10वां भारत और अमेरिकी व्यापार नीति मंच
भारत और अमेरिका के बीच 10वीं व्यापार नीति मंच (टीपीएफ) की बैठक नई दिल्ली में होगी| इस व्यापार नीति फोरम की बैठक दोनों देशों की व्यापार चिंताओं को हल करने और इसे आगे बढ़ाने पर केन्द्रित होगी।
दोनों देशों ने संयुक्त रूप से कृषि, सेवाओं, माल, विनिर्माण तथा बौद्धिक संपदा के क्षेत्र में निवेश को बढ़ावा देने की संयुक्त कार्य योजना पर सहमति व्यक्त की है।
इससे पहले 9वीं टीपीएफ की बैठक अक्टूबर, 2015 में वाशिंगटन डीसी, अमेरिका में आयोजित की गई थी।
दोनों पक्ष 2016 के लिए निर्धारित विकास योजनाओं के कार्यों की समीक्षा करेंगे।
भारत और अमेरिका के बीच द्विपक्षीय वाणिज्य संबंधों में तेजी से वृद्धि हो रही है। जिसका परिणाम है कि दोनों देशों के बीच 2015-16 में माल और सेवाओं के क्षेत्र में 109 बिलियन अमेरिकी डॉलर का व्यापार हुआ, जो अभी तक का सर्वोच्च प्रत्यक्ष विदेशी निवेश है।
टीपीएफ के तहत द्विपक्षीय सहयोग के परिणामों की बदौलत बाजार में पहुंच से और सेवाओं से संबंधित मुद्दों को हल करने में मदद मिली है।
लघु वित्त बैंक
लघु वित्त बैंकों बचत जमा जुटाने के लिए पूर्ण सेवा बैंक से अधिक ब्याज दर देने की रणनीति अपना रही है |जहाँ पूर्ण सेवा बैंकों के बचत बैंक जमाओं पर 4% ब्याज दर है वहीं लघु वित्त बैंकों के द्वारा इस तरह के जमाओं पर 5 और 7% के बीच ब्याज दर देने की योजना हैं।
2015 में, भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने लघु वित्त बैंक परिचालनों को शुरू करने के लिए 10 संस्थाओं को सैद्धांतिक मंजूरी दी थी ।ज्यादातर बैंकों को सूक्ष्म वित्त संस्थान के रूप में सैद्धांतिक मंजूरी मिली।
लघु वित्त बैंक क्या है ?
लघु वित्त बैंक मुख्य रूप से छोटे व्यापार इकाइयों, छोटे और सीमांत किसानों, सूक्ष्म और लघु उद्योगों और असंगठित क्षेत्र की संस्थाओं आदि के लिए जमा की स्वीकृति और उधार देने की गतिविधियों का कार्य करती है ।
लघु वित्त बैंक के कार्य —
छोटे जमा लेते है और ऋण देते है |
म्यूचुअल फंड, बीमा उत्पादों और अन्य साधारण तीसरे पक्ष के वित्तीय उत्पादों को वितरित करते है । अपनी कुल समायोजित निवल बैंक ऋण (net bank credit)के 75% प्राथमिकता क्षेत्र को उधार देते है ।
अधिकतम एकल ऋण ,पूंजी कोष का 10 % तक दे सकती है , जबकि एक समूह के लिए ऋण ,पूंजी कोष का 15 % तक हो सकता है |
लघु वित्त बैंक क्या नही कर सकते है ?
बड़ी कंपनियों और समूहों को उधार नही दे सकते |
प्रथम 5 वर्षों तक भारतीय रिजर्व बैंक के अनुमोदन के बिना शाखा नही खोल सकते |
यह गैर-बैंकिंग वित्तीय सेवाओं गतिविधियों को शुरू करने की सहायक कंपनियों की स्थापना नहीं कर सकते।
किसी भी बैंक के एक व्यापार संवाददाता(business correspondence) नहीं हो सकता।
RBI के दिशा-निर्देश
न्यूनतम पूंजी 100 करोड़ रुपये होनी चाहिए ।
पूंजी पर्याप्तता अनुपात जोखिम भारित परिसंपत्तियों का 15% होना चाहिए, टीयर I में 7.5% होना चाहिए |
कुल समायोजित निवल बैंक ऋण के 75% प्राथमिक क्षेत्र के ऋण होने चाहिए ।
विदेशी शेयरधारिता पूंजी के 74% सेअधिक नही होनी चाहिए जिसमे से FPI के रूप में 24 % से अधिक पूंजी नही होनी चाहिए |
मसाला बॉन्ड के जरिए HDFC ने जुटाए 500 करोड़
मसाला बॉन्ड जारी करके एचडीएफसी लिमिटेड अब तक कुल 5 हजार करोड़ रुपए जुटा चुका है।
मसाला बॉन्ड रुपए आधारित बॉन्ड होते है जो रुपए में विदेशों में जारी किए जाते हैं।…
एचडीएफसी के चौथे इश्यू के मसाला बॉन्ड का कूपन रेट 7.25 फीसदी वार्षिक है। यह बॉन्ड जनवरी 2020 में मैच्योर होगा। …
मसाला बॉन्ड रुपए में जारी किए जाते हैं। इसके जरिए घरेलू कंपनियां विदेशों में फंड जुटाती है इसमें रुपए में उतार-चढ़ाव का रिस्क निवेशक का होता है।
आरबीआई के डेबिट कार्ड रिप्लेस करने का निर्देश
रिजर्व बैंक ने बैंकों को 17.5 लाख डेबिट कार्ड रिप्लेस करने का निर्देश दिया है।
ये वह डेबिट कार्ड हैं जिनका कुछ एटीएम में इस्तेमाल किए जाने के बाद इनकी सुरक्षा पर संदेह खड़ा हुआ है।
वैसे एसबीआई अपने छह लाख कस्टमर्स के डेबिट कार्ड ब्लॉक कर इन्हें बदलने की प्रक्रिया शुरू कर चुका है।
वायरस अटैक के चलते इनके क्लोन बनने का खतरा था। इन कस्टमर्स को नए कार्ड फ्री में दिए जाएंगे।
कार्ड नेटवर्क कंपनियों एनपीसीआई, मास्टरकार्ड और वीजा ने बैंकों को डाटा चोरी के खतरे से आगाह किया था। इसी आधार पर एहतियाती कदम उठाया गया । एसबीआई के करीब 20 करोड़ डेबिट कार्ड सक्रिय हैं। इसके सहयोगी बैंकों के 4.75 करोड़ कार्ड हैं।
सोलर प्लांहट के लिए सिडबी देगा लोन
इंडस्ट्री में सोलर पावर को बढ़ावा देने के लिए स्मॉेल इंडस्ट्री व डेवलपमेंट बैंक (सिडबी) ने एसएमई संगठन आईएम एसएमई ऑफ इंडिया से समझौता किया है |
इस समझौते के तहत सिडबी द्वारा संगठन के सदस्योंऑ को 9.95 फीसदी ब्याज दर पर लोन दिया जाएगा, ताकि वे अपनी फैक्ट्री की छत पर सोलर पावर प्लांसट लगा सकें।
इंटीग्रेटिड एसोसिएशन्स ऑफ माइक्रो, स्मॉल एंड मीडियम एंटरप्राइजेज ( आईएमएसएमई) ऑफ इंडिया और सिडबी के अधिकारियों के बीच फरीदाबाद में एक समझौते पर हस्ताक्षर किए गए। संगठन की ओर से चेयरमैन राजीव चावला ने हस्तााक्षर किए और विश्वास दिलाया कि संगठन के देश भर में फैले उद्योगपति सदस्य इस योजना का लाभ उठाएंगे।
सोलर प्लांट लगाना अनिवार्य
कई राज्यों में कारोबारियों के लिए अपनी बिल्डिंग की छत पर सोलर पावर प्लांट लगाना अनिवार्य कर दिया गया है। सरकारी आदेश में कहा गया है कि 500 वर्ग मीटर से बड़े प्लॉनट पर बनी इंडस्ट्रियल बिल्डिंग की छत पर सोलर प्लांट लगाए जाएं।
माइक्रो, स्मॉपल एंड मीडियम सेक्टइर का कहना है कि नगदी की कमी झेल रहे कारोबारियों को सोलर प्लांट लगाने के लिए आसानी से लोन नहीं मिल रहा है। …
सोलर प्लांट लगाने के फायदे
सिडबी की ओर से 50 लाख रुपए तक के प्रोजेक्टो कॉस्ट वाले सोलर प्लांट लगाने पर 9.95 फीसदी ब्याज दर पर लोन दिया जाएगा। इसके लिए किसी तरह की सिक्योीरिटी भी नहीं जमा करानी होगी। इसके अलावा साइट सर्वे, टैक्निकल और कॉमर्शियल एडवाइस भी दी जाएगी।
GST के लिए 4 टियर टैक्स स्ट्रक्चर
जीएसटी काउंसिल की तीसरी बैठक में 4 टियर स्ट्रक्चर का प्रपोजल केंद्र सरकार ने सौंपा है। जिसमें 4 से 26 फीसदी के बीच चार टैक्स स्लैब बनाने का प्रपोजल है।
मीटिंग में राज्यों को मिलने वाले हर्जाने के फॉर्म्युले उसके डेफिनिशन पर सहमति बन गई है। साथ ही यह भी तय गिया है कि रेवेन्यु लॉस की भरपाई के लिए सेस भी लगाया जा सकता है। इसके अलावा सरकार ने यह भी संकेत दे दिए कि रेट तय करने में इस बात का ध्यान रखा जाएगा कि आम आदमी पर महंगाई का बोझ न पड़े।
केंद्र का प्रपोजल

4-5 रेट स्ट्रक्चर का प्रपोजल
जीएसटी काउंसिल की पहले दिन की बैठक खत्म होने के बाद वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बताया कि जीएसटी के लिए काउंसिल को 5 रेट स्लैब का प्रपोजल मिला हैं। साथ ही रेवेन्यु लॉस के लिए बेस ईयर 2015-16 को तय किया गया है। इसके अलावा जेटली ने कहा कि टैक्स रेट पर आम सहमति के साथ फैसला लिया जाएगा। जेटली ने कहा राज्यों को रेवेन्यु लॉस के लिए मिलने वाले हर्जाने के लिए फॉर्म्युले पर सभी राज्यों में सहमति बन गई है।
जीएसटी से नहीं बढ़ेगी महंगाई
जेटली ने यह भी कहा है कि जीएसटी के लिए जो रेट तय किए जाएंगे, उसमें इस बात का ध्यान रखा जाएगा, कि उसका असर महंगाई बढ़ाने के रुप में न हो।
इसके पहले सीईए अरविरंद सुब्रमण्यन कमेटी मोटे तौर पर 2 से 40 फीसदी के बीच का जीएसटी स्लैब रेट प्रपोजल किया है।
11 राज्य जो भौगोलिक रूप से डिसएडवाटेंज की स्थिति में हैं उन्हें भी रेवेन्यू के दायरे में लाया जाएगा। यानी रेवेन्यू डेफिनिशन में शामिल किया जाएगा।
पीपुल्स रिर्जेस एंड जस्टिस एलायन्स पार्टी (प्रजा )
मानव अधिकार कार्यकर्ता इरोम शर्मीला द्वारा नई राजनैतिक पार्टी पीपुल्स रिर्जेस एंड जस्टिस एलायन्स पार्टी (प्रजा)बनाने की घोषणा की गई है |
पार्टी आ उद्देश्य देश में हो रहे अन्याय के खिलाफ आवाज़ उठाना है |
विश्व ऑस्टियोपोरोसिस दिवस
ऑस्टियोपोरोसिस से होने वाले फ्रैक्चर और इसके कारण होने वाली विकलांगता की बढ़ती घटनाओं के मद्देनजर, विश्व ऑस्टियोपोरोसिस दिवस (20 अक्टूबर) पर चिकित्सा विशेषज्ञों ने भारत में तेजी से बढ़ रहे ऑस्टियोपोरोसिस के बारे में राष्ट्रीय स्तर पर जागरूकता अभियान शुरू करने का आह्वान किया है।
ऑस्टियोपोरोसिस की भारत में आम तौर पर पहचान नहीं हो पाती है, जिसकी वज़ह से इलाज करना भी मुश्किल हो जाता है। सबसे अधिक जोखिम वाले रोगी, जिनका फ्रैक्चर हो चुका हो, उनमें भी ऑस्टियोपोरोसिस की पहचान नहीं हो पाती और उनका इलाज नहीं हो पाता है।
हर व्यक्ति को अपने आहार में कैल्शियम, प्रोटीन और सूक्ष्म पोषक तत्वों सहित उचित खुराक लेनी चाहिए। इस आदत को स्कूल उम्र से ही शुरू कर देना चाहिए ताकि शिक्षक यह सुनिश्चित कर सकें कि हर बच्चा दिन भर में उचित पोषक तत्व ले रहा है। महिलाओं और वरिष्ठ नागरिकों में अधिकतर समय नुकसान पहले से ही हो चुका होता है, इसलिए उन्हें कैल्शियम, बाईफास्फोनेट और पैराथाइरॉयड होर्मोन के रूप में मिनिस्कल सहारे की ज़रूरत होती है। हालांकि समग्र स्वस्थ जीवनशैली को अपनाना और धूप के संपर्क में रहना हर किसी के लिए अनिवार्य है।
दुनिया भर में, ऑस्टियोपोरोसिस के कारण हर साल 89 लाख से अधिक फ्रैक्चर होते हैं।यह मुख्यतः महिलाओं को प्रभावित करता है |
क्या है ऑस्टियोपोरोसिस ?
ऑस्टियोपोरोसिस रोग में मरीज की हड्डियां इतनी कमजोर हो जाती है कि इस रोग से पीड़ित मरीज आसानी से गिर जाते हैं। ऐसी घटनाओं में, कुल्हे व कलाई की हड्डियों की टूटने की अधिक संभावना होती है।
भारत के लोगों में अस्थियों में कम द्रव्यमान, न्यूनतम कैल्शियम व विटामिन डी की कमी होने के कारण, इस रोग का खतरा तेज़ी से बढ़ रहा है। यह भ्रम है कि यह सिर्फ बुढ़ापे का विकार है। यदि हम डेयरी उत्पाद व विटामिन डी की खुराक के साथ पर्याप्त कैल्शियम का सेवन नहीं करते हैं, तो ऑस्टियोपोरोसिस कम उम्र में ही उत्पन्न हो सकता है। इस रोग की चपेट में ज्यादातर महिलाएं आती है और यह रोग 50 से 58 साल की महिलाओं को प्रभावित करता है। पुरुषों में यह रोग, 65 से 70 साल की उम्र में आता है।
इस रोग के सामान्य लक्षणों में पीठ दर्द, बोना कद और कूबड़ निकलना होता है। इस विकार को रोकने के लिए, नियमित अस्थि घनत्व चेकअप कराना आवश्यक है। इसकी जांच में डेंसिटोमीटर मशीन सहायक है। अल्प घनत्व का मतलब है कि जटिल फ्रैक्चर की अत्यधिक संभावना।
कृषि विज्ञान केंद्र
केंद्र सरकार ने देश भर के सभी ज़िलों में कम से कम एक कृषि विज्ञान केंद्र खोलने का ऐलान किया है। जिससे किसानों को उनके खेत के पास ही उन्नत क़ृषि के लिए तकनीकी सहायता उपलब्ध हो सके।
इसके साथ ही केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री, श्री राधा मोहन सिंह ने 10 राज्यों में मधुमक्खी विकास केंद्र खोलने का ऐलान भी किया है।
श्री सिंह ने किसानों से अपील की है कि धान की खेती से बचने वाले पुवाल का उपयोग जैविक खाद बनाने, पेपर बनाने, और कार्ड बोर्ड उद्योग और पशुओं के चारे के तौर पर करें। ताकि पुवाल जलाने से पर्यावरण को होने वाले नुकसान से बचा जा सके।
श्री सिंह ने सभी केवीके एवं जिला कृषि अधिकारियों को निर्देश दिए कि किसानों का ज्ञानवर्धन कर पुवाल का समुचित उपयोग करने कि विधि बताकर पुवाल का सदुपयोग कराएं।
श्री राधा मोहन सिंह ने देश में पेड़ों का संख्या बढ़ाने के लिए राष्ट्रीय वानिकी योजना के तहत मेड़ पर पेड़ लगाने का माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के मिशन को साकार करने की बात कही।
श्री सिंह ने किसान भाइयों को सुझाव दिया कि मछली की खेती अब धान के खेत में करें। जिससे कि किसानों आर्थिक लाभ होगा। केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री ने पशुपालन में देसी नस्लों को सुधारने पर विषेश बल दिया और पालतू पशुओं को होने वाले टीकाकरण जिसमें खुरपका-मुंहपका शामिल है के टीकाकरण पर भी ज़ोर दिया।
श्री राधा मोहन सिंह ने युवाओं से कृषि योजनाओं से जुड़े स्टार्ट अप से जुड़ने की अपील की और केवीके और कृषि से जुड़े अधिकारियों को निर्देश दिए कि स्टार्ट अप से जुड़ने में युवाओं की सहायता की जाए जिससे रोज़गार के अवसर पैदा किए जा सके।
‘चुनौती अभियान’
भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) ने 22 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में 100 प्रतिशत व्यस्कों की आधार संख्या सुनिश्चित करने के लिए ‘चुनौती अभियान’ शुरू किया है।
प्राधिकरण ने एक बयान में कहा कि यह अभियान 15 अक्तूबर से एक महीने तक चलेगा। अभी देशभर में 106.69 करोड़ आधार संख्याएं जारी की जा चुकी हैं।
इस ताजा अभियान का लक्ष्य इन राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में घटती-बढ़ती जनसंख्या या बचे हुए निवासियों को आधार से जोड़ना है। अभी आंकड़ों के हिसाब से व्यस्कों को पूर्ण रूप से आधार संख्या जारी किए जाने वाले राज्यों में महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़, दिल्ली और पंजाब शामिल हैं। इस अभियान का लक्ष्य एक भी बचे व्यक्ति को आधार से जोड़ना है।
BCCI लोढ़ा कमेटी की सिफारिशें लागू करे : SC
सुप्रीम कोर्ट ने साफ कहा है कि बीसीसीआई स्टेट क्रिकेट एसोसिएशन्स को तब तक फंड नहीं दे सकता, जब तक वह लोढ़ा कमेटी की सिफारिशें लागू नहीं कर लेता।
ये फंड किसी मैच को लेकर भी नहीं दिया जा सकता। सुप्रीम कोर्ट ने लोढ़ा पैनल से बीसीसीआई के खातों की जांच के लिए एक अलग ऑडिटर अप्वाइंट करने को भी कहा। दो हफ्ते में बताना होगा कि सिफारिशें लागू हुईं या नहीं |
सुप्रीम कोर्ट ने 3 दिसंबर तक बीसीसीआई प्रेसिडेंट अनुराग ठाकुर और सेक्रेटरी अजय शिर्के को हलफनामा देने को कहा है। इसमें उन्हें बताना होगा कि लोढ़ा कमेटी की सिफारिशों को लागू करने में कितना वक्त लगेगा।
साथ ही, कोर्ट ने लोढ़ा पैनल को अलग से एक ऑडिटर अप्वाइंट करने के लिए भी कहा है, ताकि बीसीसीआई के अकाउंट्स की जांच की जा सके।
साथ ही, कोर्ट ने बीसीसीआई के फाइनेंशियल ट्रांजैक्शन की लिमिट भी तय करने को कहा है। लोढ़ा पैनल ने सभी कॉन्ट्रैक्ट तय लिमिट से ज्यादा पाए थे।
नई जेनरेशन की ब्रह्मोस मिसाइल
भारत और रूस जल्द ही 600 किलोमीटर तक मारक क्षमता वाली नई जेनरेशन की ब्रह्मोस मिसाइल बनाएंगे.
भारत इसी साल जून महीने में मिसाइल टेक्नोलॉजी कंट्रोल रिजीम(MICR) का हिस्सा बना है. इसके परिणामस्वरूप ही रूस भारत के साथ मिलकर यह मिसाइल बनाएगा.
भारत के पास जो मौजूदा ब्रह्मोस मिसाइल है उसकी मारक क्षमता 290 किलोमीटर तक ही है.
हालांकि भारत के पास नेक्स्ट जेनरेशन ब्रह्मोस मिसाइल से ज्यादा मारक क्षमता वाली मिसाइलें हैं लेकिन ब्रह्मोस की खासियत है कि वह निश्चित लक्ष्य पर हमला कर सकता है. भले ही उस लक्ष्य को कितनी भी सुरक्षा दी जाए.
भारत और रूस के बीच गोवा समिट के दौरान यह सौदा हुआ था. इसके मुताबिक दोनों देश मिलकर कम दूरी की मिसाइलें भी बनाएंगे. जिसे पनडुब्बी और एयरक्राफ्ट से भी दागा जा सकता है.
INS तिहायु नेवी में शामिल
फॉलो ऑन वाटर जेट फ़ास्ट अटैक क्राफ्ट (FO – WJFAC ) श्रेणी की शिप आईएनएस तिहायु को भारतीय नेवी में शामिल कर लिए गया है |
इसका इस्तेमाल गश्त ,बचाव अभियान व समुंद्री लुटेरों के खिलाफ किया जाएगा |
यह शिप लेटेस्ट 4000 सीरीज के MTU इंजन से लैश है |
समुंद्री निगरानी को बेहतर बनाने के लिए इसमें लेटेस्ट कम्युनिकेशन इक्विपमेंट और रडार लगे हुए है |
शिप में स्वेदेशी ३० mm गन CRN -91 लगी हुई है जो हमले में बेहद प्रभावशाली होगी
रूस से मिलेगी न्यूक्लियर सबमरीन
रूस भारत को दूसरी न्यूक्लियर सबमरीन लीज पर देगा। इसकी कीमत करीब दो अरब डॉलर (13 हजार 333 करोड़ रुपए) होगी। अकुला-2 क्लास की यह सबमरीन 2020-21 में मिलने की उम्मीद है। यह सबमरीन पानी के भीतर 35 नॉट (करीब 65 km प्रति घंटा) की स्पीड से चलती है और सबसे कम आवाज करती है।
इंडियन नेवी में एक अकुला-2 क्लास की न्यूक्लियर सबमरीन ‘आईएनएस चक्र’ (जिसे पहले K-152 नेरपा के नाम से जाना जाता था) पहले से काम कर रही है।
इसे रूस ने 10 साल की लीज पर दिया था और इसे 4 अप्रैल 2012 को इंडियन नेवी में शामिल किया गया था।
अकुला- 2 क्लास की सबमरीन को एडवांस सबमरींस में से एक माना जाता है। हालांकि यह दुनिया की तेजी से हमला करने वाली न्यूक्लियर सबमरींस में शामिल नहीं है।
INS अरिहंत नेवी में शामिल
भारत ने देश में बनी पहली न्यूक्लियर आर्म्ड सबमरीन आईएनएस अरिहंत को नेवी के बेड़े में शामिल कर लिया है।
INS अरिहंत मिलने से भारत दुनिया का ऐसा छठा देश बन गया है, जिसने खुद न्यूक्लियर आर्म्ड सबमरीन बनाई है। अब तक 5 देशों अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, रूस और चीन के पास ही न्यूक्लियर ऑर्म्ड सबमरीन थीं।
3 न्यूक्लियर पावर्ड सबमरींस में अरिहंत पहली
– भारत ऐसी कुल 3 न्यूक्लियर पावर्ड सबमरीन बना रहा है। अरिहंत इनमें पहली है।
– आईएनएस अरिहंत 83 MW के लाइट वाटर रिएक्टर की मदद से आगे बढ़ती है।
– इसके कोर (भीतरी हिस्से) को रूस की मदद से डेवलप किया गया है।
– भारत ने आईएनएस अरिहंत को अब तक दुनिया से छिपा रखा है। इसके लिए 1990 में टॉप सीक्रेट ATV (एडवांस टेक्नोलॉजी वेसल) प्रोग्राम शुरू किया गया था।
– इस श्रेणी की दूसरी सबमरीन INS अरिधमन भी करीब-करीब तैयार है। इसे 2018 में नेवी को सौंपा जा सकता है।
भारत के लिए क्यों है जरूरी?
– पाकिस्तान और चीन ने बड़े पैमाने पर न्यूक्लियर वेपन्स तैनात करने की पॉलिसी अपना रखी है।
– हिंद महासागर क्षेत्र में चीन अपनी न्यूक्लियर सबमरीन्स की तैनाती बढ़ा रहा है। भारत की सिक्युरिटी के लिए यह चिंता का विषय है।
विशेषताए
– इस पर K-15 या बीओ-5 शॉर्ट रेंज मिसाइलें तैनात हैं। ये 700 किलोमीटर तक टारगेट हिट कर सकती हैं।
– अरहिंत K-4 बैलिस्टिक मिसाइलों से भी लैस है। इनकी रेंज 3500 किलोमीटर तक है।
– यह 6 हजार टन वजनी न्यूक्लियर सबमरीन है।
– इससे पानी के अंदर और पानी की सतह से न्यूक्लियर मिसाइल दागी जा सकती है।
– पानी के अंदर से किसी एयरक्राफ्ट को भी यह निशाना बना सकती है।
UDAN स्कीम लॉन्च

देश के छोटे शहरों के बीच हवाई सफर की सुविधा देने के मकसद से सरकार ने UDAN स्कीम लॉन्च कर दी। इसके तहत उन शहरों में जहां या तो एयर कनेक्टिविटी नहीं है या कम है उनके बीच सब्सिडाइज्डन रीजनल फ्लाइट शुरू की जाएंगी। इसके जरिए लोगों को सस्ता हवाई सफर मुहैया कराया जाएगा। सब्सि डाइज्ड्रीजनल फ्लाइट में 50% सीटों की टिकट प्राइस 2,500 रुपए प्रति घंटा रखी गई है। माना जा रहा है कि UDAN (उड़े देश का आम नागरिक ) स्कीडम के तहत पहली फ्लाइट जनवरी 2017 से उड़ने लगेगी।
UDAN की क्या है खासियत
500 किमी की फिक्ड्है विंग एयरक्राफ्ट फ्लाइट्स के लिए 2,500 रुपए प्रति घंटा का किराया रखा गया। इसमें सभी टैक्सा शामिल होंगे।
फ्लाइट की 50 फीसदी सीटें UDAN किराए के तहत रिजर्व होंगी, जिसका किराया 2500 रुपए होगा और बाकी 50 फीसदी सीटों पर मार्केट बेस्ड प्राइस पर होंगी।
UDAN स्कीम लेन के उद्देश्य …
इस स्कीम में किराए की लिमिट तय करने के अलावा कम या बगैर एयर कनेक्टिविटी वाले शहरों को फ्लाइट की फैसिलिटी देना है।
इससे घरेलू एविएशन सेक्टर को बढ़ावा मिलेगा। फिलहाल, इस सेक्टर में 20 फीसदी सालाना की बढ़ोत्तरी हो रही है।
देश में अभी 394 एयरपोर्ट ऐसे हैं, जहां कोई फ्लाइट सर्विस नहीं है। 16 एयरपोर्ट पर बहुत कम फ्लाइट हैं।
UDAN स्कीम के तहत बंद पड़े या कम सर्विस वाले 50 एयरपोर्ट को अपग्रेड किया जाएगा।
हिमाचल में ३ जल विद्दयुत परियोजना की शुरुआत —
हिमाचल प्रदेश में कोलडैम जल विद्दयुत परियोजना(800 MW),पारबती चरण – 3 परियोजना (540 MW),रामपुर परियोजना (412 MW) का उद्घाटन किया गया |
वाहन निर्माताओं को प्रत्येक निर्मित वाहन के उत्सर्जन और शोरगुल का स्तर विवरण देना अनिवार्य
1 अप्रैल, 2017 से सभी प्रकार के मोटर वाहन निर्माताओं के साथ-साथ ई-रिक्शा और ई-कार्ट निर्माताओं को अपने वाहन के उत्सर्जन का पूरा विवरण देना होगा।
हाल में ही एक अधिसूचना के माध्यम से केन्द्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने केन्द्रीय मोटर वाहन अधिनियम 1989 के तहत फॉर्म 22 में संशोधन किया है जिसके तहत वाहन निर्माताओं को सभी वाहनों के लिए प्रदूषण मानकों के अनुपालन का प्रारंभिक प्रमाणपत्र, अवयव गुणवत्ता के सुरक्षा मानकों का प्रमाण पत्र और रोड – पात्रता प्रमाण पत्र प्रदान करना होता है।
1 अप्रैल, 2017 से सभी वाहन निर्माताओं को संशोधित फॉर्म 22 में अपने हर एक वाहन के उत्सर्जन की जानकारी भी प्रदान करनी पड़ेगी। इस फॉर्म में ब्रांड, चेसिस नंबर (बैटरी संचालित वाहनों के संदर्भ में मोटर नंबर) और उत्सर्जन नियम तथा हर प्रदूषक के स्तर की जानकारी जैसे-कार्बन मोनोऑक्साइड, हाइड्रो कार्बन आदि देनी होगी। पेट्रोल और डीजल वाहनों को हॉर्न के ध्वनि स्तर का भी विवरण देना होगा।
स्वावस्थ्य ,खाद्य क्षेत्र में उत्पादों एवं सेवाओं के लिए अनिवार्य मानक बनाने की योजना तय
केंद्र सरकार ने उपभोक्ताोओं के हितों की रक्षा के लिए कई कदम उठाए हैं। स्वावस्थ्य, खाद्य आदि के क्षेत्र में सेवाओं एवं उत्पाउदों को अनिवार्य गुणवत्ताक मानकों का अनुसरण करना सभी को पड़ेगा। उपभोक्तावओं के वृहद हितों के लिए सोने एवं चांदी जैसी बेशकीमती धातुओं के लिए हॉलमार्किंग की आवश्यककता का नियम बन रहा है। इस प्रयोजन के लिए भारतीय मानक अधिनियम के नये ब्यूरो को लागू कर दिया गया है और नियम बनाए जा रहे हैं।
एमआरपी से अधिक कीमत वसूलना अनुचित व्यापार प्रचलन है और नया उपभोक्तां कानून नियम इस पर अंकुश लगाने में प्रभावी साबित होगा।
यह कानून लोगों को देश के किसी भी स्थाान से उपभोक्तान अदालतों में ऑनलाइन शिकायत दर्ज कराने में सक्षम बनाएगा और अदालतों में उनकी शिकायतों का समयबद्ध निवारण सुनिश्चित करेगा।
सार्वजनिक वितरण प्रणाली में आरंभ किए गए सुधारों को रेखांकित करते हुए कहा कि राशन कार्डों का 100 प्रतिशत डिजिटाजेशन पूरा कर लिया गया है और 70 प्रतिशत कार्डों को आधार कार्ड से जोड़ दिया गया है जिससे कि प्रणाली अधिक पारदर्शी और लीकप्रूफ बन सके।
वर्तमान में 81 करोड़ से अधिक लोग राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत सब्सिडी प्राप्त खाद्यान्न अर्थात 2रु./प्रति किलो ग्राम गेहूं और 3 रु./प्रतिकिलो ग्राम चावल प्राप्त कर रहे हैं। बहुत जल्द तमिलनाडु को छोड़कर पूरे देश के लाभार्थियों को खाद्यान प्राप्ता होना आरंभ हो जाएगा क्योंकि केरल ने भी अगले महीने से इस कानून को अमल में लाने पर सहमति व्यक्त कर दी है।
Sanjay Ranu Singh Nov 8, 2016
UPSC परीक्षा के लिए उपयुक्त सामग्री ....धन्यवाद रवि जी