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भारत की पहली 2 जी एथेनॉल बायो रिफाइनरी का शिलान्यास
- भारत की पहली 2 जी एथेनॉल बायो रिफाइनरी का 25 दिसम्बर 2016 को बठिंडा में शिलान्यास किया गया |
- इस एथेनॉल बायो रिफाइनरी की अनुमानित लागत 600 करोड़ रुपए बताई जा रही है |इस परियोजना की स्थापना हिंदुस्तान पेट्रोलियम कारपोरेशन लिमिटेड द्वारा की गई है |
मुख्य बिंदु
- इस सार्वजनिक उपक्रम से मालवा क्षेत्र के २० लाख किसानों को लाभ होगा |
- बठिंडा में प्रत्येक वर्ष तीन लाख किसान पराली बेचकर 20 करोड़ से अधिक की कमाई करेंगे जबकि पुरे मालवा में 300 करोड़ रुपए का लाभ किसानों को मिल सकेगा |
- इससे पर्यावरण को भी लाभ होगा क्योंकि लोगों को धन की फसल के बाद पराली जलने से होने वाले धुंए के प्रदूषण से रहत मिलेगी |
- सार्वजनिक क्षेत्र की तेल कंपनियों तथा भारत सरकार की और से देश भर में इस प्रकार की 12 एथनॉल रिफाइनरी 11 राज्यों में स्थापित की जाएगी |
- पंजाब , हरियाणा , उत्तर प्रदेश , मध्य प्रदेश , बिहार , असम,ओडिशा,गुजरात ,महाराष्ट्र , कर्नाटक में 12 जैव रिफाइनरियों के लिए अनुमानित निवेश 10000 करोड़ रुपए निर्धारित किया गया है |
- पेट्रोल में मिलाने के लिए 10 प्रतिशत एथेनॉल इस रिफाइनरी में तैयार किया जाएगा |
प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना (पीएमयूवाई) के तहत केंद्र सरकार ने चालू वित्त वर्ष के लिए तय 1.5 करोड़ एलपीजी कनेक्शनों का लक्ष्य प्राप्त किया:
प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना (पीएमयूवाई) के तहत चालू वित्त वर्ष के लिए तय 1.5 करोड़ एलपीजी कनेक्शनों का लक्ष्य 8 माह से भी कम अवधि के भीतर ही हासिल कर लिया गया है और यह योजना अब 35 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में क्रियान्वित की जा रही है।
मुख्य बिंदु
- प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना (पीएमयूवाई) के तहत चालू वित्त वर्ष के लिए तय 1.5 करोड़ एलपीजी कनेक्शनों का लक्ष्य 8 माह से भी कम अवधि के भीतर ही हासिल कर लिया गया है।
- अधिकतम कनेक्शनों वाले शीर्ष 5 राज्य ये हैं: उत्तर प्रदेश (46 लाख), पश्चिम बंगाल (19 लाख), बिहार (19 लाख), मध्य प्रदेश (17 लाख) और राजस्थान (14 लाख)। अब तक जारी किये गये कुल कनेक्शनों में लगभग 75 फीसदी हिस्सा इन्हीं पांचों राज्यों का है।
- लाभार्थियों में बड़ी संख्या एससी/एसटी परिवारों की ही है। 35 फीसदी कनेक्शन इन्हीं परिवारों को जारी किये जा रहे हैं।
- इस योजना के क्रियान्वयन के लिए प्राथमिकता वाले राज्यों के रूप में राष्ट्रीय औसत से कम एलपीजी कवरेज वाले 14 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों, जम्मू-कश्मीर, उत्तराखंड एवं हिमाचल प्रदेश के पहाड़ी राज्यों और सभी पूर्वोत्तर राज्यों की पहचान की गई है।
प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना (पीएमयूवाई)के बारे में
- “स्वच्छ ईंधन, बेहतर जीवन” के नारे के साथ केंद्र सरकार नें माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नेतृत्व के उत्तर प्रदेश के बलिया जिले में एक सामाजिक कल्याण योजना – “प्रधानमंत्री उज्जवला योजना” की शुरूआत की।
- यह योजना एक धुँआरहित ग्रामीण भारत की परिकल्पना करती है और वर्ष 2019 तक 5 करोड़ परिवारों, विशेषकर गरीबी रेखा से नीचे रह रही महिलाओं को रियायती एलपीजी कनेक्शन उपलब्ध कराने का लक्ष्य रखती है। योजना से एलपीजी के उपयोग में वृद्धि होगी और स्वास्थ्य संबंधी विकार, वायु प्रदूषण एवं वनों की कटाई को कम करने में मदद मिलेगी।
- पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय इस योजना का कार्यान्वयन कर रहा है। आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीईए) ने अगले 3 साल के लिए 8000 करोड़ रुपये की मंजूरी दी।
- प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना बीपीएल परिवारों के लिए 5 करोड़ एलपीजी कनेक्शन, 1600 रुपये की वित्तीय सहायता के साथ प्रदान करेगा। 2016 के बजट भाषण में योजना के बारे में घोषणा की गई और वर्तमान वित्तीय वर्ष में 2000 रुपये करोड़ का बजटीय प्रावधान किया गया। कनेक्शनों को महिला लाभार्थियों के नाम पर जारी किया जायेगा।
- चूल्हे एवं रिफिल की लागत के लिए ईएमआई की सुविधा भी प्रदान की जायेगी। यह प्रधानमंत्री के गिव इट अभियान के मानार्थ है जिसके तहत 75 लाख मध्यम वर्ग और निम्न मध्यम वर्ग के परिवारों नें स्वेच्छा से अपने रसोई गैस सब्सिडी को छोड़ दिया है।
केंद्र ने 99 चिन्हित परियोजनाओं को शीघ्र पूरा करने के लिए रोड मैप तैयार किया:
- केंद्र सरकार ने 29 दिसम्बर 2016 को एक्सेलेरेटेड इरिगेशन बेनेफ्ट्सि प्रोग्राम (एआईबीपी) और प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना (पीएमकेएसवाई) के तहत 99 सिंचाई परियोजनाओं के जल्द पूरा होने का खाका तैयार किया है।
- इन 99 परियोजनाओं में से अधिकतम 26 महाराष्ट्र में आठ आंध्र प्रदेश में और एक गुजरात में है।
- इन परियोजनाओं में केंद्र ने 2016-17 तक 23 परियोजनाओं को पूरा करने और 2017-18 तक 31 परियोजनाओं को पूरा करने का उद्देश्य रखा है। विज्ञप्ति के मुताबिक, बाकी 45 परियोजनाएं दिसंबर 2019 तक पूरी होंगी।
- राष्ट्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक (नबार्ड) ने इन परियोजनाओं के लिए 3,274 करोड़ रुपये जारी किए हैं, जिनमें 1,981 आंध्र प्रदेश, 830 करोड़ रुपये महाराष्ट्र और 463 करोड़ रुपये गुजरात के लिए आवंटित हैं।
- केंद्रीय मंत्रिमंडल ने जुलाई, 2015 में पूरे भारत में पीएमकेएसवाई के लिए पांच वर्षो की अवधि तक 50,000 करोड़ रुपये की राशि को मंजूरी दी है। आंध्र प्रदेश की सभी आठ परियोजनाओं को दूसरी श्रेणी में प्राथमिकता दी गई है, जिनमें गुजरात के सरदार सरोवर एकमात्र परियोजना है, जिसे तीसरी श्रेणी में जगह दी गई है। ये परियोजनाएं 2018 तक पूरी होंगी।
- इन सभी परियोजनाओं को पूरा करने के लिए 77,595 करोड़ रुपये की अनुमानित पूंजी की जरूरत है।
पंचाट तंत्र के संस्थानीकरण की समीक्षा करने के लिए उच्च स्तरीय समिति का गठन:
- भारत में न्याय वितरण प्रणाली विभिन्न अदालतों में विभिन्न कारणों की वजह से विशाल मात्रा में लंबित मामलों की वजह से अत्यधिक दवाब में आ गयी है।
- अन्याय, वाणिज्यिक विवादों में विशेष रूप से अधिक है, जहां मामले सालों से लंबित रहते हैं। तदनुसार, मध्यस्थता विवाद समाधान के लिए एक प्रभावी और कुशल विकल्प प्रदान करता है।
- सरकार ने देश को मध्यस्थता केंद्र बनाने के उद्देश्य से मौजूदा मध्यस्थता व्यवस्था को और बेहतर बनाने तथा उपलब्ध सुविधाओं, संसाधनों आदि की समीक्षा के लिए उच्चतम न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश न्यायमूर्ति बी.एन. श्रीकृष्णा की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय समिति का गठन किया है।
- विधि एवं न्याय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने 29 दिसम्बर 2016 को बताया कि समिति वर्तमान मध्यस्थता व्यवस्था की दक्षता की समीक्षा एवं विश्लेषण के साथ वैकल्पिक विवाद समाधान संस्थानों के पास मौजूद सुविधाओं, संसाधनों तथा वित्त की उपलब्धता की भी समीक्षा करेगी।
- मध्यस्थता मामलों के समाधान के लिए सरकार द्वारा वित्तीय सहायता प्राप्त संस्थानों के काम की समीक्षा भी समिति के दायरे में होगी। यह समिति 90 दिनों के अंदर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी।
वाम उग्रवाद से प्रभावित जिलों में सड़क विकास परियोजना को मंत्रिमंडल की मंजूरी:
- केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने वामपंथी उग्रवाद से जुड़ी 90 प्रतिशत हिंसा से प्रभावित 35 जिलों और उनके आसपास के 9 जिलों में केन्द्र प्रायोजित सड़क विकास एवं निर्माण परियोजना को मंजूरी दे दी है। परियोजना के लिए सड़कों का चुनाव राज्यों और सुरक्षा एजेंसियों से विचार विमर्श कर किया गया है।
- प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत शुरु की जाने वाली इस परियोजना का उद्देश्य वामपंथी उग्रवाद से प्रभावित 44 जिलों और आसपास के क्षेत्रों में आवश्यक पुलिया और जल निकासी की व्यवस्था के साथ संपर्क स्थापित करना है।
- योजना के तहत बनाई जाने वाली सड़के सभी मौसम में चालू रहेंगी। योजना के अंतर्गत पांच हज़ार चार सौ ग्यारह किलोमीटर से अधिक लम्बाई की सड़क और 126 सेतुओं के साथ जलनिकासी के निर्माण या मरम्मत का काम भी पूरा किया जाएगा।
- योजना के तहत धनराशी का बंटवारा केंद्र और राज्यों के बीच प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत 60 और 40 के अनुपात में किया जाएगा। इसमें 8 पूर्वोत्तर और 3 हिमालयी राज्य शामिल नहीं होंगे।
- 2016-17 से 2019-20 तक वित्त मंत्रालय ग्रामीण विकास मंत्रालय को 7 हज़ार 34 करोड़ 72 हज़ार रुपए का आवंटन करेगा। ग्रमीण विकास मंत्रालय इस योजना को प्रायोजित करने के साथ इसका कार्यान्वयन भी करेगा।
केन-बेतवा प्रॉजेक्ट को वाइल्डलाइफ बोर्ड की मंजूरी:
केंद्रीय जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण मंत्री उमा भारती ने 26 दिसम्बर 2016 को घोषणा की कि केन बेतवा नदी जोड़ो परियोजना को वन्य जीव बोर्ड की मंजूरी मिलने के साथ ही इसके मार्ग में अंतिम अड़चन खत्म हो गई। उमा ने कहा, इसके वित्तीय प्रबंधन को अंतिम रूप देने के बाद इसका औपचारिक निर्माण कार्य शुरू होगा।
केन बेतवा नदी जोडो परियोजना इस लिहाज से महत्वपूर्ण है कि अगर यह प्रयोग सफल रहा तो देश की विभिन्न नदियों को आपस में जोड़ने की 30 योजनाओं का सपना आंख खोलने लगेगा।
केन-बेतवा नदी जोड़ परियोजना से लाभ:
- केन-बेतवा नदी जोड़ परियोजना पूरी होने के बाद मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश को मिलाकर 6.35 लाख हेक्टेयर भूमि सिंचित होगी। विद्युत, मछलीपालन, पर्यटन को बढ़ावा मिलने के साथ ही अच्छी बारिश के बाद केन नदी में आने वाली बाढ़ को भी रोका जा सकेगा। वन जीव बोर्ड की मंजूरी मिल गई है। अब आठ महीने के भीतर काम शुरू हो सकता है।
- परियोजना से सबसे ज्यादा लाभ मध्य प्रदेश को होगा। मध्य प्रदेश के 3,69,950 हेक्टेयर और उत्तर प्रदेश के 2,65,700 हेक्टेयर भूमि को सींचा जा सकेगा।
- केन-बेतवा नदी को बरुआसागर में जोड़ा जाएगा। यह परियोजना पन्ना, छतरपुर, टीकमगढ़, ललितपुर, झांसी क्षेत्र से होते हुए गुजरेगी।
गौरतलब है कि अच्छी बारिश न होने से बरुआसागर में झील का पानी नहीं भर पाता है। ऐसे में झरना भी नहीं चल पाता। इससे पर्यटकों का भी रुझान इस ओर कम हो रहा है। वहीं, केन नदी में पानी की अधिकता से बांदा में अकसर बाढ़ की स्थिति बन जाती है। ऐसे में केन-बेतवा नदी के गठजोड़ से एक तरफ बाढ़ को रोका जा सकेगा, दूसरी तरफ सूखे की स्थिति से निपटने में मदद मिलेगी। वहीं, पर्यटकों को लुभाने में भी मदद मिलेगी।
- केन-बेतवा नदी जोड़ परियोजना सफल होती है, तो चार अन्य परियोजनाओं के भी शुरू होने की संभावना है। सूत्रों के मुताबिक इस परियोजना पर कोसी-घाघरा, घाघरा-यमुना, शारदा-यमुना, गंडक-गंगा नदी गठजोड़ की निगाह टिकी हुई है। केन-बेतवा नदी जोड़ परियोजना को लेकर होने वाली बैठकों में भविष्य में नदियों को जोड़ने की योजना में इन नदियों पर चर्चा हुई है।
विश्व बैंक ने बिहार की ग्रामीण सड़क परियोजनाओं के लिए 235 मिलियन अमेरिकी डॉलर के ऋण को मंजूरी दी:
विश्व बैंक ने बिहार ग्रामीण सड़क परियोजना के लिए 235 मिलियन अमेरिकी डॉलर के ऋण को मंजूरी दी है। यह ऋण राज्य के ग्रामीण सड़क नेटवर्क के प्रबंधन में सुधार करने के लिए और प्रभावी ढंग से आगे बढ़ाने के लिए दिया गया है।
मुख्य बिंदु
- परियोजना में मुख्यमंत्री ग्राम संपर्क योजना (एमएमजीएसवाई) के तहत लगभग 2500 किमी की सड़कों का निर्माण कराया जाएगा। सड़कों का निर्माण लागत प्रभावी डिजाइन का उपयोग कर किया जाएगा और सड़क सुरक्षा सुनिश्चित करना इसका प्रमुख उद्देश्य होगा। परियोजना में समय का बचाव करने के लिए बेहतर अनुबंध प्रबंधन के तरीकों का सुझाव भी दिया जाएगा और लागत में भी कमी जायेगी।
- यह ऋण ग्रामीण निर्माण विभाग (RWD) को एक आधुनिक और उच्च प्रदर्शन वाली सड़क एजेंसी में बदल देगा। यह परियोजना लगभग 12 लाख लोगों को हर मौसम में सड़क तक पहुँच प्रदान करेगा, जिनमें से ज्यादातर समाज के गरीब और कमजोर वर्गों के हैं। बिहार सरकार ने अपनी शीर्ष सात प्राथमिकताओं में “प्रत्येक बस्ती के लिए सड़क संपर्क” को भी रखा है।
- इसके अलावा, इस परियोजना का लक्ष्य शहर की राजधानी पटना से राज्य के सभी भागों की दूरी को पांच घंटों में तय करना है। यह क्रेडिट इंटरनेशनल डेवलपमेंट एसोसिएशन (आईडीए) की ओर से दिया जाएगा।
- मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना में होनेवाला खर्च का इंतजाम राज्य को खुद करना पड़ता है। ग्रामीण कार्य विभाग ने अपना विजन 2020 तैयार किया है। इस विजन का मकसद है कि राज्य के सभी बसावटों को बारहमासी सड़क से जोड़ दिया जाये।
- विश्व बैंक के सहयोग से इस साल एमएमजीएसवाइ में 2500 किलोमीटर सड़क बनना है। इसमें कम से कम दस फीसदी सड़क पीसीसी की जगह सेलफिल्ड तकनीक से बनेगा। अभी एक किलोमीटर सड़क के निर्माण पर 70 से 80 लाख का खर्च आता है।
सेलफिल्ड तकनीक:
- सेलफिल्ड तकनीक में मधुमक्खी के छत्ते की तरह एक जाली होता है। इसी जाली में कंक्रीट को जमाया जाता है। विभागीय इंजीनियरों के अनुसार यह तकनीक कम खर्चीली होती है. यह पर्यावरण के भी अनुकूल है।
- इसमें पत्थर का भी कम प्रयोग होता है. जानकार बताते हैं कि जिस तरह पत्थरों की कमी हो रही एेसे में सड़कों के निर्माण में नयी तकनीक लानी होगी। विभागीय अधिकारी के अनुसार अगर यह प्रयोग सफल रहा तो आनेवाले समय में विभाग पीसीसी की जगह से सेलफिल्ड तकनीक से सड़क बनायेगा। सड़क निर्माण में पॉलीमार का भी प्रयोग होगा।
देश की 95 करोड़ अबादी अब भी इंटरनेट से दूर
- डाटा प्लान और स्मार्टफोन की लगातार घटती कीमतों के बावजूद देश की 73 फीसदी आबादी यानी करीब 95 करोड़ लोग अभी भी इंटरनेट की सुविधा से दूर हैं। उद्योग संगठन एसोचैम और बाजार अध्ययन एवं सलाहकार कंपनी डेलॉएट के एक संयुक्त अध्ययन में यह बात सामने आई है।
- एसोचैम ने ‘स्ट्रैटजिक नेशनल मेजर्स की कॉम्बैट साइबर क्राइम’ नामक रिपोर्ट जारी करते हुए बताया कि देश में इंटरनेट का दायरा बढ़ता जा रहा है तथा डिजिटल साक्षरता के विस्तार के लिए किफायती कीमत पर ब्रॉडबैंड, स्मार्टफोन तथा मासिक डाटा की उपलब्धता जरूरी है।
- रिपोर्ट के अनुसार, अभी देश में 34 करोड़ 30 लाख लोग इंटरनेट सुविधाओं का इस्तेमाल करते हैं जिसके वर्ष 2020 तक बढ़कर 60 करोड़ पर पहुंचने की उम्मीद है। इंटरनेट तक लोगों की पहुंच के मामले में भारत वैश्विक औसत से भी काफी पीछे हैं।
- रिपोर्ट के मुताबिक, सुदूर गांवों में डिजिटल सेवाएं देने के लिए सरकार को इंफ्रास्ट्रक्चर बढ़ाना चाहिए। स्कूलों, कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में प्रशिक्षण, वैश्विक प्रौद्योगिकी कंपनियों के साथ साझेदारी और प्रशिक्षण के काम में ‘कौशल भारत योजना’ के तहत प्रशिक्षित लोगों की मदद के जरिये डिजिटल साक्षरता बढ़ाई जा सकती है।
- इसमें कहा गया है कि ‘कौशल भारत’ और ‘डिजिटल भारत’ के बीच तालमेल बिठाकर कार्यक्रम बनाने तथा प्रशिक्षण देने की जरूरत है। एसोचैम ने कहा है कि सरकार को लोगों को प्रौद्योगिकी के फायदों को समझाना चाहिए। साथ ही यह भी बताना चाहिए कि इससे समाज के कमजोर वर्ग का जीवन स्तर किस प्रकार ऊंचा उठाया जा सकेगा।
- अध्ययन के अनुसार, “अधिकतर दूरसंचार कंपनियां अब तक ग्रामीण इलाकों में तेज गति की इंटरनेट सेवा प्रदान करने के लिए निवेश नहीं कर रही हैं। इसी तरह सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम दर्जे के उद्योगों (एमएसएमई) को सरकार की योजनाओं के बारे में पता ही नहीं है।”
अमरावती महास्तूप पुनर्जीवित किया जाएगा:
- देश के सबसे बड़े स्तूपों में से एक अमरावती महा स्तूप अमरावती महास्तूप को पुनरुद्धार किया जाएगा। हालांकि बौद्ध स्मारक अच्छी तरह से भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) द्वारा संरक्षित है, लेकिन गंदगी, खुले सीवेज, सूअर और घरेलू कूड़े उसके आसपास के क्षेत्रों में होना लाजिमी है। इसलिए इसके अत्यधिक संरक्षण की आवश्यकता है।
- एएसआई, पीआरएएसएडी (तीर्थयात्रा कायाकल्प और आध्यात्मिक विस्तार राष्ट्रीय अभियान) के अंतर्गत केंद्र द्वारा दिए गए फण्ड से स्तूप के बाहर परिवेश को साफ करने के लिए एक विस्तृत योजना बनाएगा।
- अमरावती आन्ध्र प्रदेश के गुंटूर ज़िले में कृष्णा नदी के दाहिने तट पर स्थित एक प्राचीन नगर है यह नगर सातवाहन राजाओं के शासनकाल में हिन्दू और बौद्ध संस्कृति का केन्द्र था। आंध्रवंशीय सातवाहन नरेश शातकर्णी ने लगभग 180 ई.पू. अमरावती को अपनी राजधानी बनाया। सातवाहन नरेश ब्राह्मण होते हुए भी महायान मत के पोषक थे।
- उन्हीं के शासनकाल में अमरावती का प्रसिद्ध बौद्ध स्तूप बना, जो तेरहवीं शताब्दी तक बौद्ध यात्रियों के आकर्षण का केन्द्र बना रहा।अमरावती स्थित महान बौद्ध स्तूप या महाचैत्य आंध्र प्रदेश का सबसे बड़ा स्तूप था जिसका व्यास संभवत: 50 मीटर और ऊंचाई 27 मीटर थी।
मोबाइल भुगतान एप्लिकेशन भीम की शुरूआत
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 30 दिसंबर 2016 को आधार आधारित मोबाइल पेमेंट ऐप भीम (भारत इंटरफेस फॉर मनी) जारी किया। भीम सरकार के पुराने यूपीआई (यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस) और यूएसएसडी (अस्ट्रक्चर्ड सप्लीमेंट्री सर्विस डाटा) का ही नवीनीकृत रूप है। प्रधानमंत्री ने बताया है कि भीम ऐप बिना इंटरनेट के भी काम करेगा।
- प्रधानमंत्री ने दिल्ली स्थित ताकटोरा स्टेडियम में डिजी धन मेला कार्यक्रम के दौरान ये घोषणा की। पीएम ने लकी ग्राहक योजना के विजेताओं के नाम की भी घोषणा की। भीम ऐप के उद्घाटन पीएम मोदी ने खादी ग्रामोद्योग से खरीदारी करके की। भीम ऐप को एंड्रॉयड ऐप स्टोर से डाउनलोड किया जा सकता है। माना जा रहा है कि ये ऐप प्लास्टिक कार्ड और पीओएस (प्वाइंट ऑफ सेल) मशीन की जगह ले सकेगा और नकद-मुक्त अर्थव्यवस्था के निर्माण में योगदान दे सकेगा।
भीम ऐप कैसे करेगा काम-
कारोबारियों को भीम ऐप अपने स्मार्टफोन पर डाउनलोड करना होगा। ये ऐप एक बॉयोमेट्रिक रीडर से जुड़ा होगा जिसकी कीमत बाजार में 2000 रुपये है। ग्राहक ऐप में अपना आधार नंबर और बैंक का नाम डालेंगे। उसके बाद बॉयोमेट्रिक स्कैन का पासवर्ड के रूप में इस्तेमाल करके उपभोक्ता भुगतान कर सकेंगे। करीब 40 करोड़ आधार कार्ड को बैंक खातों से जोड़ा जा चुका है। सरकार ने मार्च 2017 तक सभी आधार कार्ड को बैंक खातों से जोड़ने का लक्ष्य रखा है।
अनिल बैजल दिल्ली के उपराज्यपाल नियुक्त:
- नजीब जंग के अचानक पद से इस्तीफा देने के बाद केंद्र सरकार ने अनिल बैजल को दिल्ली का उपराज्यपाल नियुक्त किया है। 1969 बैच के आईएएस रहे बैजल 2006 में शहरी विकास मंत्रालय के सचिव पद से रिटायर हुए थे। बैजल विवेकानंद इंटरनेशनल फाउंडेशन के कार्यकारिणी समिति के सदस्य रह चुके हैं।
- बैजल रिटायरमेंट से पहले गृह सचिव, इंडियन एयरलाइंस के सीएमडी, प्रसार भारती के सीईओ और दिल्ली विकास प्राधिकारण यानी डीडीए के उपाध्यक्ष भी रह चुके हैं। डीडीए का अध्यक्ष एलजी ही होते हैं जिस पद पर उनकी नियुक्ति की चर्चा है।
- बैजल यूपीए सरकार के दौरान जवाहर लाल नेहरू राष्ट्रीय शहरी नवीनीकरण मिशन से जुड़े रहे हैं। वो विवेकानंद इंटरनेशनल फाउंडेशन में एक्जिक्यूटिव कौंसिल के सदस्य भी रह चुके हैं।
बिहार में न्यायिक आरक्षण
- बिहार कैबिनेट ने बिहार में सभी स्तर की न्यायिक सेवाओं में 50 प्रतिशत पदों को अत्यंत पिछड़ा वर्ग, पिछड़ा वर्ग, अनुसूचित जाति व जनजाति वर्ग के लोगों के लिए आरक्षित कर दिया।
- बिहार न्यायिक सेवा में आरक्षण के नए प्रावधानों के तहत बिहार उच्च न्यायिक सेवा और बिहार असैनिक सेवा में होने वाली सभी नियुक्तियों में 50 प्रतिशत आरक्षण लागू होगा।
- मंत्रिमंडल की बैठक मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में किया गया।
- अब तक बिहार न्यायिक सेवा में कुल 27 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान था। जिसे अब बढ़ाकर 50 प्रतिशत कर दिया गया है। इसमें अत्यंत पिछड़ा वर्ग के लिए 21, पिछडा वर्ग के लिए 12, अनुसूचित जाति के लिए 16 तथा अनुसूचित जनजाति के लिए एक प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान किया गया है।
- इसमें सामान्य श्रेणी के अलावा सभी श्रेणियों में 35 प्रतिशत पद महिलाओं के लिए तथा एक प्रतिशत पद अस्थि दिव्यांग अभ्यर्थियों के लिए आरक्षित होंगे। महिलाओं व दिव्यांगों को मिलने वाला आरक्षण सभी श्रेणी के कुल आरक्षित पदों में से 35 फीसद होगा।
नोटबंदी पर अध्यादेश को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मंजूरी प्रदान की:
- 28 दिसंबर 2016 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय कैबिनेट ने 500 और 1000 रुपये के पुराने नोट रखने पर दंड दिए जाने के अध्यादेश को मंजूरी प्रदान की।
- इस अध्यादेश द्वारा 500 रुपये और 1000 रुपये के पुराने नोटों के प्रति सरकार और भारतीय रिज़र्व बैंक का दायित्व समाप्त हो जायेगा। कैबिनेट की बैठक में राष्ट्रपति से एक अध्यादेश जारी करने की सिफारिश की गयी जिससे कि पुराने नोट पर आरबीआई के दायित्व को समाप्त किया जा सके।
अध्यादेश के प्रमुख तथ्य:
- किसी व्यक्ति के पास 500, 1000 रुपये के 10 से अधिक नोट पाए जाने पर सज़ा संभव होगी। पुराने नोट पाए जाने पर जेल का प्रावधान साफ़ नहीं किया गया लेकिन जब्त की गयी रकम का पांच गुना जुर्माना भी लगाया जा सकता है।
- यह सज़ा 31 मार्च 2017 के बाद से पाए जाने वाले नोटों पर लागू होगी। तय सीमा से अधिक नोट रखना आपराधिक मामलों की श्रेणी में माना जायेगा तथा स्थानीय न्यायधीश के पास इस पर कार्रवाई का अधिकार होगा।
स्वच्छ स्वस्थ सर्वत्र कार्यक्रम शुरू:
- पेयजल एवं स्वच्छता और मानव संसाधन विकास मंत्रालय के सहयोग से केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय 29 दिसम्बर 2016 से ‘स्वच्छ स्वस्थ सर्वत्र’ की शुरुआत की है। इस पहल का उद्देश्य देशभर में खुले में शौच मुक्त खंडों में स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों को मजबूती प्रदान करना है।
- स्वच्छ स्वस्थ सर्वत्र का उद्देश्य देशभर के खुले में शौच मुक्त 708 खंडों में स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों को मजबूती प्रदान करना है ताकि उन्हें कायाकल्प मानकों को पूरा करने के लिए उच्च स्तर की साफ सफाई एवं स्वच्छता हासिल करने में सक्षम बनाया जा सके।
- इसी तरह से उद्देश्य उन ग्राम पंचायतों को खुले में शौच मुक्त बनाना है जहां कायाकल्प पुरस्कृत प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र स्थित हैं।
- पहल के तहत खुले में शौच मुक्त खंडों में स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों को 10 लाख रुपए की वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी ताकि उन्हें मजबूती प्रदान करके साफ सफाई, स्वच्छता और संक्रमण नियंत्रण के मानक को पूरा करने में सक्षम बनाया जा सके।
आईएसए फ्रेमवर्क समझौते को केंद्रीय मंत्रिमंडल की मंजूरी:
सरकार ने अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन (आईएसए) के फ्रेमवर्क समझौते को 28 दिसम्बर 2016 को पूर्व प्रभाव से मंजूरी दे दी।
पृष्ठभूमि
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में दुनिया के 121 देश ने पिछले साल 30 नवंबर को पेरिस में संयुक्त राष्ट्र के तत्वावधान में आयोजित 21वें जलवायु परिवर्तन सम्मेलन में आईएसए का गठन किया था तथा इस समझौते पर सहमत हुए थे।
- इस साल नवंबर में मोरक्को के मराकेश में हुए 22वें जलवायु परिवर्तन सम्मेलन में इस समझौते को हस्ताक्षर के लिए पेश किया गया। मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में पूर्व प्रभाव से इस पर हस्ताक्षर करने की अनुमति दे दी गयी। अब तक 25 देश फ्रेमवर्क समझौते पर हस्ताक्षर कर चुके हैं।
- आईएसए का उद्देश्य सौर ऊर्जा स्रोत संपन्न 121 देशों को इस क्षेत्र में सम्मिलित अनुसंधान, किफायती वित्त पोषण तथा सौर ऊर्जा उत्पादन बढ़ाने के लिए एक मंच पर लाना है। इसका मुख्यालय हरियाणा के गुड़गांव स्थित ग्वाल पहाड़ी में बनाया जा रहा है। इससे भारत जलवायु तथा नवीकरणीय ऊर्जा से जुड़े मुद्दों के मामले में दुनिया में शीर्ष पर जायेगा।
- उल्लेखनीय है कि सरकार ने वर्ष 2022 तक देश में सौर ऊर्जा क्षमता बढ़ाकर 100 गीगावाट करने का लक्ष्य रखा है। इसे हासिल करने के बाद वह दुनिया में सर्वाधिक सौर ऊर्जा क्षमता वाला देश बन जायेगा।
केन्द्र सरकार ने तिरूपुर रंगाई उद्योग के लिए 200 करोड़ रूपए मंजूर किए:
- भारत सरकार ने तिरूपुर रंगाई उद्योग के लिए 200 करोड़ रूपए की मंजूरी दी है। यह उद्योग देश में प्रथम शून्य तरलता निर्वहन (जेडएलडी) में भारी निवेश होने से गंभीर वित्तीय संकट के कारण बंद होने के कगार पर है।
- भारत सरकार ने तिरूपुर में रंगाई उद्योग की इस समस्या पर संज्ञान लिया और वस्त्र मंत्रालय की सिफारिश पर वित्त मंत्रालय ने सीईपी के प्रदर्शन के आधार पर अनुदान में परिवर्तित करने के लिए 18 सीईटीपी के लिए तमिलनाडु को ब्याज मुक्त ऋण के रूप में 200 करोड़ रूपए की मंजूरी दी है।
- इस कदम से सीईटीपी और 450 रंगाई इकाइयों को वित्तीय संकट से उबरने और 100 प्रतिशत क्षमता उपयोग को प्राप्त करते हुए परियोजना को पूर्ण करने में सहायता मिलेगी।
- तिरूपुर रंगाई उद्योग में 450 से ज्यादा रंगाई इकाइयों का कुल 1013 करोड़ रूपए की लागत से सीईटीपी समर्थ 18 जेडएलडी के रूप में सामूहिक रूप से गठन किया गया था। यह परियोजना एक वैश्विक मानक का रूप ले चुकी है और इसे पर्यावरणविदों और प्रसंस्करण उद्योग के लिए दुनियाभर से सराहा भी जा चुका है। हालाकि अपनी तरह की इस पहली परियोजना को तकनीकी चुनौतियों, लागत बढ़ने से बकाया ऋणों और अधूरी परियोजनाओं ने वित्तीय संकट में डाल दिया।
- तिरूपुर वस्त्र प्रसंस्करण और बुनाई उद्योग का एक केन्द्र है जो पांच लाख से ज्यादा लोगों को रोजगार प्रदान करते हुए देश के वस्त्र निर्यात में 22 प्रतिशत का योगदान देता है।
आईवीआरएस प्लेटफॉर्म:
- कॉल ड्रॉप समस्या से निपटने के लिए सरकार ने एक इंटीग्रेटेड वॉयस रिस्पांस सिस्टम (आईवीआरएस) सिस्टम लॉन्च कर दिया है। यह दिल्ली और मुंबई समेत कई स्थानों पर लॉन्च किया गया है ताकि कॉल इक्विटी पर सब्सक्राइबर्स की सीधी प्रतिक्रिया प्राप्त की जा सके।
- लोगों की प्रतिक्रियाओं को सीधे आपरेटर्स तक पहुंचाया जाएगा ताकि समस्याग्रस्त क्षेत्रों में सुधारात्मक कदम उठाए जाएं और कॉल ड्रॉप के मुद्दे का समाधान किया जा सके। आधिकारिक रिलीज में बताया गया है कि आईवीआरएस प्रणाली को शीघ्र ही पूरे देश में लागू कर दिया जाएगा। सब्सक्राइबर्स को शॉर्ट कोड 1955 की ओर से एक आईवीआरएस कॉल प्राप्त होगा।
- उनसे यह पूछा जाएगा कि उन्हें उनके क्षेत्र में कॉल ड्रॉप की समस्या से जूझना पड़ रहा है कि नहीं। इसमे आगे कहा गया है कि सब्सक्राइबर्स शार्ट कोड 1955 पर टोल फ्री एसएमएस भी भेज सकते हैं, जिसमे वो उस शहर, कस्बे और गांव का भी जिक्र कर सकते हैं जहां उन्हें बार-बार कॉल ड्रॉप की समस्या का सामना करना पड़ रहा है।
- इस पहल पर टिप्पणी करते हुए संचार मंत्री मनोज सिन्हा ने कहा कि आईवीआरएस उपभोक्ताओं से सीधे प्रतिक्रिया प्राप्त करने के लिए एक मंच उपलब्ध करवाता है और जनता की इस आवाज के माध्यम से उस सर्विस में सुधार किया जा सकता है जो उन्हें उपलब्ध करवाई जा रही है।
नेदुमकयाम देश की पहली कैशलेस आदिवासी कॉलोनी बनी:
- 500 और 1000 रुपये के पुराने नोट बंद करने के फैसले के बाद नकदी को लेकर लोगों को अभी भी कुछ दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है, ऐसे में केरल की एक आदिवासी कॉलोनी को कैशलेस और डिजिटल घोषित किया गया है। नीलांबुर के इस कॉलोनी में शौचालय जैसी कई आधारभूत सुविधाएं नहीं हैं इसके वाबजूद यह कॉलोनी देश के लिए रोल मॉडल बन गई है।
- नक्सलियों से खतरा का सामना करने वाले इस कॉलोनी के लोग डिजिटल भुगतान के लिए तैयार हैं। जिलाधिकारी अमित मीणा ने नेदुमकयाम को 27 दिसम्बर 2016 को पहली डिजिटल और कैशलेस आदिवासी कॉलोनी घोषित की।
- इस घोषणा से पहले कॉलोनी के लोगों को कैशलेस ट्रांजैक्शन और डिजिटल भुगतान के बारे में एक सप्ताह तक प्रशिक्षित किया गया। प्रशिक्षण के दौरान कॉलोनी के लोगों ने स्मार्टफोन की मदद से जिलाधिकारी के खाते में 5-5 रुपये भेजे। फिर उन्होंने ऑनलाइन ट्रांजैक्शन से उनको 25-25 रुपये लौटाए।
- यह कॉलोनी कारूलयी पंचायत के अंतर्गत आती है। सांसद आदर्श ग्राम योजना के तहत सांसद पी वी अब्दुल बहाव ने इसे गोद लिया हुआ है। कॉलोनी के सामुदायिक केंद्र पर जन शिक्षण संस्थान ने वाई-फाई की सुविधा उपलब्ध करायी है। डिजिटल साक्षरता कार्यक्रम के लिए एक साल के लिए एक आदिवासी स्वयंसेवक को लगाया गया है।
चीन ने पर्यावरण टैक्स लगाया
- चीन ने प्रदूषण के खतरे से निपटने के लिए 26 दिसम्बर 2016 को पर्यावरण संरक्षण के लिए संसद में कानून पारित कर उद्योगों को खासतौर पर निशाना बनाते हुए हैवी इंडस्ट्रीज पर पर्यावरण कर लगाने का फैसला लिया है।
- चीन की राजधानी बीजिंग सहित कई शहरों में धुंध एक बार फिर से छा गई है। पेइचिंग के आसपास के प्रांतों को प्रदूषण की वजह से एक सप्ताह तक रेड अलर्ट का सामना करना पड़ा था।
- इसी वजह से वहां स्कूलों को बंद किया गया था और वाहनों को रेग्युलेट करने के लिए आॅड-इवेन सिस्टम लागू किया गया था। यह कानून चीन में 1 जनवरी 2018 से प्रभाव में आ जाएगा।
अग्नि 5 का सफल परीक्षण:
- 26 दिसम्बर 2016 को भारत की सर्वाधिक लंबी रेंज वाली इंटरकॉन्टीनेंटल मिसाइल अग्नि-5 मिसाइल का ओडिशा के अब्दुल कलाम आईलैंड से सफल परीक्षण किया गया।
- पूर्व में जनवरी 2015 में इसका परीक्षण किया गया, तब इसमें मामूली तकनीकी कमियां सामने आई। इन कमियों को ख़त्म करने के बाद मिसाइल का परीक्षण किया गया है। अग्नि-5 की जद में पाकिस्तान, चीन और यूरोप समेत आधी दुनिया है।
- इंटरकॉन्टीनेंटल मिसाइल अग्नि-5 का परीक्षण डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गनाइजेशन (डीआरडीओ) की देखरेख में किया गया।
- इंटरकॉन्टीनेंटल मिसाइल अग्नि-5-> 6000 किमी रेंज वाली यह मिसाइल एटमी हथियार ले जाने में सक्षम है।
सागरमाला विकास कंपनी लिमिटेड का उद्घाटन :
- केन्द्रीय पोत परिवहन, सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने 26 दिसम्बर 2016 को कहा कि बंदरगाह आधारित विकास और रोजगार सृजन को गति देने के लिए शुरू की गयी सागरमाला परियोजना में करीब 15 लाख करोड़ रुपये का निवेश होगा और इससे लगभग तीन करोड़ लोगों को रोजगार मिलेगा।
- गडकरी ने इस परियोजना के लिए वित्तपोषण एवं सहयोग के लिए विशेष इकाई सागरमाला विकास कंपनी लिमिटेड का शुभारंभ करने के बाद कहा कि बंदरगाह आधारित विकास एवं रोजगार सृजन के लिए सागरमाला के चार प्रमुख स्तम्भ – बंदरगाह आधुनिकीकरण एवं नये बंदरगाह का विकास, बंदरगाह कनेक्टिविटी, बंदरगाह आधारित औद्योगिकीकरण तथा तटीय समुदायों का विकास शामिल है।
- उन्होंने कहा कि सागरमाला परियोजना में 12 लाख करोड़ से लेकर 15 लाख करोड़ रुपये तक का निवेश होगा। यह परियोजना वर्ष 2035 तक के लिए है, लेकिन इसके वर्ष 2025 तक पूरा होने की संभावना है। इसके तहत राष्ट्रीय समृद्धि योजना शुरू की जायेगी जिसके तहत आठ लाख करोड़ रुपये लागत की 400 परियोजनायें होंगी। इनमें से एक लाख करोड़ रुपये की परियोजनायें शुरू हो चुकी हैं।
lokahd.com Aug 11, 2017
The schemes will be launched with the first draw by the Minister for Electronics and Information Technology Ravi Shankar Prasad and Finance Minister Arun Jaitley on December 25, 2016.