
प्रमुख तथ्य:
- यह योजना 17 दिसम्बर 2016 को शुरू हो गई है। यह योजना 31 मार्च 2017 को बंद होगी। इसके तहत हुए खुलासे पर 50 फीसदी टैक्स और जुर्माना लगेगा। बाकी की 25 फीसदी रकम 4 साल के लिए बैंक में ही जमा रहेगी जिस पर कोई ब्याज नहीं मिलेगा।
- अगर आपकी अघोषित आय 10 लाख निकलती है तो आपको 10 लाख का 30 फीसदी यानी 3 लाख रुपए आमदनी टैक्स देना होगा। उसके अलावा 10 फीसदी यानी 1 लाख रुपए आपको इनकम पर पैनल्टी के रूप में देना होगा और 30 फीसदी का 33 फीसदी यानी 3 लाख का 99 हजार रुपये आपको सरचार्ज देना होगा।इसके हिसाब से आपको 10 लाख पर 50 फीसदी जुर्माना यानी 4,99,000 रुपए टैक्स के रूप में चुकाना होगा।
- अघोषित आय के बारे में बताने वालों के नामों का खुलासा नहीं होगा। सरकार ने चेतावनी दी है कि 31 मार्च 2017 के बाद जो पकड़े जाएंगे उनकी खैर नहीं है। टैक्सचोरी पर पूरी आय जब्त हो सकती है और करीब 77 फीसदी न्यूनतम टैक्स चुकाना होगा।
- नए इनकम डिसक्लोजर स्कीम के अंतर्गत आप नई ईमेल आईडी [email protected] पर जानकारी दे सकते हैं। इस आईडी के जरिए कालेधन का खुलासा करने वाले लोगों के नामों को गुप्त रखा जाएगा।
- अगर कोई व्यक्ति प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत अपना पैसा डिक्लेयर करता है तो यह पैसा उसकी इनकम में शामिल नहीं माना जाएगा। यानी की अगर किसी ने अपना पैसा इस स्कीम के तहत डिक्लेयर कर दिया तो इसके बाद उस पैसे पर किसी और स्कीम के तहत सवाल नहीं उठाया जा सकता है।
- जुर्माने से जो राशि आएगी उसका इस्तेमाल गरीब कल्याण योजना के लिए किया जाएगा। प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत बिना हिसाब का पैसा डिक्लेयर करते हुए अगर कोई व्यक्ति जानकारी छिपाता है या गलत जानकारी देता है तो उसका डिक्लेयरेशन रद्द हो जाएगा और स्कीम के तहत चुकाया गया टैक्स और पेनल्टी भी वापस नहीं मिलेगी।
- यह योजना हाल में समाप्त हुई आय घोषणा योजना 2016 से भिन्न है जिसमें कालेधन का खुलासा पहले किया जाता था तथा कर का भुगतान बाद में।
वैश्विक वेतन रिपोर्ट 2016-17
- हाल ही में अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन (International Labour Organisation – ILO) ने वैश्विक मजदूरी पर अपनी नवीन रिपोर्ट जारी की है। इस रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष 2012 के बाद से वैश्विक वेतन वृद्धि दर में लगातार गिरावट देखी जा रही है, जो वर्ष 2012 के 2.5 प्रतिशत से गिरकर वर्ष 2015 में 1.7 प्रतिशत तक आ गई।वस्तुतः यह विगत चार वर्षों में अब तक का सबसे न्यूनतम स्तर है।
- इस डाटा के मुताबिक भारत में पुरुष पुरुष मजदूरों के मुकाबले महिला मजदूरों को 33 फीसदी कम वेतन मिलता है। इन आंकड़ों से साफ है कि दुनिया के देशों के मुकाबले भारत में पुरुष मजदूरों के मुकाबले महिला मजदूरों काफी कम वेतन मिलता है।
- रिपोर्ट के मुताबिक भारतीयों महिलाओं को 63 फीसदी कम वेतन मिला है लेकिन इनमें 15 फीसदी ज्यादा वेतन है। इस तथ्य को छोड़ दें तो 2011 की जनगणना के मुताबिक हाल में जिन्होंने स्नातक की पढ़ाई पूरी की है उनमें पुरषों के मुकाबले ज्यादा महिला डॉक्टर और शिक्षक हैं।
- इसके साथ-साथ नॉन टेक्निकल फील्ड में भी पुरुषों के मुकाबले सबसे ज्यादा पोस्ट ग्रेजुएट महिलाएं ही हैं। रसियन फेडरेशन से तुलना की जाए तो यहां महिला मजदूरों को 40 फीसदी ज्यादा वेतन दिया जाता है। महिला मजदूरों में वेतन का ये अंतर निचले स्तर तक है, हालांकि मनरेगा के तहत कि महिला और पुरुष मजदूरों को वेतन का अंतर करने की कोशिश की गई थी।
- भारत में वेतन असमानता अकेले लिंग अनुपात की वजह नहीं है। देश के आधे से ज्यादा मजदूर जिन्हें कम वेतन मिलता है उनका आंकड़ा करीब 17.1 फीसदी है। वहीं टॉप 10 फीसदी मजदूरों को 42.7 फीसदी मजदूरी मिलती है। केवल दक्षिण अफ्रीका में ये ज्यादा असमान है। इन आंकड़ों के मुताबिक हालात इतने खराब नहीं हुए हैं। भारत में बीते दशक में औसत मजदूरी 60 फीसदी पहुंच गई है। ये आंकड़ा चीन से दोगुना है।
- गौरतलब है कि आईएलओ द्वारा यह रिपोर्ट प्रत्येक 2 वर्षों में प्रकाशित की जाती है। इस रिपोर्ट से निकलने वाला एक महत्त्वपूर्ण संकेत यह भी है कि जी-20 के वैसे देश जो 2008-09 की आर्थिक मंदी में बेहतर स्थिति में थे, अब वेतन वृद्धि दर में गिरावट की मार झेल रहे हैं।
निष्कर्ष:
न्यूनतम मज़दूरी और सामूहिक संविदा के द्वारा अत्यधिक पारिश्रमिक असमानताओं को कम करने की दिशा में महत्त्वपूर्ण सुधार किये जा सकते हैं। इन परिस्थितियों में पारिश्रमिक का नियमन करना चाहिये, साथ ही, दीर्घकालिक उद्यमों की उत्पादकता को बढ़ाने के प्रयास भी किये जाने चाहियें। इन सबके आलावा, उन कारणों की पहचान करते हुए समाधान के उपाय निकाले जाने चाहियें जो महिलाओं और पुरुषों के बीच पारिश्रमिक-असमानता को बढ़ावा देते हैं।
भारत में जंगल की आग में चिंताजनक वृद्धि :
विज्ञान और प्रौद्योगिकी पर संसद की स्थायी समिति द्वारा प्रस्तुत रिपोर्ट के अनुसार,भारत भर में जंगल की आग में चिंताजनक वृद्धि हुई है। वर्ष 2016 में जंगलों में लगने वाली आग के 24, 817 मामले दर्ज किए गए हैं जबकि 2015 में यह आंकड़े 15,937 दर्ज किए गए थे। पिछले एक वर्ष में जंगलों में लगने वाली आग में 55 फीसदी की वृद्धि हुई है।
रिपोर्ट के निष्कर्ष:
- रिपोर्ट मुख्य रूप से हिमालय के जंगलों में आग की रोकथाम पर केंद्रित है जोकि हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और जम्मू-कश्मीर भर में फैली हुई है।
- यद्यपि 2015 को सूखे का वर्ष माना गया फिर भी जंगल की आग में बढ़ोत्तरी हुई। लेकिन इस बीच जंगल की आग की बारंबारता में लगभग 16% की गिरावट आई है।
- तीन केंद्रीय राज्य छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और ओडिशा जंगल की आग में एक तिहाई का योगदान करते हैं।
- मध्य प्रदेश में जंगल की आग में लगभग दस गुना वृद्धि देखी जा रही है, जिसमें 2015 में सिर्फ 294 मामलों से बढ़कर 2016 में 2,600 से अधिक मामले दर्ज किये।
- हिमाचल और उत्तराखंड में,17,502 एकड़ जमीन को जंगल की आग के कारण 2016 में तबाह होना पड़ा जोकि पिछले वर्ष से 171 फ़ीसदी अधिक है।
- ज्यादातर फ्रंट लाइन वन कर्मचारियों के पद बड़ी संख्या में खाली पड़े थे, जबकि अग्निशमन उपकरण कई मामलों में अल्पविकसित है।
प्रमुख सिफारशें:
- जंगल की आग के प्रबंधन पर राष्ट्रीय नीति बनाई जानी चाहिए।
- पाइन रिज़र्व फॉरेस्ट्स को “ब्रॉड-लीफ़” पत्तियों वाले पौधों के साथ बदल देना चाहिए।
- चीड़ पाइन नीडल्स को सड़क के किनारे से साफ़ करने के लिए व्यापक मशीनों की खरीद की जाए।
पृष्ठभूमि:
समिति का गठन राज्यसभा सांसद रेणुका चौधरी की अध्यक्षता में वर्ष 2016 में उत्तराखण्ड की भीषण आग के बाद किया गया था।
पूर्वोत्तर औद्योगिक और निवेश संवर्धन नीति 2007 में संशोधन
- सरकार ने पूर्वोत्तर औद्योगिक और निवेश संवर्धन नीति (NEIIP), 2007 में संशोधन किया है, और यह तय किया है कि औद्योगिक इकाइयों के लिए सभी सब्सिडियों का वितरण डीबीटी तंत्र के माध्यम से होगा।
- सरकार ने फैसला किया है कि सभी औद्योगिक इकाइयों को अब सब्सिडी का वितरण मुख्य लेखा नियंत्रक (उद्योग) द्वारा देय प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डीबीटी) प्रणाली के माध्यम से किया जाएगा, जिसके लिए इकाइयों को आवश्यक बैंक विवरण प्रदान करके ई-भुगतान पोर्टल पर पंजीकृत करने की आवश्यकता होगी।
- विनिर्माण क्षेत्र में सक्रिय नई औद्योगिक इकाइयों / मौजूदा औद्योगिक इकाइयों को 5 करोड़ रुपये प्रति औद्योगिक इकाई और सेवा क्षेत्र में सक्रिय इकाइयों को प्रति औद्योगिक इकाई 3 करोड़ रुपये की सब्सिडी प्रदान की जायेगी।
- 1.5 करोड़ रुपये से अधिक और 5 करोड़ रुपये तक के पूंजी निवेश पर सब्सिडी के अनुदान के लिए एक अधिकार प्राप्त समिति बनायी जाएगी। समिति की अध्यक्षता सचिव, औद्योगिक नीति और संवर्धन विभाग (डीआईपीपी) द्वारा की जायेगी।
औद्योगिक नीति एवं संवर्धन विभाग:
औद्योगिक नीति एवं संवर्धन विभाग वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय, भारत सरकार के अधीन कार्यरत एक विभाग है। इसकी स्थापना 1995 में हुई थी और 2000 में इसकी पुनर्स्थापना की गई। तब इसे औद्योगिक विकास विभाग के संग विलय कर दिया गया था।
ई-बिज़ पोर्टल:
- ईबिज़ भारत सरकार की ऐसी सुविधा है जहाँ एक ही जगह पर सरकार से व्यवसाय (जी 2 बी) सेवाएँ प्रदान की जाती हैं। उपयोगकर्ताओं को विभिन्न ऑनलाइन सेवाओं का लाभ उठाने के लिए एक खाता बनाने की जरूरत है।
- औद्योगिक नीति और संवर्धन विभाग की इस पोर्टल की मदद सेउपयोगकर्ता अपने सभी लाइसेंस, मंजूरी, पंजीकरण और नियामक फाइलिंग के लिए आवेदन और प्रबंधन कर सकते हैं। व्यवसाय शुरू करने और इसे चलाने से संबंधित विस्तृत जानकारी प्रदान की गई है।
केंद्र का राज्यों/ केंद्र शाषित प्रदेशों को निर्देश: राष्ट्रीय गान पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर आवश्यक कार्रवाई करें:
केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय गान के संबंध में सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन करने के लिए सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों को निर्देश दिए हैं तथा इसको लागू करने के लिए उपयुक्त कार्यवाही करने के आदेश दिए हैं।
सुप्रीम कोर्ट के निर्देश:
- सिनेमा हाल में राष्ट्रीय गान बजने से पहले प्रवेश और निकास दरवाजे बंद होने चाहिए ताकि राष्ट्रीय गान के प्रसारण में किसी भी तरह का व्यवधान ना आये, जो कि राष्ट्रीय गान का एक तरह से अपमान होगा।
- राष्ट्रीय गान तथा इसके किसी भी भाग को इस ढंग से प्रकाशित करना जो इसकी प्रतिष्ठा को किसी भी तरह से ठेस पहुचाये, राष्ट्रीय गान का अपमान माना जायेगा।
- वित्तीय लाभ के लिए राष्ट्रीय गान का किसी भी तरह से व्यावसायिक दोहन प्रतिबंधित है। राष्टीय गान का उपयोग किसी ऐसे व्यक्ति द्वारा किया जाना पूर्णतया प्रतिबंधित है जिससे उसे किसी भी तरह का व्यावसायिक लाभ हो।
- राष्ट्रीय गान का किसी भी तरह का नाटकीय रूपांतरण, किसी भी तरह के शो या सेमिनार में नहीं किया जा सकता। यह इसलिए है क्योकि जब राष्ट्रीय गान बजता है तो यह हर नागरिक का कर्तव्य है कि वह उसका सम्मान करे और राष्ट्रीय गान के नाटकीय रूपांतरण के बारे में सोचना पूर्णतया अकल्पनीय है।
- भारत के सभी सिनेमा हॉल के लिए किसी भी फिल्म के शुरू होने से पहले राष्ट्रीय गान बजाना अनिवार्य है तथा सिनेमा हॉल में उपस्थित सभी लोगों का राष्ट्रीय गान के सम्मान में खड़ा होना भी अनिवार्य है।
- हाल ही में दिव्यांगों को राष्ट्र गान के समय खड़े होने से छूट प्रदान की गयी है।
सुप्रीम कोर्ट के निर्णय की संवैधानिक वैधता:
- हाल का निर्णय सर्वोच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति दीपक मिश्र, तथा अमितव रॉय की बेंच ने संविधान के अनुच्छेद 32 के तहत दायर की गई याचिका के आधार पर दिया था। यह दिशा निर्देश मातृभूमि के लिए प्यार तथा सम्मान के आधार पर दिए गए हैं । कोर्ट ने यह उल्लेख किया है कि राष्ट्रीय गान तथा राष्ट्रीय ध्वज के प्रति प्यार और सम्मान देश के प्रति प्यार और सम्मान को दर्शाता है।
- इसके अलावा यह देशभक्ति तथा राष्ट्रवाद की भावना का भी संचार करता है। संविधान के अनुच्छेद 51(A)(a) के तहत यह प्रत्येक नागरिक का कर्तव्य है कि वह भारतीय संविधान का पालन करे तथा संविधान के आदर्शो तथा संस्थाओं,राष्ट्रीय गान तथा राष्ट्रीय ध्वज का सम्मान करे। यह भारत के संविधान में लिखित है इसीलिए यह हर एक भारतीय का निजी कर्तव्य है।
चिकनगुनिया का पहला टीका विकसित:
- वैज्ञानिकों ने चिकनगुनिया के बुखार का पहला टीका विकसित कर लिया है। यह टीका एक खास वायरस से तैयार किया गया है, जिसका इंसानों पर कोई असर नहीं होता है। इस लिहाज से यह कारगर भी है और प्रभावी भी।
- इसे ‘ईलैट’ या ‘अल्फा वायरस’ कहते हैं। यह वायरस इंसानों को किसी तरह का नुकसान नहीं पहुंचाता जबकि चिकनगुनिया पर पूरी तरह प्रभावकारी होता है। चूहों और अन्य स्तनधारियों पर शोध में पाया गया कि चिकनगुनिया से पीड़ित जीव को यह टीका लगाने पर उसके शरीर में मजबूत प्रतिरक्षा तंत्र विकसित होता है और बीमारी से उसकी सुरक्षा करता है।
- टेक्सास विश्वविद्यालय में औषधि विभाग के वरिष्ठ शोधकर्ता स्कॉट वेवर ने बताया कि यह टीका सुरक्षित और प्रभावकारी है। जिस वायरस से इसे विकसित किया गया है, वह केवल कीटों को प्रभावित करता है। लिहाजा यह बहुत महंगी भी नहीं होगी। उन्होंने कहा कि ईलैट के क्लोन से हाईब्रिड वायरस बनाया जो मच्छरों द्वारा फैलाए गए चिकनगुनिया वायरस के खिलाफ एंटीबॉडी बनाता है। यह एंटीबॉडी 290 दिनों तक प्रभावकारी रहती है और वायरस से सुरक्षा करती है।
क्या है चिकनगुनिया?
यह एडिस मच्छर के काटने से फैलने वाला वायरस है। इससे शुरुआत में तेज बुखार होता है जो कई दिनों तक बना रहता है। इस बीमारी में बुखार और जोड़ों में भारी दर्द होता है। चिकनगुनिया के चलते सिर दर्द, मांसपेशियों में दर्द, जोड़ों में दर्द-सूजन और कभी-कभी रैशेज भी हो जाते हैं। इस बीमारी का असर लंबे समय तक बना रहता है, जिसके चलते जोड़ों में दर्द रहता है।
चिकनगुनिया का दुनिया में प्रभाव:
डब्ल्यूएचओ के मुताबिक, यह वायरस एशिया, अफ्रीका, यूरोप और अमेरिका महाद्वीप के कई देशों में फैला हुआ है। अमेरिका में इसके अब तक कम ही मामले सामने आए हैं, जबकि यूरोपीय देशों में केवल इटली में यह पाया गया है। इस वायरस का सबसे ज्यादा प्रभाव एशियाई देशों में दिखाई देता है।
प्रभावित देशों की स्थिति:
40 देशों में फैला है चिकनगुनिया वायरस का प्रभाव। 1952 में सबसे पहले तंजानिया में हुई थी इसकी खोज। 2006 में सिर्फ एशिया में करीब तीन लाख लोग पीड़ित मिले।
व्यापार सुगमता के लिए सरकार ने कई क्षेत्रों को चिन्हित किया
व्यापार सुगमता के लिहाज से 50 शीर्ष देशों की सूची में शामिल होने के प्रयास के तहत सरकार ने उन क्षेत्रों को चिन्हित किया है जहां जटिल नियमों को समाप्त करते हुए प्रक्रिया को सरल बनाने की जरूरत है ताकि कोई भी कंपनी चार दिन में अपना काम शुरू कर सके। उल्लेखनीय है कि विश्व बैंक के व्यापार सुगमता सूचकांक में भारत को 190 देशों में से 130वें स्थान पर रखा गया है।
- इस पहल का उद्देश्य देश में व्यापार माहौल को सुधारना तथा इसकी रैंकिंग सुधारना है ताकि किसी भी कंपनी को उद्यम शुरू करने के लिए कम से कम समय की जरूरत हो और उसे आसान रिण उपलब्ध हो।
- आधिकारिक बयान के अनुसार ईबिज पोर्टल -श्रम सुविधा- कारपोरेट कार्य मंत्रालय से जुड़े मामलों के लिए एकल खिड़की जैसी सुविधा प्रदान करेगा। इसमें पैन:टैन के लिए पंजीकरण तथा कर्मचारी भविष्य निधि: कर्मचारी बीमा जैसे काम भी शामिल है।
- इसके अनुसार, कारपोरेट कार्य मंत्रालय, सीबीडीटी, श्रम व रोजगार मंत्रालय मिलकर काम करेंगे ताकि कोई कारोबार शुरू करने के लिए प्रक्रियाओं की संख्या घटाकर चार की जा सके। साथ ही इसमें लगने वाले दिनों की संख्या भी घटाकर चार की जा सके। फिलहाल भारत में कोई कंपनी शुरू करने में कम से कम तीन सप्ताह का समय लगता है।
विश्व बैंक की रिपोर्ट:
- साल 2016 की विश्व बैंक द्वारा जारी की गई दुनियाभर में आसानी से कारोबार करने की रैंकिंग सूची में भारत का नंबर 130वें स्थान पर है। यह रैंक कुल 190 देशों की सूची में भारत ने हासिल की है। पिछले साल की सूची में भारत 131वें स्थान पर था।
- कारोबारी सुगमता की यह सूची हर साल जारी की जाती है। रैंकिंग तय करने के लिए लगभग 10 पॉइंट्स या पैमानों पर किसी भी देश को तौला जाता है। रैंकिंग बिजली की उपलब्धता, विनिर्माण मंजूरियां, लागत, आपूर्ति, प्रक्रियाओं की संख्या, समय, ऋण हासिल करने, कारोबार शुरू करने जैसी चीजों को ध्यान में रखकर तय की जाती है।
भारत-अरब साझेदारी सम्मेलन का 5वां संस्करण मस्कट, ओमान में आयोजित:
पांचवें भारत-अरब साझेदारी सम्मेलन (5th India-Arab Partnership Conference) का आयोजन ओमान की राजधानी मस्कट में किया गया।
सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य:
- सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य भारत और अरब देशों के बीच निवेश को बढ़ावा देना, निवेश परियोजनाओं की गति बढ़ाना ,मौजूद संयुक्त उपक्रमों को सक्रिय करना तथा निर्यात संवद्र्धन के अनुकूल माहौल बनाना है। फिक्की और औद्योगिक नीति एवं संवद्र्धन विभाग (डी.आई.पी.पी.) का संयुक्त उपक्रम इन्वेस्ट इंडिया और राज्य सरकारें अरब देशों को भारत में निवेश की संभावनाओं पर अपनी प्रस्तुति देंगी।
- अरब देश संयुक्त रूप से भारत के सबसे बड़े कारोबारी साझेदार हैं। अरब देशों तथा भारत के बीच 180 अरब डॉलर से अधिक का व्यापार है। भारत अपनी 60 फीसदी तेल एवं गैस की जरूरतों की पूर्ति पश्चिम एशिया से करता है। विभिन्न कारोबार करने वाली कई भारतीय कंपनियां इस कारोबार का हिस्सा हैं।
शहरी विकास पर एशिया-प्रशांत सम्मेलन
- एशिया-प्रशांत आवास एवं शहरी विकास मंत्रिस्तरीय सम्मेलन के अंत में 16 दिसम्बर 2016 को जारी‘दिल्ली घोषणा’में स्वीकार किया गया है कि समाज के प्रत्येक तबके की पहुंच में आ सकने वाले आवासों का निर्माण किया जाना चाहिए जिससे आम आदमी का जीवन स्तर ऊपर उठाया जा सके। शहरी नियोजन को आस पास के क्षेत्रों तक तथा गांवों तक बढाया जाना चाहिए जिससे समाज का समग्र विकास किया जा सके।
- इसमें एशिया प्रशांत क्षेत्र के 68 देशों के लगभग 1250 प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया और भविष्य के शहरी नियोजन की रणनीति तय करने के अलावा आवास के क्षेत्र में आपसी अनुभव भी साझा किए। इस सम्मेलन का उद्घाटन शहरी विकास मंत्री एम. वेंकैया नायडू ने किया था।
- दिल्ली घोषणा में कहा गया है कि शहरी आवास को सरल, समग्र और सतत् बनाने की जरुरत है। समाज के समस्त वगरें के विकास के लिए शहरों में नियोजन आवश्यक है जिसमें आबादी, बुनियादी सुविधाओं और पर्यावरण के बीच समंवय पर जोर देना होगा। सम्मेलन में औपचारिक तौर पर भारत को 68 देशों के इस समूह के अगले दो साल के लिए नेतृत्व की जिम्मेदारी सौंपी गयी।
- इस दौरान शहरी ग्रामीण योजना एवं प्रबंधन, झुग्गियों एवं अन्य बस्तियों का विकास, आधारभूत सेवा, आवास वित्त और प्राकृतिक एवं जलवायु परिवर्तन से संबंधित आपदा के संदर्भ में शहरी विकास पर विचार विमर्श किया गया। एशिया प्रशांत क्षेत्र में कुल 60 प्रतिशत आबादी और 55 प्रतिशत शहर आबादी निवास करती है। इससे पहले यह सम्मेलन दिल्ली में 10 साल पहले वर्ष 2006 में आयोजित किया गया था।
- घोषणा पत्र में‘अर्बन प्लस’पद्धति पर जोर देते हुए कहा गया है कि शहरी नियोजन में आस पास के क्षेत्रों और अनौपचारिक विस्तार का भी ध्यान रखा जाना चाहिए। शहरों को एक स्वतंत्र निकाय समझने की बजाय शहरी ग्रामीण परिवेश में समझा जाना चाहिए और इसके अनुरुप नियोजन करना चाहिए।
टीबी, एचआईवी, मलेरिया से लड़ने के लिए अनुसंधान में लाई जाए तेजी : ब्रिक्स
ब्रिक्स देशों ने टीबी, एचआईवी एवं मलेरिया जैसी बीमारियों के खिलाफ लड़ने के लिए अनुसंधान में तेजी लाने और समय पूर्व मृत्य दर को कम करने के लिए कदम उठाने पर 16 दिसंबर 2016 को सहमति जताई। इसके साथ उन्होंने किफायती उपचार को प्रोत्साहित करने के लिए स्वास्थ्य सेवा में सूचना एवं प्रौद्योगिकी के अधिक इस्तेमाल की आवश्यकता पर भी बल दिया।
- ब्रिक्स के स्वास्थ्य मंत्रियों की समाप्त हुई छठी दो दिवसीय बैठक में उन्होंने दिल्ली विज्ञप्ति को पारित किया, जिसके तहत सदस्य देशों ने एक टीबी सहयोग योजना, टीबी अनुसंधान पर एक ब्रिक्स नेटवर्क और टीबी, एचआईवी एवं मलेरिया पर एक अनुसंधान एवं विकास संकाय विकसित करने पर बात की।
- 25 बिंदुओं वाली इस विग्यप्ति में दवाइयों एवं नैदानिक उपकरणों के अनुसंधान एवं विकास, सतत विकास लक्ष्यों के तहत वर्ष 2030 तक गैर संक्रामक बीमारियों के कारण होने वाली समय पूर्व मृत्यु दर को एक तिहाई तक कम करने और प्रभावशाली स्वास्थ्य निगरानी की बात पर जोर दिया गया है।
- दुनिया की 43 फीसदी आबादी का प्रतिनिधित्व करने वाले ब्रिक्स गठबंधन के पांच देशों के बीच स्वास्थ्य क्षेत्र में सहयोग को आगे बढ़ाने के लिए कई कदमों पर सहमति बनी है। इसमें टीबी, एचआइवी और मलेरिया जैसी बीमारियों से निपटने के लिए साझा कार्यक्रम बनाने के साथ ही शोध और अनुसंधान में करीबी सहयोग का ढांचा तैयार करना भी शामिल है।
- इन देशों का कहना है कि ये ऐसी बीमारियां हैं जिन पर शोध भी इन्हीं को करना होगा। इनके लिए गुणवत्तापूर्ण दवा, टीके और जांच आदि को विकसित करने के लिए इन देशों को आपसी सहयोग बढ़ाना होगा। इस दौरान ‘ब्रिक्स टीबी सहयोग योजना’ को अपनाने पर भी सहमति बनी। इसके तहत ‘ब्रिक्स नेटवर्क ऑन टीबी रिसर्च’ शुरू किया जाना है। साथ ही टीबी, एचआइवी और मलेरिया पर शोध और विकास के लिए एक कंसोर्टियम तैयार करने को ले कर भी सहमति बनी है। यह बीमारियों के लिए यह कंसोर्टियम अंतरराष्ट्रीय स्तर पर धन जुटाने की कोशिश भी करेगा। इस सम्मेलन में भारत का प्रतिनिधित्व केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने किया।
भारत ने छह देशों के साथ खुला आकाश समझौतों पर हस्ताक्षर किया है:
अंतर्राष्ट्रीय नागर विमानन वार्ताएं (आईसीएएन) – 2016 में आयोजित की गईं। नागरिक उड्डयन सचिव आर.एन. चौबे ने बताया कि आईसीएओ के 191 देशों में से 106 देशों ने इस सम्मेलन में भाग लिया। भारत ने 17 देशों के साथ बातचीत की और 12 देशों के साथ सहमति पत्र (एमओयू) पर हस्ताक्षर किये गये। राष्ट्रीय नागर विमानन नीति (एनसीएपी 2016) में दिये गये निर्देशों के मुताबिक अनेक प्रमुख मुद्दे सुलझाये गयेः
यातायात अधिकारों में वृद्धिः
भारत ने ओमान के साथ यातायात अधिकारों पर फिर से बातचीत की, जिससे हकदारी में वृद्धि सुनिश्चित हुई है। इसके तहत वर्ष 2017 के ग्रीष्म ऋतु से 6258 सीटें प्रभावी हो जाएंगी, क्योंकि मौजूदा हकदारी कमोबेश समाप्त हो गई है। भारत ने आईएटीए सीजन से क्षमता में प्रति सप्ताह 8000 सीटों की वृद्धि के लिए सऊदी अरब से सहमति जताई है। दोनों देशों के बीच यातायात में बढ़ोतरी की जरूरत को ध्यान में रखते हुए ऐसा किया गया है।
एनसीएपी 2016 के मुताबिक खुला आकाश समझौताः
- इस दौरान छह देशों के साथ खुला आकाश समझौतों पर हस्ताक्षर किये गये, जिनमें जमैका, गुयाना, चेक गणराज्य, फिनलैंड, स्पेन और श्रीलंका शामिल हैं।
- खुला आकाश समझौते में छह महानगरों जैसे कि दिल्ली, मुंबई, हैदराबाद, कोलकाता, बेंगलुरू और चेन्नई स्थित हवाई अड्डों तक असीमित संख्या में उड़ानों की अनुमति दी गई है। नई व्यवस्था से भारत और इन देशों के बीच कनेक्टिविटी के साथ-साथ यात्रियों के सफर को भी काफी बढ़ावा मिलेगा।
- नये हवाई सेवा समझौतों पर जमैका एवं गुयाना के साथ हस्ताक्षर किये गये। घाना, इजरायल, जापान, मलेशिया, पुर्तगाल, हांगकांग, इथियोपिया और बांग्लादेश के साथ हवाई सेवा समझौते से संबंधित अन्य मसलों को भी सुलझाया गया।
राष्ट्रीय उपभोक्ता दिवस: 24 दिसम्बर
- उपभोक्ताओं को जागरूक करने के लिए प्रत्येक वर्ष 24 दिसंबर के दिन राष्ट्रीय उपभोक्ता दिवस (National Consumer Day) के रूप में मनाया जाता है यह दिन 24 दिसंबर के दिन इस लिए मनाया जाता है क्योंकि इसी दिन राष्ट्रपति द्वारा वर्ष 1986 में उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम विधेयक पारित हुआ था। इस वर्ष का विषय “वैकल्पिक विवाद समाधान प्रक्रिया” है।
- राष्ट्रीय उपभोक्ता दिवस भारत में पहली बार वर्ष 2000 में मनाया गया था इस दिवस को मनाने का उद्देश्य उपभोक्ताओं में जागरूता फैलाना है और उनके हितों की रक्षा एवं उन्हें विभिन्न प्रकार के शोषण से बचाना है।
प्रधानमंत्री ने रखी शिवाजी स्मारक की आधारशिला
- प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 24 दिसम्बर 2016 को मुंबई तट पर स्थित अरब सागर के एक द्वीप पर छत्रपति शिवाजी स्मारक की आधारशिला रखी।
- करीब 15 एकड़ के द्वीप पर प्रस्तावित स्मारक समंदर में किनारे से डेढ किलोमीटर अंदर होगा।
- इस स्मारक मे शिवाजी महाराज का जो पुतला होगा उसकी ऊंचाई घोड़े समेत 192 मीटर है। घोडे पर बैठे हुए छत्रपती शिवाजी महाराज के पुतले की उंचाई 114.4 मीटर है।
- ये स्मारक करीब 13 हेक्टेयर के चट्टान पर होगा। परियोजना की कुल लागत 3600 करोड़ रूपये है जिसमें से पहले चरण की लागत 2500 करोड़ रूपये होगी।
देहरादून में बैंकिंग लोकपाल ऑफिस
- रिजर्व बैंक ने देहरादून में बैंकिंग लोकपाल कार्यालय खोला है। इस तरह अब देश में कुल बैंकिंग लोकपाल कार्यालयों की संख्या बढ़कर 17 हो गई है। बैंकिंग नेटवर्क में अच्छी खासी बढ़ोतरी को देखते हुए ऐसा किया गया है। देहरादून ऑफिस कानपुर कार्यालय का बोझ कम करने में सहयोग करेगा।
- आरबीआई ने एक बयान में कहा कि पिछले कुछ समय में बैंकिंग नेटवर्क में विस्तार और कानपुर ऑफिस पर भारी बोझ को देखते हुए देहरादून ऑफिस खोला गया है। उत्तर भारत में कानपुर और चंडीगढ़ के बाद यह तीसरा लोकपाल ऑफिस है।
- देहरादून ऑफिस के कार्य क्षेत्र में उत्तराखंड के अलावा यूपी के सात जिले भी आएंगे। यूपी के इन सात जिलों के नाम सहारनपुर, शामली, मुजफ्फरनगर, बागपत, मेरठ, बिजनौर और अमरोहा है। बैंकिंग लोकपाल कार्यालय में बैंकों के कामकाज के बारे में शिकायत की जाती है।
“टैनसेट” उपग्रह का प्रक्षेपण
- चीन ने को वैश्विक कार्बन उत्सर्जन पर निगरानी रखने के लिए लांग मार्च-2डी रॉकेट के जरिए “टैनसेट” उपग्रह प्रक्षेपित किया। यह गोबी रेगिस्तान स्थित जिउकुआन उपग्रह प्रक्षेपण केंद्र से प्रक्षेपित किया गया।
- चाइना एकेडमी ऑफ साइसेंज के माइक्रो- सैटेलाइट रिसर्च इंस्टीट्यूट के प्रमुख टैनसेट डिजाइनर यिन जेंगशान ने बताया कि 620 किलो वजनी “टैनसेट” उपग्रह धरती से 700 किलोमीटर ऊपर सूरज की समकालिक कक्षा में भेजा गया है जो वातावरण में एकाग्रता, वितरण और कार्बन डाइऑक्साइड के प्रवाह की निगरानी करेगा। इस उपग्रह से जलवायु परिवर्तन को समझने में मदद मिलेगी, साथ ही यह स्वतंत्र डेटा भी उपलब्ध कराएगा।
- अपने तीन साल के मिशन के दौरान यह हर 16 दिनों में कार्बन डाइऑक्साइड के स्तर का अच्छी तरह से निगरानी करेगा। जापान और अमेरिका के बाद उपग्रह के जरिए ग्रीन हाउस गैसों की निगरानी करने वाला चीन तीसरा देश है।
खुले में कचरा जलाने पर एनजीटी ने रोक लगायी
- नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने एक महत्वपूर्ण फैसले में खुले में कचरा जलाने पर देश भर में रोक लगाने का आदेश दिया है। इसका उल्लंघन करने वालों को पांच हजार से 25 हजार रुपये तक का जुर्माना भरना पड़ेगा। एनजीटी प्रमुख जस्टिस स्वतंत्र कुमार की अध्यक्षता वाली पीठ ने 22 दिसम्बर 2016 को यह आदेश दिया।
- हाल में दिल्ली के पड़ोसी राज्यों में पराली जलाने से राष्ट्रीय राजधानी में वायु प्रदूषण की स्थिति गंभीर हो गई थी। एनजीटी के फैसले के बाद कचरा निस्तारण वाले स्थान पर भी इसे खुले में नहीं जलाया जा सकेगा। अलमित्र पटेल की अर्जी पर यह व्यवस्था दी गई है।
- एनजीटी ने इसके साथ ही सभी राज्यों और केंद्र प्रशासित क्षेत्रों को ठोस कचरा प्रबंधन नियम, 2016 को लागू करने का निर्देश दिया है। ट्रिब्यूनल ने पोलीविनाइल क्लोराइड (फ्लेक्स) और प्लास्टिक (क्लोरिनेटेड) के इस्तेमाल पर रोक को लेकर पर्यावरण मंत्रालय और सभी राज्यों को छह महीने के अंदर उचित निर्देश जारी करने को कहा है।
उत्तर प्रदेश में 17 पिछड़ी जातियां अनुसूचित जाति की श्रेणी में शामिल
- यूपी कैबिनेट ने 17 पिछड़ी जातियों को अनुसूचित जाति की श्रेणी में शामिल करने का फैसला किया है। इन जातियों में कहार, कश्यप, केवट, मल्लाह, निषाद, कुम्हार, प्रजापति, भीवर, बिंद, भर, राजभर, बाथम, तुरहा, गोंड, मांझी, मछुआरा जातियां शामिल हैं।
- इसे मुद्दा बनाने के लिए अखिलेश सरकार केंद्र की मोदी सरकार के पास संस्तुति के लिए यह प्रस्ताव भेजेगी।
- विदित हो कि वर्ष 2005 में भी उत्तर प्रदेश सरकार ने 17 अन्य पिछड़े वर्ग को अनुसूचित जाती में बदलने का प्रस्ताव पारित किया था जिसे केंद्र ने अपने अधीन पॉवर के तहत खारिज कर दिया था। इस प्रस्ताव को बाद में इलाहाबाद उच्च न्यायलय ने गैर संवैधानिक घोषित कर खारिज कर दिया था। आपको बता दे कि अनुसूचित जाती में बदलाव केंद्र की सत्ता के अधीन आता है।
क्रूज मिसाइल निर्भया का प्रक्षेपण
- ओडिसा में चांदीपुर के एकीकृत मिसाइल टेस्ट रेंज से भारत ने 21 दिसम्बर 2016 को परमाणु वहन क्षमता से युक्त लंबी दूरी वाली क्रूज मिसाइल ‘निर्भया’ का प्रक्षेपण किया।
- रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन द्वारा स्वदेशी तकनीक से निर्मित इस मिसाइल को सुबह 11 बजकर 56 मिनट पर प्रक्षेपित किया गया। परमाणु वहन की क्षमता से युक्त यह मिसाइल 700 – 1000 किलोमीटर की दूरी पर निशाना बना सकती है और रडॉर के जरिये इसे पकड़ पाना मुश्किल होगा।
भारतीय अर्थव्यवस्था विश्व की पांचवी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनी
- फॉर्ब्स मैगजीन द्वारा हाल ही में जारी आंकड़ों के अनुसार भारतीय अर्थव्यवस्था दुनिया की पांचवी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गयी। भारत को यह उपलब्धि 150 साल में पहली बार प्राप्त हुई है। अर्थव्यवस्था के आकार के मामले में ब्रिटेन भी अब भारत से पीछे है। भारत अमेरिका, चीन, जापान व जर्मनी के बाद पांचवीं सबसे बड़ी जीडीपी बन गया है।
- पिछले 25 साल में भारत की तेज इकॉनॉमिक ग्रॉथ और वर्ष भर में पाउंड के मूल्य में आई कमी के कारण यह परिवर्तन हुआ है। इसका कारण ब्रिटेन के यूरोपियन यूनियन से अलग होने और भारत की तेज विकास दर को माना जा रहा है।
- फॉर्ब्स मैगजीन की रिपोर्ट के अनुसार भारत द्वारा 2020 तक ब्रिटेन की जीडीपी को पार करने का अनुमान था। पिछले 12 महीने में पाउंड के मूल्य में लगभग 20 प्रतिशत की कमी ने यह 2016 में कर दिया।
- ब्रिटेन की 1.87 ट्रिलियन पाउंड की जीडीपी एक डॉलर के मुकाबले 0.81 पाउंड की एक्सचेंज रेट पर 2.29 ट्रिलियन डॉलर में बदलती है। भारत की 153 ट्रिलियन रुपये की जीडीपी एक डॉलर के मुकाबले 66.6 रुपये से बदलने पर 2.30 ट्रिलियन डॉलर होती है।
‘कोल मित्र’ वेब पोर्टल लॉन्च
- डोमेस्टिक कोल के इस्तेमाल को बेहतर बनाने के लिए ‘कोल मित्र’ वेब पोर्टल लॉन्च किया गया। इस पोर्टल को केंद्रीय कोयला और विद्युत मंत्री पीयुष गोयल ने लांच किया। इस मौके पर उन्होंने ‘रिन्यूवेबल एनर्जी इंटिग्रेशन’ समेत कई रिपोर्ट्स भी जारी कीं।
- ‘कोल मित्र’ वेब पोर्टल को डोमेस्टिक कोल के इस्तेमाल को आसान और सरल बनाने के लिए लाया गया है। इसके जरिए रिजर्व्स को कम खर्चे में सबसे कुशल स्टेशन तक पहुंचाया जा सकता है। ये स्टेशंस राज्य/केंद्र या प्राइवेट सेक्टर किसी के भी हो सकते हैं। इससे न सिर्फ खर्चे में कमी आएगी, बल्कि कंज्यूमर्स का लाइट बिल भी कम होगा।
राष्ट्रीय गणित दिवस: 22 दिसम्बर
- प्रत्येक वर्ष 22 दिसंबर के दिन भारत के महान गणितज्ञ श्रीनिवास अयंगर रामानुजन के जन्म दिवस को पूरे देश में राष्ट्रीय गणित दिवस (National Mathematics Day) के रूप में मनाया जाता है।
- इस दिवस का अवलोकन सबसे पहले 26 फरवरी, 2012 को पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह द्वारा किया गया था। यह घोषणा रामानुजन की 125 वीं जयंती के अवसर पर मद्रास विश्वविद्यालय में की गयी थी।
माजुली द्वीप के संरक्षण और विकास के लिए केंद्र सरकार ने 207 करोड़ रुपये जारी किये
- पूर्वोत्तर क्षेत्र के विकास राज्य मंत्री डॉ जितेन्द्र सिंह ने असम में ब्रम्हापुत्र नदी के साथ स्थित विश्व विरासत द्वीप माजुली के संरक्षण और विकास के लिए 207 करोड़ रुपये उपलब्ध कराने की घोषणा की है।
- दुनिया का सबसे बड़ा नदी द्वीप, माजुली द्वीप, 340 मील के क्षेत्र में है। लगभग 1 लाख 60 हजार लोग इस द्वीप पर रहते हैं और यह पूर्वोत्तर का प्रमुख पर्यटन स्थल है। यह द्वीप नव-वैष्णव संस्कृति का एक प्रमुख केंद्र भी है जिसकी शुरुआत श्रीमंत शंकरदेव ने की थी।
राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग पोस्को ई-बॉक्स के लिए पुरस्कार से सम्मानित
- महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के अंतर्गत राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) को पोस्को ई-बॉक्स के लिए स्काच सिल्वर और स्काच आर्डर ऑफ मैरिट पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। यह पुरस्कार पिछले सप्ताह नई दिल्ली में आयोजित कार्यक्रम में इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय में अपर सचिव अजय कुमार ने एनसीपीसीआर की अध्यक्ष स्तुति कक्कड़ को प्रदान किया।
- कार्यक्रम में टेक्नॉलोजी कंपनियों, सरकारी विभागों, सार्वजनिक क्षेत्रों के उपक्रमों और अनुसंधान संगठनों ने भाग लिया। एनसीपीसीआर को यह पुरस्कार बाल यौन शोषण की शिकायत पंजीकृत करने के लिए इलेक्ट्रानिक ड्राप बॉक्स पोस्को ई-बॉक्स विकसित करने में प्रौद्योगिकी के उपयोग करने हेतु प्रदान किया गया है।
गर्व 2 मोबाइल एप्प और नागरिकों को जोडऩे वाली खिड़की ‘संवाद’ शुरू
- गांवों के विद्युतीकरण के बाद हर घर बिजली पहुँचाने के सपने को साकार करने के लिए ऊर्जा मंत्रालय ने 20 दिसम्बर 2016 को गर्व 2 मोबाइल एप्प लांच की। इससे पहले 2015 में देश के हर गांव को बिजली से जोड़ने के लिए गर्व एप्प लांच की गई थी।
- इस तरह की डिजिटल पहल से सरकार रियल टाइम में विद्युतीकरण की प्रक्रिया पर पारदर्शी तरीके से नज़र रख सकती है। केद्रीय ऊर्जा मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि देश के हर घर में बिजली पहुंचे और हर बच्चा रोशनी के अभाव में पढ़ने से न चूक जाये, इसकी हम सबकी जिम्मेदारी बनती है।
- जीएसआरवी-दो में नागरिकों को जोडऩे वाली व्यवस्था ‘संवाद’ होगा जिसका मकसद उनकी भागीदारी को बढ़ाना है। वे अपनी राय और सुझाव देकर कार्यक्रम में अपना योगदान दे सकते हैं। उनके सुझाव सीधे एसएमएस और ईमेल के जरिये डिसकॉम के प्रबंध निदेशकों तथा अधीक्षण अभियंता के डैशबोर्ड पर जाएगा।
केंद्र ने अंतरराज्यीय नदी जल विवादों के निपटारे के लिए एक स्थायी न्यायाधिकरण गठित करने का फैसला :
- केंद्र ने सभी अंतरराज्यीय नदी जल विवादों के निपटारे के लिए सभी न्यायाधिकरणों को मिलाकर एक स्थायी न्यायाधिकरण गठित करने का फैसला किया है। इसका उद्देश्य तेज रफ्तार से राज्यों के बीच होने वाले विवादों का निपटारा करना है।
- सरकार ने जरूरत पड़ने पर विवादों पर गौर करने के लिए अंतरराज्यीय जल विवाद अधिनियम 1956 में संशोधन कर पीठ स्थापित करने का प्रस्ताव भी दिया है। अधिनियम में संशोधन को मंजूरी का फैसला इस हफ्ते हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में किया गया। संशोधन को संसद के अगले सत्र में पेश किए जाने की संभावना है।
- जल संसाधन मंत्रालय के सचिव शशि शेखर ने कहा कि केवल एक स्थायी न्यायाधिकरण होगा, जिसके प्रमुख सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज होंगे। जरूरत पड़ने पर पीठें गठित की जाएंगी। विवाद सुलझने पर वह पीठ अस्तित्व में नहीं रहेगी। शेखर ने कहा कि जल न्यायाधिकरणों ने विवादों में अंतिम फैसला सुनाने के लिए काफी समय लिया, जबकि प्रस्तावित न्यायाधिकरण के 3 साल में अपना फैसला सुनाने की संभावना है।
‘भारतीय कौशल संस्थान’
- युवकों को अधिक रोजगार पाने योग्य एवं स्वनिर्भर बनने के लिए उन्हें अधिकार संपन्न बनाने के द्वारा भारत को विश्व की कौशल राजधानी बनाने के अपने विजन के अनुरूप प्रधानमंत्री ने उत्तर प्रदेश के कानपुर में देश के अब तक पहले ‘भारतीय कौशल संस्थान’ की आधारशिला रखी। इस संस्थान की संकल्पना नरेन्द्र मोदी द्वारा सिंगापुर के इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्निकल एजुकेशन की यात्रा के दौरान की गई थी।
- >केंद्रीय कौशल विकास एवं उद्यमशीलता मंत्रालय ने सिंगापुर के इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्निकल एजुकेशन की साझेदारी में देश में अपनी तरह के ऐसे पहले संस्थान की स्थापना करने का फैसला किया है। यह संस्थान प्रशिक्षण के सिंगापुर मॉडल से प्रेरित है और यह देश के विभिन्न सर्वश्रेष्ठ प्रचलनों को अंगीकार करेगा। मंत्रालय ने ऐसे 6 संस्थान खोलने का निर्णय किया है।
भारत विश्व में सबसे अधिक पवन ऊर्जा पैदा करने वाले देशों में चौथे स्थान पर:
- 28,279 मेगावाट की संचयी स्थापित पवन ऊर्जा उत्पादन क्षमता के साथ भारत, दुनिया में चीन, अमरीका और जर्मनी के बाद चौथा सबसे बड़ा पवन ऊर्जा उत्पादक देश बनकर उभरा है।
- भारत ने 2015-16 में 3,423 मेगावाट की विशालतम पवन ऊर्जा क्षमता वृद्धि हासिल की है। 2016-17 के दौरान 1,502 मेगावाट क्षमता 31 अक्टूबर 2016 तक जुड़ चुकी थी जिसने कि संचयी ऊर्जा को 28,279 मेगावाट बना दिया।
राजीव जैन खुफिया ब्यूरो के निदेशक के रूप में नियुक्त:
- झारखंड कैडर के आईपीएस अधिकारी राजीव जैन को खुफिया ब्यूरो (आईबी) के नए प्रमुख के रूप में नियुक्त किया गया।
- जैन, जो वर्तमान में आईबी में विशेष निदेशक के रूप में उपस्थित है, 31 दिसंबर 2016 को दिनेश्वर शर्मा के दो वर्ष के कार्यकाल के पूरा होने के बाद 1 जनवरी, 2017 से पदभार संभालेंगे।
एके धस्माना रॉ के चीफ नियुक्त:
- अनिल धस्माना बाह्य खुफिया एजेंसी रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (रॉ) के नए प्रमुख होंगे। इनका कार्यकाल दो वर्ष का होगा।
- वह इस साल राजिंदर खन्ना, के कार्यकाल के सफलतापुर्वक समापन के बाद,अनिल धस्माना पदभार संभालेंगे।
लेफ्टिनेंट जनरल बिपिन रावत अगले सेना प्रमुख, बी.एस धनोआ भारतीय वायुसेना के प्रमुख नियुक्त
- आर्मी स्टाफ के वाइस चीफ लेफ्टिनेंट जनरल बिपिन रावत आर्मी स्टाफ के नए प्रमुख बनेंगे,जबकि एयर मार्शल बी एस धनोआ, एयर स्टाफ के अगले चीफ होंगे।
- वे दोनों इस दिसम्बर महीने की 31 तारीख की दोपहर से पद संभालेंगे।
- लेफ्टिनेंट जनरल रावत जनरल दलबीर सिंह का स्थान लेंगे। लेफ्टिनेंट जनरल के पास पिछले तीन दशकों से युद्ध क्षेत्रों में और भारतीय सेना में विभिन्न कार्यात्मक स्तरों पर सेवा करने का अनुभव है, उन्होंने पाकिस्तान के साथ LoC, चीन के साथ LAC, और उत्तर-पूर्व सहित, कई क्षेत्रों में विभिन्न परिचालन जिम्मेदारियों को संभाला है।
- एयर मार्शल धनोआ, जो एयर स्टाफ एयर चीफ मार्शल अरूप राहा का स्थान लेंगे, जून 1978 में वायु सेना के लड़ाकू धारा में साधिकारकिया गया था। उन्होंने विभिन्न स्क्वाड्रनों में वायुसेना मुख्यालय के खुफिया निदेशालय में भी सेवा की है।
थाल फावांग कुत त्यौहार मिजोरम में शुरू
- पर्यटन विभाग, मिजोरम सरकार द्वारा आयोजित थाल फावांग कुत त्यौहार उत्साह और जोश के साथ मिजोरम राज्य की राजधानी आइजोल में शुरू किया गया है। यह फसल कटाई के बाद का त्योहार है, जो धान की कटाई के बाद मनाया जाता है।
- यह सर्वशक्तिमान का शुक्रिया अदा करने के साथ ही राज्य में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए हर साल मनाया जाता है।
ब्रिटेन में थ्री पैरेंट बेबीज पहल की मंजूरी
- ब्रिटेन के प्रजनन नियामक प्राधिकरण ने ऐतिहासिक फैसले में एक विवादित तकनीक को मंजूरी दे दी है, जिसके बाद अगले वर्ष से देश में ‘तीन माता-पिता’ वाले बच्चे पैदा हो सकेंगे। प्रजनन नियामक ‘ह्यूमन फर्टिलाइजेशन ऐंड एम्ब्रायोलॉजी अथॉरिटी’ (HFEA) ने तीन लोगों के आईवीएफ को मंजूरी दे दी है।
- इस तकनीक के माध्यम से बच्चे में जानलेवा अनुवांशिक बीमारियों को आने से रोका जा सकेगा। दो महिलाओं और एक पुरुष से बने ऐसे पहले बच्चा अगले वर्ष इन्हीं दिनों जन्म लेगा। इस तकनीक का प्रयोग कर जन्म लेने वाले बच्चों में अपने माता-पिता के जीन के अलावा तीसरी मां के डीएनए का कुछ हिस्सा होगा। HFEA अध्यक्ष सैली चेशर ने कहा, ‘यह ऐतिहासिक महत्व का फैसला है।
- नियमों के अनुसार, इस दुर्लभ प्रक्रिया को अपनाने से पहले प्रत्येक क्लिनिक और प्रत्येक मरीज को प्राधिकरण से अनुमति लेनी होगी। क्लिनिक अब ‘तीन व्यक्ति आईवीएफ’ के विस्तृत प्रयोग के लिए लाइसेंस प्राप्ति के लिए HFEA में आवेदन कर सकते हैं।
Thomasdreni Feb 20, 2017
No matter how happy people may be with their life, stress may find its way in. Sometimes stress is so hard to control because people do not know how to go about fixing their stresses. In the following article, you are going to be given advice to help you deal with life's stresses.
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