नीति आयोग ने ईज ऑफ डूइंग बिज़नेस रिपोर्ट जारी की

  • admin
  • September 5, 2017

नीति आयोग ने ईज ऑफ डूइंग बिज़नेस रिपोर्ट जारी की:

    भारत को ईज ऑफ डुइंग बिजनेस की रैंकिंग में सुधार करना है तो उसे बिजनेस की राह में आने वाली सरकारी अड़चनों का हटाना होगा। यह बात नीति आयोग द्वारा जारी रिपोर्ट में कहा गया है। सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद और वाणिज्य राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) मंत्री निर्मला सीतारमण ने यह रिपोर्ट सार्वजनिक की। नीति आयोग के लिए आईडीएफसी इंस्टीट्यूट द्वारा सभी राज्‍यों और केंद्र शासित क्षेत्रों की 3500 मैन्‍युफैक्‍चरिंग फर्म पर सर्वे किया गया।

रिपोर्ट से जुड़े प्रमुख तथ्य:

  • रिपोर्ट में कहा गया है कि 19 फीसदी लेबर इन्‍टेंसिव फर्म्‍स में स्क्लिड वर्कर्स की ओर से काफी दिक्‍कतें आती हैं। 33 फीसदी ने कहा कि कॉन्‍ट्रैक्‍ट लेबर का हायर करने में परेशानी होती है। इसके अलावा लेबर इन्‍टेंसिव फर्म को इन्‍वायरमेंटल अप्रूवल्‍स में दिक्‍कत आती है।
  • इसके अनुसार देश में नया कारोबार शुरू करने में कम से कम 118 दिन लगते हैं। विश्व बैंक की सालाना ‘ईज ऑफ डूइंग बिजनेस’ रिपोर्ट में यह बताया जाता रहा है कि भारत में कारोबार शुरू करने में मात्र 26 दिन लगते हैं।
  • हालांकि विश्व बैंक यह रिपोर्ट सिर्फ दो शहरों- दिल्ली और मुंबई के आधार पर अपनी रिपोर्ट तैयार करता है जबकि नीति आयोग ने आइडीएफसी इंस्टीट्यूट के साथ मिलकर यह सर्वे परे देश में किया है।
  • रिपोर्ट में कहा गया है कि राज्‍य सरकारों को ईज ऑफ डुइं‍ग बिजनेस को इंप्रूव करने के लिए अवेरनेस बढ़ानी हागी। सर्वे में पाया गया कि ज्‍यादातर एंटरप्रेन्‍योर्स को राज्‍यों में चल रहे सिंगल विंडो सिस्‍टम के बारे में नहीं बताया।
  • केवल 20 फीसदी स्‍टार्ट अप्‍स को पता था कि राज्‍यों में नए बिजनेस शुरू करने के लिए सरकार की ओर से सिंगल विंडो सिस्‍टम शुरू किया गया है। यहां तक कि 41 फीसदी एक्‍सपटर्स ही इस बारे में पता था।
  • ‘ईज ऑफ डूइंग: एन एंटरप्राइजेज सर्वे ऑफ इंडियन स्टेट्स’ शीर्षक वाली इस रिपोर्ट के ये नतीजे चौंकाने वाले हैं। इस सर्वे में मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर की 23 श्रेणियों को कवर किया गया है। यह पहला ऐसा सर्वे है जिसमें सरकार की ओर अब तक ईज ऑफ डूइंग के लिए हुए उपायों के जमीनी प्रभाव को दर्शाया गया है।
  • रिपोर्ट के अनुसार बिजनेस शुरू करने के लिए सबसे कम समय 63 दिन तमिलनाडु में लगते हैं जबकि आंध्र प्रदेश में इसमें 67 दिन का वक्त लगता है। दूसरी ओर केरल में व्यवसाय शुरू करने में 214 दिन तथा असम में 248 दिन लगते हैं। रिपोर्ट में हालांकि यह उल्लेख नहीं किया गया है कि अन्य राज्यों में बिजनेस शुरू करने में कितना वक्त लगता है।
  • रिपोर्ट के अनुसार कंपनियों को जमीन अधिग्रहण में औसतन 156 दिन लगते हैं। भूमि अधिग्रहण में सबसे कम समय हिमाचल प्रदेश में लगता है जहां यह काम 28 दिन में होता है जबकि पंजाब में 242 दिन और छत्तीसगढ़ में 213 दिन का समय लगता है। इसी तरह कंस्ट्रक्शन परमिट पाने में औसतन 112 दिन का समय लगता है। विश्व बैंक की ईज ऑफ डूइंग बिजनेस रिपोर्ट-2017 में कहा गया था कि भारत में कंस्ट्रक्शन परमिट पाने में 190 दिन लगते हैं। इसमें भारत की रैंक 187 देशों में से 185वें नंबर पर थी।
  • आयोग की इस रिपोर्ट में दलील दी है गयी है कि विश्व बैंक की इस रिपोर्ट में कंस्ट्रक्शन परमिट के संबंध में वास्तविक स्थिति नहीं दिखायी गयी। कंस्ट्रक्शन परमिट मिलने के मामले में राज्यवार स्थिति का सवाल है तो मध्य प्रदेश में यह 41 दिनों में मिल जाता है जबकि असम में इसके लिए 270 दिन और केरल में 117 दिन इंतजार करना पड़ता है। रिपोर्ट में कहा गया है कि कंस्ट्रक्शन परमिट और अनापत्ति प्रमाण पत्र मिलने की प्रक्रिया को और बेहतर बनाने की आवश्यकता है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि अगर भारत को अपनी विकास दर दहाई के अंक में ले जानी है तो व्यावसायिक माहौल सुधारना होगा।
  • रिपोर्ट में यह तथ्य भी सामने आया है कि भारत में बड़ी कंपनियों को जरूरी मंजूरी लेने में अधिक समय लगता है जबकि छोटी कंपनियों को कम समय लगता है।

COMMENTS (1 Comment)

pooja kumari Sep 5, 2017

happy teacher day sir.

LEAVE A COMMENT

Search

Verified by ExactMetrics