प्रस्तावना
बिल के मुख्य बिंदु
कार्य :यह तस्करी सम्बन्धी मामलों की जांच अन्य एजेंसियों तथा NGO के साथ मिलकर करेगा। इसके अलावा यह अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर विभिन्न संगठनों के साथ कार्य करेगा तथा सूचना का आदान-प्रदान भी किया जायेगा।
राज्य में तस्कर रोधी अफसर : इस बिल के अनुसार राज्य द्वारा इसके लिए स्टेट नोडल ऑफिसर की नियुक्ति की जाएगी। यह अफसर राज्य में इस बिल के प्रावधानों के अनुसार काम करेगा। प्रत्येक राज्य व राज्य के प्रत्येक जिले में राज्य सरकार द्वारा पुलिस नोडल अफसर की नियुक्ति की जाएगी।
तस्कर रोधी इकाइयां : इस बिल के प्रावधानों के अनुसार प्रत्येक जिले में तस्कर रोधी इकाइयां गठित की जाएँगी। यह इकाइयां मानव तस्करी को रोकथाम, बचाव तथा पीड़ितों व गवाहों की सुरक्षा का कार्य करेंगी।
तस्कर रोधी राहत व पुनर्वास समिति : इस बिल के द्वारा तीन स्तरों राष्ट्रीय, राज्य और जिला स्तर पर तस्कर रोधी रहत व पुनर्वास समिति का गठन किया जायेगा। यह समिति पीड़ितों को मुआवजा तथा समाज में उनके पुनर्वास के लिए कार्य करेगी।
खोज व बचाव कार्य : इस बिल के द्वारा तस्कर रोधी इकाई को संकट में फंसे लोगों का बचाव करने का कार्य सौंपा गया है। रेस्क्यू के बाद पीड़ित को बाल कल्याण समिति अथवा न्यायाधीश के सामने मेडिकल परीक्षण के लिए प्रस्तुत किया जायेगा। इस प्रकार रेस्क्यू किये गए व्यक्ति के लिए पुनर्वास सेवाएं जिला तस्कर रोधी इकाई द्वारा प्रदान की जाती हैं।
सुरक्षा व पुनर्वास : इस बिल के अनुसार केंद्र व राज्य सरकारों द्वारा पीड़ितों के लिए आश्रय, भोजन, काउंसलिंग तथा मेडिकल सेवा की व्यवस्था की जाएगी। लम्बे समय तक पीड़ित के पुनर्वास के लिए आश्रय प्रदान करने का दायित्व राज्य व केंद्र सरकार को सौंपा गया है। इसके लिए केंद्र सरकार द्वारा पुनर्वास फण्ड की स्थापना की जाएगी।
ट्रायल : इस बिल के अनुसार मानव तस्करी सम्बन्धी मामलों की सुनवाई के लिए प्रत्येक जिले में विशेष न्यायालय स्थापित किये जायेंगे तथा ट्रायल एक वर्ष में पूरा किया जायेगा।
दंड : इस बिल के द्वारा मानव तस्करी को बढ़ावा देने, पीड़ित की पहचान ज़ाहिर करने, बंधुआ मजदूरी करवाने जैसे गंभीर अपराधों के लिए सजा का प्रावधान किया गया है। मानव तस्करी के लिए 10 वर्ष के कठोर कारावास तथा न्यूनतम 1 लाख रुपये के जुर्माने का प्रावधान है।
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